shahdol:-सरकारी-सिस्टम-से-हताश-किसान-ने-मौत-को-गले-लगाने-का-किया-प्रयास,-महीनों-से-दफ्तर-के-काट-रहा-था-चक्कर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Wed, 14 Aug 2024 01: 02 PM IST MP: सरकारी सिस्टम से हताश होकर किसान ने आत्मदाह करने की कोशिश की है। हालांकि उससे ठीक पहले ही उसे चक्कर आ गया और वह कमिश्नर कार्यालय की सीढ़ियों पर से गिर गया। इसके बाद उसे कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में भर्ती किसान का जारी उपचार विस्तार Follow Us मंगलवार को जनसुनवाई में एक किसान कमिश्नर कार्यालय पहुंचा और आवेदन देते हुए उसने बताया कि उसकी निजी भूमि को पटवारी ने खुर्द बुर्द कर परिवार के अन्य सदस्यों के नाम कर दिया है। आवेदन में किसान ने यह भी जिक्र किया कि वह कई बार इस मामले की शिकायत कर चुका है, लेकिन इस मामले पर कोई कार्रवाई ना हो सकी है। जिससे वह परेशान हो गया है और अगर आज से 7 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं की गई तो वह अपने पूरे परिवार के साथ कमिश्नर कार्यालय के गेट के सामने आत्मदाह करेगा।  आवेदन कमिश्नर कार्यालय में जनसुनवाई कक्ष में मौजूद मैडम के हाथ में किसान ने दिया, लेकिन मैडम ने तो सिस्टम से काम किया जो सिस्टम सरकारी है। मैडम ने किसान का आवेदन पत्र लिय, बिना पढ़े ही उसे साइड में रख दिया। जिसके बाद किसान ने मैडम से निवेदन कर बताया कि मैडम एक बार आवेदन को जरा गौर से देख लीजिए, मैंने कई बार इस तरह के आवेदन दिए हैं, लेकिन मैडम ने जवाब दिया की जाओ देख लेंगे. यह सुनते ही किसान निराश हो गया और वह यह समझ गया कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।  किसान ने 7 दिन के बाद कमिश्नर कार्यालय के गेट के सामने परिवार के साथ आत्मदाह करने का आवेदन में जिक्र किया था, लेकिन सरकारी सिस्टम देख किसान ने तुरंत अपना इरादा बदलते हुए वहां से निकल गया और पेट्रोल टंकी जाकर एक खाली बोतल में पेट्रोल के साथ अपने हाथ में लाइटर लेकर कमिश्नर कार्यालय दोबारा पहुंचा और दोपहर 2 बजे का इंतजार करने लगा। जैसे ही 2 बजे वह आत्मदाह करने की तैयारी करने लगा, तभी कमिश्नर कार्यालय की सीढ़ी में अचानक किसान को चक्कर आ गया और वह गिर पड़ा। इसके बाद कमिश्नर कार्यालय के कर्मचारियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसे उपचार दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बृजराज जोगी निवासी कोदैली रामपुर अनूपपुर ने बताया कि वह बीते एक वर्ष से परेशान है। उसकी 10 एकड़ भूमि पटवारी ने खुर्दबुर्द कर परिवार के अन्य सदस्यों के नाम कर दिया है। जिसकी शिकायत वह कई बार तहसील कार्यालय, कलेक्टर अनूपपुर, कमिश्नर सहित आइजी से कर चुका था, लेकिन उसे कहीं से न्याय नहीं मिला। जिससे पेरशान होकर वह मंगलवार को मोटर साइकल से कमिश्नर् कार्यालय पहुंचा, जहां अधिकारी को आवेदन दिया। वहीं आवेदन में कहा पीड़ित बृजराज जोगी 57 वर्ष था कि 7 दिवस के अंदर जांच नहीं कराया गया तो पूरा परिवार कार्यालय के सामने दोपहर दो बजे आत्मदाह करेंगे। लेकिन पीड़ित को कार्यालय में संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिससे आत्मघाती कदम उठाने मजबूर हो गया।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Wed, 14 Aug 2024 01: 02 PM IST

MP: सरकारी सिस्टम से हताश होकर किसान ने आत्मदाह करने की कोशिश की है। हालांकि उससे ठीक पहले ही उसे चक्कर आ गया और वह कमिश्नर कार्यालय की सीढ़ियों पर से गिर गया। इसके बाद उसे कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में भर्ती किसान का जारी उपचार

विस्तार Follow Us

मंगलवार को जनसुनवाई में एक किसान कमिश्नर कार्यालय पहुंचा और आवेदन देते हुए उसने बताया कि उसकी निजी भूमि को पटवारी ने खुर्द बुर्द कर परिवार के अन्य सदस्यों के नाम कर दिया है। आवेदन में किसान ने यह भी जिक्र किया कि वह कई बार इस मामले की शिकायत कर चुका है, लेकिन इस मामले पर कोई कार्रवाई ना हो सकी है। जिससे वह परेशान हो गया है और अगर आज से 7 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं की गई तो वह अपने पूरे परिवार के साथ कमिश्नर कार्यालय के गेट के सामने आत्मदाह करेगा। 

आवेदन कमिश्नर कार्यालय में जनसुनवाई कक्ष में मौजूद मैडम के हाथ में किसान ने दिया, लेकिन मैडम ने तो सिस्टम से काम किया जो सिस्टम सरकारी है। मैडम ने किसान का आवेदन पत्र लिय, बिना पढ़े ही उसे साइड में रख दिया। जिसके बाद किसान ने मैडम से निवेदन कर बताया कि मैडम एक बार आवेदन को जरा गौर से देख लीजिए, मैंने कई बार इस तरह के आवेदन दिए हैं, लेकिन मैडम ने जवाब दिया की जाओ देख लेंगे. यह सुनते ही किसान निराश हो गया और वह यह समझ गया कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

किसान ने 7 दिन के बाद कमिश्नर कार्यालय के गेट के सामने परिवार के साथ आत्मदाह करने का आवेदन में जिक्र किया था, लेकिन सरकारी सिस्टम देख किसान ने तुरंत अपना इरादा बदलते हुए वहां से निकल गया और पेट्रोल टंकी जाकर एक खाली बोतल में पेट्रोल के साथ अपने हाथ में लाइटर लेकर कमिश्नर कार्यालय दोबारा पहुंचा और दोपहर 2 बजे का इंतजार करने लगा। जैसे ही 2 बजे वह आत्मदाह करने की तैयारी करने लगा, तभी कमिश्नर कार्यालय की सीढ़ी में अचानक किसान को चक्कर आ गया और वह गिर पड़ा। इसके बाद कमिश्नर कार्यालय के कर्मचारियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसे उपचार दिया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार बृजराज जोगी निवासी कोदैली रामपुर अनूपपुर ने बताया कि वह बीते एक वर्ष से परेशान है। उसकी 10 एकड़ भूमि पटवारी ने खुर्दबुर्द कर परिवार के अन्य सदस्यों के नाम कर दिया है। जिसकी शिकायत वह कई बार तहसील कार्यालय, कलेक्टर अनूपपुर, कमिश्नर सहित आइजी से कर चुका था, लेकिन उसे कहीं से न्याय नहीं मिला। जिससे पेरशान होकर वह मंगलवार को मोटर साइकल से कमिश्नर् कार्यालय पहुंचा, जहां अधिकारी को आवेदन दिया। वहीं आवेदन में कहा पीड़ित बृजराज जोगी 57 वर्ष था कि 7 दिवस के अंदर जांच नहीं कराया गया तो पूरा परिवार कार्यालय के सामने दोपहर दो बजे आत्मदाह करेंगे। लेकिन पीड़ित को कार्यालय में संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिससे आत्मघाती कदम उठाने मजबूर हो गया। 

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