shahdol:-झींक-बिजुरी-में-बिगड़ी-स्वास्थ्य-व्यवस्था;-सुरक्षाकर्मी-जांच-रहे-मरीजों-का-बीपी-शुगर
मरीज का बीपी चेक करता सुरक्षाकर्मी। - फोटो : Amar Ujala Digital विस्तार Follow Us जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था वर्तमान समय में पटरी से नीचे उतर चुकी है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि सुरक्षाकर्मी अस्पताल में मरीजों का बीपी और शुगर की जांचकर पर्चियां लिख रहे हैं। इसका प्रमाण जिले के अंतिम छोर छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींक बिजुरी में देखने को मिला।  अमर उजाला की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और अस्पताल में जाकर वहां की जमीनी हकीकत के बारे में जाना तो पता चला कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है। अस्पताल के भीतर घुसते ही गेट पर बैठा सुरक्षाकर्मी आने वाले मरीजों की बीपी एवं शुगर की जांच कर साथ में लाएं पर्ची में सुरक्षाकर्मी उस पर्ची में जांच कर लिख भी रहा है। इसी गांव में विधायक जैतपुर मनीषा सिंह को कुछ दिन पहले ही नाराज ग्रामीणों ने रोक लिया था कई सारी समस्याओं से विधायक को अवगत कराया था, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को शासन ने करोड़ों रुपये खर्च कर बनवाया है यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांव झींक बिजुरी में स्थित है, जिसकी वजह से यहां मरीजों का आना जाना अधिक होता है। इस अस्पताल में एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है कुछ माह पहले ही डॉक्टर भूपेंद्र सिंह सेंगर पीजी के लिए जिला अस्पताल आ गए हैं जिसके बाद से महीनों गुजर गए और डॉक्टर वहीं अस्पताल से अब मरीजों को समस्याएं होने लगी है। दो दिन की ड्यूटी फिर भी भी समय नहीं निर्धारित ग्रामीणों ने बताया कि आने जाने वाले मरीज काफी परेशान होते हैं। डॉक्टर सप्ताह में दो दिन जैतपुर से यहां आते हैं, लेकिन उनके आने का भी कोई समय निर्धारित नहीं रहता, जिसकी वजह से अब दिन प्रतिदिन समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर न होने की वजह से उन्होंने लगातार विरोध किया और मांग भी की जिसके बाद अधिकारियों ने जैतपुर में पदस्थ डॉक्टर को दो दिनों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींक बिजुरी में पहुंचकर मरीजों का इलाज करने के लिए कहा गया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर परस्ते जयपुर से ही यहां नहीं पहुंचते अगर आते भी हैं तो मनमौजी तरीके से यहां आते हैं और चले जाते हैं, जिससे मरीजों के हित में काम नहीं हो पा रहा है जिससे लोग परेशान हैं। स्टाफ नर्स के बावजूद सुरक्षा कर्मी कर रहा था जांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच स्टाफ नर्स की पदस्थापना है उसके बावजूद भी सुरक्षाकर्मी मरीजों की डीपी एवं शुगर की जांच कर रहा है लोगों का कहना है कि यहां पदस्थ स्टाफ भी सही ढंग से काम नहीं करता डॉक्टर न होने की वजह से नर्सिंग स्टाफ भी अपने मनमर्जी तरीके से काम करता है। कई सारी समस्याओं को लेकर लोगों ने रोका था विधायक का वाहन अस्पताल सड़क बिजली जैसी कई सारी समस्याओं को लेकर जैतपुर विधायक को झींक बिजुरी गांव में लोगों ने मुख्य मार्ग पर ही उनके वाहन को रोक लिया वाहन में विधायक स्वार्थी लोगों ने खराब सड़क और अन्य समस्याओं को लेकर विधायक से उनके वाहन को रोककर बातचीत करनी चाही, लेकिन वाहन से विधायक नहीं उतरी और पंचायत भवन में जाकर लोगों की समस्याएं सुनी और लोगों ने खूब खरी-खोटी विधायक जैतपुर को सुना डाली। विकास पर्व पर पहुंची थी विधायक जयपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मनीषा सिंह गांव में विकास पर्व मनाने पहुंची थीं। लोगों में काफी नाराजगी थी। लोगों का कहना था कि क्षेत्र में विकास हुआ ही नहीं। अस्पताल में डॉक्टर नहीं। सड़कें खराब हैं तो विकास पर्व काहे का। जिसको लेकर ग्रामीणों ने विधायक को बीच सड़क पर ही उनके वाहन को रोक लिया, लेकिन सड़क पर वाहन से विधायक नहीं उतरी लोगों ने जब पंचायत भवन पहुंचे तो लोगों ने खूब विधायक को खरी-खोटी भी सुनाई लोगों का कहना है कि क्षेत्र की विधायक ने उनके क्षेत्र का विकास नहीं किया और वह विकास पर्व मनाने यहां क्यों पहुंची थी। इनका कहना है अस्पताल में सुरक्षाकर्मी लोगों की जांच कर रहे इस मामले पर जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आरके वर्मा बुढ़ार से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि यहां स्टाफ रुकना नहीं चाहता और चंद हजार रुपये देकर अपना तबादला करा लेता है। ब्लॉक मेडिकल बुढ़ार डॉक्टर वर्मा ने भी कहा कि पैसे देकर स्टाफ ट्रांसफर करा लेता है, जिसकी वजह से व्यवस्था गड़बड़ा जा रही है।

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मरीज का बीपी चेक करता सुरक्षाकर्मी। – फोटो : Amar Ujala Digital

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जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था वर्तमान समय में पटरी से नीचे उतर चुकी है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि सुरक्षाकर्मी अस्पताल में मरीजों का बीपी और शुगर की जांचकर पर्चियां लिख रहे हैं। इसका प्रमाण जिले के अंतिम छोर छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींक बिजुरी में देखने को मिला। 

अमर उजाला की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और अस्पताल में जाकर वहां की जमीनी हकीकत के बारे में जाना तो पता चला कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है। अस्पताल के भीतर घुसते ही गेट पर बैठा सुरक्षाकर्मी आने वाले मरीजों की बीपी एवं शुगर की जांच कर साथ में लाएं पर्ची में सुरक्षाकर्मी उस पर्ची में जांच कर लिख भी रहा है। इसी गांव में विधायक जैतपुर मनीषा सिंह को कुछ दिन पहले ही नाराज ग्रामीणों ने रोक लिया था कई सारी समस्याओं से विधायक को अवगत कराया था, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को शासन ने करोड़ों रुपये खर्च कर बनवाया है यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांव झींक बिजुरी में स्थित है, जिसकी वजह से यहां मरीजों का आना जाना अधिक होता है। इस अस्पताल में एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है कुछ माह पहले ही डॉक्टर भूपेंद्र सिंह सेंगर पीजी के लिए जिला अस्पताल आ गए हैं जिसके बाद से महीनों गुजर गए और डॉक्टर वहीं अस्पताल से अब मरीजों को समस्याएं होने लगी है।

दो दिन की ड्यूटी फिर भी भी समय नहीं निर्धारित
ग्रामीणों ने बताया कि आने जाने वाले मरीज काफी परेशान होते हैं। डॉक्टर सप्ताह में दो दिन जैतपुर से यहां आते हैं, लेकिन उनके आने का भी कोई समय निर्धारित नहीं रहता, जिसकी वजह से अब दिन प्रतिदिन समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर न होने की वजह से उन्होंने लगातार विरोध किया और मांग भी की जिसके बाद अधिकारियों ने जैतपुर में पदस्थ डॉक्टर को दो दिनों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींक बिजुरी में पहुंचकर मरीजों का इलाज करने के लिए कहा गया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर परस्ते जयपुर से ही यहां नहीं पहुंचते अगर आते भी हैं तो मनमौजी तरीके से यहां आते हैं और चले जाते हैं, जिससे मरीजों के हित में काम नहीं हो पा रहा है जिससे लोग परेशान हैं।

स्टाफ नर्स के बावजूद सुरक्षा कर्मी कर रहा था जांच
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच स्टाफ नर्स की पदस्थापना है उसके बावजूद भी सुरक्षाकर्मी मरीजों की डीपी एवं शुगर की जांच कर रहा है लोगों का कहना है कि यहां पदस्थ स्टाफ भी सही ढंग से काम नहीं करता डॉक्टर न होने की वजह से नर्सिंग स्टाफ भी अपने मनमर्जी तरीके से काम करता है।

कई सारी समस्याओं को लेकर लोगों ने रोका था विधायक का वाहन
अस्पताल सड़क बिजली जैसी कई सारी समस्याओं को लेकर जैतपुर विधायक को झींक बिजुरी गांव में लोगों ने मुख्य मार्ग पर ही उनके वाहन को रोक लिया वाहन में विधायक स्वार्थी लोगों ने खराब सड़क और अन्य समस्याओं को लेकर विधायक से उनके वाहन को रोककर बातचीत करनी चाही, लेकिन वाहन से विधायक नहीं उतरी और पंचायत भवन में जाकर लोगों की समस्याएं सुनी और लोगों ने खूब खरी-खोटी विधायक जैतपुर को सुना डाली।

विकास पर्व पर पहुंची थी विधायक
जयपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मनीषा सिंह गांव में विकास पर्व मनाने पहुंची थीं। लोगों में काफी नाराजगी थी। लोगों का कहना था कि क्षेत्र में विकास हुआ ही नहीं। अस्पताल में डॉक्टर नहीं। सड़कें खराब हैं तो विकास पर्व काहे का। जिसको लेकर ग्रामीणों ने विधायक को बीच सड़क पर ही उनके वाहन को रोक लिया, लेकिन सड़क पर वाहन से विधायक नहीं उतरी लोगों ने जब पंचायत भवन पहुंचे तो लोगों ने खूब विधायक को खरी-खोटी भी सुनाई लोगों का कहना है कि क्षेत्र की विधायक ने उनके क्षेत्र का विकास नहीं किया और वह विकास पर्व मनाने यहां क्यों पहुंची थी।

इनका कहना है
अस्पताल में सुरक्षाकर्मी लोगों की जांच कर रहे इस मामले पर जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आरके वर्मा बुढ़ार से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि यहां स्टाफ रुकना नहीं चाहता और चंद हजार रुपये देकर अपना तबादला करा लेता है। ब्लॉक मेडिकल बुढ़ार डॉक्टर वर्मा ने भी कहा कि पैसे देकर स्टाफ ट्रांसफर करा लेता है, जिसकी वजह से व्यवस्था गड़बड़ा जा रही है।

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