sehore-weather:-सावन-की-बारिश-ने-दी-गर्मी-से-राहत,-किसानों-के-चेहरे-खिले,-मुरझाई-सोयाबीन-में-आई-जान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Sun, 20 Aug 2023 11: 35 AM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें Sehore News: वर्षा से किसानों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि अंचल में किसान कई दिनों से आसमान की तरफ टकटकी लगाकार वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इसकी कमी के चलते सोयाबीन सहित अन्य फसलें मुरझा रही थीं। फाइल फोटो - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us सावन माह में एक बार फिर से मौसम में बदलाव हुआ है। लंबे समय से थमी बारिश फिर से शुरू हुई है। पिछले 24 घंटे से शहर में रुक-रुककर रिमझिम बारिश हो रही, जिससे दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। लगातार बारिश से दिन के तापमान में दो डिग्री की गिरावट हुई है, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली है।  पिछले 24 घंटे में करीब एक इंच औसत बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, बारिश ने फसलों के लिए अमृत का काम किया है। इससे किसानों ने भी राहत की सांस ली है। क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से वर्षा नहीं होने के कारण सोयाबीन फसल में आए फूल मुरझाने लगे थे, जिससे किसानों को फसल के खराब होने का डर सता रहा था। कई किसान फसल की सिंचाई करने की तैयारी में जुट गए थे, लेकिन वर्षा होने के बाद मुरझाई फसल में जान आ गई। पिछले 24 घंटे में सीहोर जिले में करीब एक इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। तहसीलों की बात करें तो जिले के भेरूंदा और बुधनी में पिछले 24 घंटे में डेढ़ डेढ इंच बारिश रिकॉर्ड की गई।  सोयाबीन की नई वैरायटी को होगा लाभ पिछले 24 घंटे में हुई बारिश से 9560 वैरायटी को अधिक फायदा होगा। वहीं, देर से आने वाली वैरायटी को अभी पानी की दरकार बनी हुई है। बता दें, शुक्रवार को सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए हुए थे, दोपहर 12 बजे के करीब वर्षा का सिलसिला रिमझिम फुहारों के साथ शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे तेज होता चला गया। शनिवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। वर्षा से किसानों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि अंचल में किसान कई दिनों से आसमान की तरफ टकटकी लगाकार वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इसकी कमी के चलते सोयाबीन सहित अन्य फसलें मुरझा रही थीं।  सोयाबीन में दिखाई देने लगा था पीलापन सोयाबीन की फसल में पीलापन दिखाई देने लगा था। धूप होने से फसलें मुरझाने लगी थीं। किसानों ने जून के अंत में खरीफ फसल की बुवाई शुरू की थी। इसके बाद से उचित समय अंतराल में वर्षा हो रही थी। फसल के करीब 35 से 40 दिनों की होने बाद इसे पानी की जरूरत तेज हो गई थी। अंचल में सोयाबीन, उड़द फसलों में फूल आना शुरू हो गए हैं। वर्षा नहीं होने से फसलों में पीलापन दिखाई देने लगा था। फसलों में फूल करीब 8-10 दिनों में फल का रूप लेंगे। वर्तमान में फूल-फल की वृद्धि के लिए अच्छी वर्षा की जरूरत है। किसानों ने बताया कि अगर चार दिन और बारिश नहीं होती तो फूल झडऩे लगते। इससे फसलों की ग्रोथ रुक गई थी, वहीं वर्षा नहीं होने से फसलों में कीट का प्रकोप भी बढ़ने लगा था। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Sun, 20 Aug 2023 11: 35 AM IST

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Sehore News: वर्षा से किसानों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि अंचल में किसान कई दिनों से आसमान की तरफ टकटकी लगाकार वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इसकी कमी के चलते सोयाबीन सहित अन्य फसलें मुरझा रही थीं। फाइल फोटो – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार Follow Us

सावन माह में एक बार फिर से मौसम में बदलाव हुआ है। लंबे समय से थमी बारिश फिर से शुरू हुई है। पिछले 24 घंटे से शहर में रुक-रुककर रिमझिम बारिश हो रही, जिससे दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। लगातार बारिश से दिन के तापमान में दो डिग्री की गिरावट हुई है, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली है।  पिछले 24 घंटे में करीब एक इंच औसत बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, बारिश ने फसलों के लिए अमृत का काम किया है। इससे किसानों ने भी राहत की सांस ली है। क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से वर्षा नहीं होने के कारण सोयाबीन फसल में आए फूल मुरझाने लगे थे, जिससे किसानों को फसल के खराब होने का डर सता रहा था। कई किसान फसल की सिंचाई करने की तैयारी में जुट गए थे, लेकिन वर्षा होने के बाद मुरझाई फसल में जान आ गई। पिछले 24 घंटे में सीहोर जिले में करीब एक इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। तहसीलों की बात करें तो जिले के भेरूंदा और बुधनी में पिछले 24 घंटे में डेढ़ डेढ इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। 

सोयाबीन की नई वैरायटी को होगा लाभ
पिछले 24 घंटे में हुई बारिश से 9560 वैरायटी को अधिक फायदा होगा। वहीं, देर से आने वाली वैरायटी को अभी पानी की दरकार बनी हुई है। बता दें, शुक्रवार को सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए हुए थे, दोपहर 12 बजे के करीब वर्षा का सिलसिला रिमझिम फुहारों के साथ शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे तेज होता चला गया। शनिवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। वर्षा से किसानों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि अंचल में किसान कई दिनों से आसमान की तरफ टकटकी लगाकार वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इसकी कमी के चलते सोयाबीन सहित अन्य फसलें मुरझा रही थीं। 

सोयाबीन में दिखाई देने लगा था पीलापन
सोयाबीन की फसल में पीलापन दिखाई देने लगा था। धूप होने से फसलें मुरझाने लगी थीं। किसानों ने जून के अंत में खरीफ फसल की बुवाई शुरू की थी। इसके बाद से उचित समय अंतराल में वर्षा हो रही थी। फसल के करीब 35 से 40 दिनों की होने बाद इसे पानी की जरूरत तेज हो गई थी। अंचल में सोयाबीन, उड़द फसलों में फूल आना शुरू हो गए हैं। वर्षा नहीं होने से फसलों में पीलापन दिखाई देने लगा था। फसलों में फूल करीब 8-10 दिनों में फल का रूप लेंगे। वर्तमान में फूल-फल की वृद्धि के लिए अच्छी वर्षा की जरूरत है। किसानों ने बताया कि अगर चार दिन और बारिश नहीं होती तो फूल झडऩे लगते। इससे फसलों की ग्रोथ रुक गई थी, वहीं वर्षा नहीं होने से फसलों में कीट का प्रकोप भी बढ़ने लगा था।

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