ऑयल बॉल अभियान। – फोटो : अमर उजाला
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जिले में डेंगू-मलेरिया पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह की पहल पर ‘ऑयल बॉल को बनाकर हथियार, मलेरिया डेंगू को भगाएंगे इस बार’ अभियान पूरे जिले में एक साथ प्रातः 10 बजे से 11 बजे के बीच ठहरे हुए पानी में डेंगू-मलेरिया रोधी ऑयल बॉल डाल कर शुरू किया गया।
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सीहोर के देव नगर कालोनी में नगर पालिका अमले के साथ रुके हुए पानी में ऑयल बॉल डाल कर डेंगू मलेरिया नियंत्रण में आम नागरिकों से अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की। यह ऑयल बॉल 15 दिवस पश्चात उन्हीं स्थानों में पुनः डाली जाएंगी। जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी द्वारा इछावर जनपद के ग्राम पंचायत सिराली में ऑयल बॉल ठहरे हुए पानी में डाली गई। इस अभियान के साथ ही एक पेड़ मां के सम्मान में अभियान के तहत पौधरोपण भी किया गया।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत 60 हजार से अधिक ऑयल बाल डालीं गईं। इसमें 54 हजार से अधिक ऑयल बॉल ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 6 हजार से अधिक ऑयल बॉल नगरीय क्षेत्रों में रुके हुए पानी में डाली गईं। कलेक्टर सिंह ने ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के अमले के साथ ही सक्रिय भूमिका निभाने वाले जनप्रतिनिधियों, नागरिकों तथा शासकीय सेवकों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने इसी प्रकार 15 दिवस पश्चात इस अभियान के दूसरे चरण को सफल बनाने की अपील की है।
सस्ता और कारगर उपाय है ऑयल बॉल
कलेक्टर सिंह ने बताया कि ठहरे हुए पानी में मलेरिया और डेंगू के मच्छरों के लार्वा नियंत्रण के लिए ऑयल बॉल सबसे सस्ता और कारगर उपाय है। ऑयल बॉल लकड़ी के बुरादे, खराब ऑयल और अनुपयोगी कपड़ों से तैयार की जाती है। आमजन भी अपने आसपास ठहरे हुए पानी में ऑयल बॉल डालकर डेंगू और मलेरिया के नियंत्रण में सहयोग कर सकते हैं।
ऐसे बनाई गई ऑयल बॉल
कलेक्टर सिंह ने बताया कि वर्षा काल में मच्छर जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए एवं मच्छरों की बढ़ती संख्या को नियंत्रण के लिए जले हुए तेल/मोटरआयल से निर्मित बॉल (गेंद) बनाई जाती है। यह बाल लकड़ी के बुरादे को सूती कपड़े में लपेटकर और फिर जले हुए तेल में भिगोकर बनाई गई है। इस बाल को जहां भी पानी जमा हो जैसे- गड्ढों, नाले, खाली प्लाट या ऐसी सभी जगह जहां पानी की निकासी लंबे समय तक नहीं हुई हो वहां पर इस बॉल को डाला गया है।
ऑयल बॉल ऐसे करेगी काम
ऑयल बॉल से तेल निकल कर पानी की पूरी सतह को कवर कर लेगा, जिससे मच्छर के किसी भी प्रकार के लार्वा को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिलने से वह पनप नहीं पाएगा।
15 दिन बाद पुनः दोहराई जाएगी यही प्रक्रिया
कलेक्टर सिंह ने बताया कि आज समस्त ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में प्रातः 10 बजे से 11 बजे के बीच अभियान के रूप में ऑयल बाल ठहरे हुए पानी डाली गई हैं। इस अभियान के दूसरे चरण में 15 दिवस पश्चात पुनः इस प्रक्रिया को दोहराया जाएगा।
ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों ने तैयार की ऑयल बाल
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बताया कि मच्छरों की बढ़ती संख्या के नियंत्रण लिए जिले में अभियान को सफल बनाने में ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिले में 60 हजार ऑयल बॉल बनाई गईं। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में 100-100 ऑयल बॉल तथा सभी नगरीय क्षेत्रों में 6,000 से अधिक ऑयल बॉल तैयार की गई।
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