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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिहोर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Fri, 28 Jun 2024 02: 12 PM IST सोमैया विद्या विहार मुंबई ने रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर का उद्घाटन किया, जो हर वर्ग के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करेगा। इस स्कूल का उद्देश्य समावेशी एवं श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करने के साथ हर बच्चे को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना है।  रेहटी में तैयार सोमैया विद्या मंदिर। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us हाल ही में सोमैया विद्याविहार (मुंबई) ने मध्य प्रदेश के रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर स्कूल का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य बुदनी, रेहटी, नसरुल्लागंज और ओबेदुल्लागंज के इलाकों में रहने वाले बच्चों को मूल्य-आधारित सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करना है। इस शानदार पहल की शुरुआत करते हुए स्कूल में पहले ही 50 छात्रों ने प्रवेश ले लिया है, जिनमें रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के बाहरी इलाके के सुदूर आदिवासी गांवों के 20 बच्चे भी शामिल हैं। सोमैया संस्थान ने वर्ष 1942 में ग्रामीण महाराष्ट्र के कोपरगांव में अपने पहले स्कूल की स्थापना की थी और यह सोमैया विद्याविहार का नौवां स्कूल है, जो ग्रामीण महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा गुजरात के स्कूलों में सम्मिलित हो गया है। हर वर्ग के बच्चों को मिलेगी उत्कृष्ट शिक्षा  रेहटी, मध्य प्रदेश में विंध्याचल की पहाड़ियों की तलहटी में बसा एक जिंदादिल शहर है। ये नया स्कूल इसी शहर में स्थित है। पर्यावरण के प्रति जागरूक संस्थान के रूप में स्थापित ये स्कूल समाज के हर वर्ग के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करेगा। साथ ही सस्टेनेबिलिटी की सोच को प्रत्येक विद्यार्थी के दिलो-दिमाग में स्थापित करेगा। अत्याधुनिक सुविधाओं और बच्चों के विकास के लिए उत्तम वातावरण के साथ, सोमैया विद्या मंदिर स्कूल का लक्ष्य छात्रों को आवश्यक कौशल और ज्ञान के साथ आज की दुनिया में आगे बढ़ने में सक्षम बनाना है। छात्रों को इनोवेटिव तरीकों से शिक्षा देने से लेकर विस्तृत पाठ्यक्रम तक ये स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।  शिक्षा में लोगों का जीवन बदलने की शक्ति इस अवसर पर सोमैया विद्याविहार अध्यक्ष और सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, समीर सोमैया ने कहा, ‘समाज हित में योगदान देना हमारे परिवार की परंपरा है और शिक्षा हमारी इस परंपरा का आधार रही है, और मुझे विश्वास है कि शिक्षा में लोगों का जीवन बदलने की शक्ति होती है। समाज के हर वर्ग को शिक्षा सुलभ करना मात्र एक दर्शन नहीं है, बल्कि यह तो सन 1942 से हमारी विरासत का हिस्सा है, जब मेरे दादाजी के. जे. सोमैया ने ग्रामीण महाराष्ट्र के कोपरगांव में एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की थी। रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर के उद्घाटन के साथ हम इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, और हम संकल्पित हैं कि हर बच्चे को आगे बढ़ने और सफल होने का अवसर मिले।’  बदलाव की यात्रा के लिए मैं उत्साहित हूं रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर स्कूल की प्रमुख, सोनल झवर ने कहा, "शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए समर्पित इस बड़े मिशन का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं, अपनी समर्पित टीम के साथ मिलकर, सोमैया विद्याविहार के मूल्यों और उसके विज़न को साकार करने के लिए संकल्पित हूं। इसके लिए हम अपने छात्रों को श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करने के लिए अथक श्रम करेंगे। इस सम्मानित संस्थान से जुड़कर एक नई सकारात्मक बदलाव की यात्रा के लिए मैं उत्साहित हूं।"  वास्तुकला की पुरानी तकनीक से बनाया गया डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट पद्मजा एवं दीपक श्रीवास्तव और पुरस्कार विजेता आर्किटेक्चरल कंपनी, अर्चिनोवा डिज़ाइन ग्रुप ने सोमैया विद्या मंदिर स्कूल परिसर का डिज़ाइन तैयार किया है। डिज़ाइन तैयार करने की प्रक्रिया में स्थानीय वास्तुकला की सदियों पुरानी तकनीकों का उपयोग किया गया। साथ ही वास्तुशिल्प के घटकों, अलग-अलग तरह की सामग्रियों के उपयोग और निर्माण की तकनीकों को नये स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है।  वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश का रखा गया खास ख्याल सोमैया विद्या मंदिर के निर्माण में वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश को सबसे अधिक महत्व दिया गया है, जो इस परिसर की सबसे बड़ी विशेषता है, जो भवन को ठंडा रखने की स्वदेशी तकनीकों से प्रेरित है। आरामदायक वातावरण प्रदान करने के लिए भवन के चारों ओर आंगन बनाये गए हैं। स्कूल के आर्किटेक्चर में सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दी गई है, ताकि यह परिसर पानी और बिजली के मामले में नेट-पॉजिटिव बन सके। सोमैया विद्या मंदिर के सस्टेनेबल डिज़ाइन में सोलर पैनल, बारिश के पानी कोई इकट्ठा करने की व्यवस्था, गंदे पानी की निकासी व्यवस्था और आसपास की जमीन को हरा-भरा बनाना शामिल है। इस स्कूल का पूरा परिसर एक इंटरैक्टिव, बच्चों पर केंद्रित शैक्षिक उपकरण के रूप में काम करेगा, जिसमें उनके समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिहोर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Fri, 28 Jun 2024 02: 12 PM IST

सोमैया विद्या विहार मुंबई ने रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर का उद्घाटन किया, जो हर वर्ग के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करेगा। इस स्कूल का उद्देश्य समावेशी एवं श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करने के साथ हर बच्चे को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना है।  रेहटी में तैयार सोमैया विद्या मंदिर। – फोटो : अमर उजाला

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हाल ही में सोमैया विद्याविहार (मुंबई) ने मध्य प्रदेश के रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर स्कूल का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य बुदनी, रेहटी, नसरुल्लागंज और ओबेदुल्लागंज के इलाकों में रहने वाले बच्चों को मूल्य-आधारित सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करना है। इस शानदार पहल की शुरुआत करते हुए स्कूल में पहले ही 50 छात्रों ने प्रवेश ले लिया है, जिनमें रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के बाहरी इलाके के सुदूर आदिवासी गांवों के 20 बच्चे भी शामिल हैं। सोमैया संस्थान ने वर्ष 1942 में ग्रामीण महाराष्ट्र के कोपरगांव में अपने पहले स्कूल की स्थापना की थी और यह सोमैया विद्याविहार का नौवां स्कूल है, जो ग्रामीण महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा गुजरात के स्कूलों में सम्मिलित हो गया है।

हर वर्ग के बच्चों को मिलेगी उत्कृष्ट शिक्षा 
रेहटी, मध्य प्रदेश में विंध्याचल की पहाड़ियों की तलहटी में बसा एक जिंदादिल शहर है। ये नया स्कूल इसी शहर में स्थित है। पर्यावरण के प्रति जागरूक संस्थान के रूप में स्थापित ये स्कूल समाज के हर वर्ग के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करेगा। साथ ही सस्टेनेबिलिटी की सोच को प्रत्येक विद्यार्थी के दिलो-दिमाग में स्थापित करेगा। अत्याधुनिक सुविधाओं और बच्चों के विकास के लिए उत्तम वातावरण के साथ, सोमैया विद्या मंदिर स्कूल का लक्ष्य छात्रों को आवश्यक कौशल और ज्ञान के साथ आज की दुनिया में आगे बढ़ने में सक्षम बनाना है। छात्रों को इनोवेटिव तरीकों से शिक्षा देने से लेकर विस्तृत पाठ्यक्रम तक ये स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 

शिक्षा में लोगों का जीवन बदलने की शक्ति
इस अवसर पर सोमैया विद्याविहार अध्यक्ष और सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, समीर सोमैया ने कहा, ‘समाज हित में योगदान देना हमारे परिवार की परंपरा है और शिक्षा हमारी इस परंपरा का आधार रही है, और मुझे विश्वास है कि शिक्षा में लोगों का जीवन बदलने की शक्ति होती है। समाज के हर वर्ग को शिक्षा सुलभ करना मात्र एक दर्शन नहीं है, बल्कि यह तो सन 1942 से हमारी विरासत का हिस्सा है, जब मेरे दादाजी के. जे. सोमैया ने ग्रामीण महाराष्ट्र के कोपरगांव में एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की थी। रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर के उद्घाटन के साथ हम इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, और हम संकल्पित हैं कि हर बच्चे को आगे बढ़ने और सफल होने का अवसर मिले।’ 

बदलाव की यात्रा के लिए मैं उत्साहित हूं
रेहटी में सोमैया विद्या मंदिर स्कूल की प्रमुख, सोनल झवर ने कहा, “शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए समर्पित इस बड़े मिशन का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं, अपनी समर्पित टीम के साथ मिलकर, सोमैया विद्याविहार के मूल्यों और उसके विज़न को साकार करने के लिए संकल्पित हूं। इसके लिए हम अपने छात्रों को श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करने के लिए अथक श्रम करेंगे। इस सम्मानित संस्थान से जुड़कर एक नई सकारात्मक बदलाव की यात्रा के लिए मैं उत्साहित हूं।” 

वास्तुकला की पुरानी तकनीक से बनाया गया डिजाइन
मशहूर आर्किटेक्ट पद्मजा एवं दीपक श्रीवास्तव और पुरस्कार विजेता आर्किटेक्चरल कंपनी, अर्चिनोवा डिज़ाइन ग्रुप ने सोमैया विद्या मंदिर स्कूल परिसर का डिज़ाइन तैयार किया है। डिज़ाइन तैयार करने की प्रक्रिया में स्थानीय वास्तुकला की सदियों पुरानी तकनीकों का उपयोग किया गया। साथ ही वास्तुशिल्प के घटकों, अलग-अलग तरह की सामग्रियों के उपयोग और निर्माण की तकनीकों को नये स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। 

वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश का रखा गया खास ख्याल
सोमैया विद्या मंदिर के निर्माण में वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश को सबसे अधिक महत्व दिया गया है, जो इस परिसर की सबसे बड़ी विशेषता है, जो भवन को ठंडा रखने की स्वदेशी तकनीकों से प्रेरित है। आरामदायक वातावरण प्रदान करने के लिए भवन के चारों ओर आंगन बनाये गए हैं। स्कूल के आर्किटेक्चर में सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दी गई है, ताकि यह परिसर पानी और बिजली के मामले में नेट-पॉजिटिव बन सके। सोमैया विद्या मंदिर के सस्टेनेबल डिज़ाइन में सोलर पैनल, बारिश के पानी कोई इकट्ठा करने की व्यवस्था, गंदे पानी की निकासी व्यवस्था और आसपास की जमीन को हरा-भरा बनाना शामिल है। इस स्कूल का पूरा परिसर एक इंटरैक्टिव, बच्चों पर केंद्रित शैक्षिक उपकरण के रूप में काम करेगा, जिसमें उनके समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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