sehore-news:-एंबुलेंस-का-करते-रहे-घंटों-इंतजार,-नतीजा…13-साल-के-मासूम-की-चली-गई-जान
13 साल के मासूम की चली गई जान - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बदहाल है। कभी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती तो कभी एंबुलेंस के लेट से पहुंचने से प्रसूताओं को दिक्कतें होती हैं। ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के इछावर से सामने आया है। जहां समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। Trending Videos जानकारी के मुताबिक, यह मामला इछावर थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि सातवीं कक्षा में पड़ने वाला हर्षित चौहान को अचानक पेट में दर्द होने लगा। जिसके बाद परिजन उसे इछावर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसकी नाजुक हालत को देखते ही डॉक्टरों ने सीहोर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। इस दौरान परिजन घंटों तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। बावजूद इसके एंबुलेंस नहीं आई, ऐसे परिजन मजबूर होकर बच्चे को एक निजी वाहन किराए पर लिया और बच्चे को लेकर जिला अस्पताल की ओर रवाना हो गए, लेकिन मासूम ने रास्ते में दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं अब सवाल खड़ा होता है कि एंबुलेंस की सर्विस में इतनी लापरवाही क्यों? अगर समय पर एंबुलेंस आई होती तो मासूम की जान बच सकती थी। इस संबंध में इछावर सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ अनिल चांडक का कहना है कि मेरी ड्यूटी डॉक्टर और नर्स से चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि बच्चे का प्राथमिक उपचार कर दिया गया था। बच्चे का स्वास्थ्य अधिक खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था। सूचना पर एंबुलेंस नहीं आने पर परिजन निजी वाहन से परिजन अपने बच्चे को सीहोर ले गए थे।

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13 साल के मासूम की चली गई जान – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बदहाल है। कभी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती तो कभी एंबुलेंस के लेट से पहुंचने से प्रसूताओं को दिक्कतें होती हैं। ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के इछावर से सामने आया है। जहां समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई।

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जानकारी के मुताबिक, यह मामला इछावर थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि सातवीं कक्षा में पड़ने वाला हर्षित चौहान को अचानक पेट में दर्द होने लगा। जिसके बाद परिजन उसे इछावर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसकी नाजुक हालत को देखते ही डॉक्टरों ने सीहोर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। इस दौरान परिजन घंटों तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे।

बावजूद इसके एंबुलेंस नहीं आई, ऐसे परिजन मजबूर होकर बच्चे को एक निजी वाहन किराए पर लिया और बच्चे को लेकर जिला अस्पताल की ओर रवाना हो गए, लेकिन मासूम ने रास्ते में दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं अब सवाल खड़ा होता है कि एंबुलेंस की सर्विस में इतनी लापरवाही क्यों? अगर समय पर एंबुलेंस आई होती तो मासूम की जान बच सकती थी।

इस संबंध में इछावर सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ अनिल चांडक का कहना है कि मेरी ड्यूटी डॉक्टर और नर्स से चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि बच्चे का प्राथमिक उपचार कर दिया गया था। बच्चे का स्वास्थ्य अधिक खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था। सूचना पर एंबुलेंस नहीं आने पर परिजन निजी वाहन से परिजन अपने बच्चे को सीहोर ले गए थे।

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