सीहोर में प्रदूषण फैलाने के मामले में एक पनीर फैक्ट्री पर कार्रवाई की गई है। – फोटो : सोशल मीडिया
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सीहोर जिले के ग्राम पिपलिया मीरा में स्थित जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री को प्रशासन ने बंद करा दिया है। पनीर फैक्ट्री से केमिकल युक्त गंदा पानी बाहर नाले और खेत में फैलाकर प्रदूषण को बढ़ावा देने के मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए ये कार्रवाई की गई।
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जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर की है। फैक्ट्री को बंद कराने के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर बिजली कंपनी ने बिजली कनेक्शन काट दिया है, जिससे उत्पादन बंद हो गया है। अब फैक्ट्री जब तक चालू नहीं होगी, तब तक कि उद्योग जल प्रदूषण नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था नहीं करता है।
किसानों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
मामले में किसानों और कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने प्रमाण सहित प्रशासन को शिकायत भी की थी। ज्ञात रहे कि पनीर फैक्ट्री चालू होने के बाद से ही यहां के किसान उद्योग से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से फसल खराब होने और आसपास के जलस्रोत का पानी दूषित होने की शिकायत करते आ रहे हैं। किसानों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने पहले भी कई बार कार्रवाई की, लेकिन हर बार फैक्ट्री प्रबंधन बचता रहा। इस बार फिर से कलेक्टर प्रवीण सिंह को कुछ लोगों ने शिकायत की, जिसे लेकर नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला, पटवारी आशीष शर्मा, पवन यादव ने कुछ दिन पहले उद्योग का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान राजस्व की टीम ने देखा कि उद्योग द्वारा अनुपचारित दूषित जल को पाइप के माध्यम से उद्योग के पीछे परिसर के बाहर भूमि पर छोड़ा जा रहा है। उद्योग के दूषित जल का भराव कृषि भूमि पर जगह-जगह देखा गया, जिसमें सफेद एवं काले रंग के झाग थे। यह केमिकल युक्त दूषित जल पहले नाले और फिर सीवन नदी तक पहुंच रहा है। राजस्व की टीम ने इसके सैंपल भी जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजे, जिसकी जांच में काफी हानिकारक तत्व मिले, जिसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर प्रवीण सिंह को तत्काल उद्योग बंद कराने के आदेश दिए। बताया गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कलेक्टर प्रवीण सिंह को पनीर फैक्ट्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उत्पादन बंद कराने के आदेश मिले।
बिजली कनेक्शन कटवाया
कलेक्टर ने विद्युत वितरण कंपनी की टीम भेजकर उद्योग का कनेक्शन कटवा दिया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर को यह भी आदेश दिए हैं कि उद्योग जब तक चालू नहीं किया जाएगा, तब तक कि उद्योग द्वारा जल प्रदूषण नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था नहीं की जाती है। यदि ऐसा नहीं होता है तो तत्काल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा-41 के तहत न्यायालय में विधिक प्रकरण दायर करने की कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी बार हुई कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पनीर फैक्ट्री के खिलाफ यह दूसरी बार सख्त कार्रवाई की गई है। इससे पहले 19 जनवरी 2022 को बोर्ड ने इसी फैक्ट्री का उत्पादन बंद कराया था। उस समय भी फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से किसानों की फसल खराब होने और जल प्रदूषण नियंत्रण के इंतजाम नहीं होने की बात सामने आई थी। तब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच कर फैक्ट्री प्रबंधन पर एक करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
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