न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 23 May 2023 10: 50 PM IST
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सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम बरखेड़ी इन दिनों धर्ममय हो गया है। हर ओर सीताराम की मधुर धुन सुबह से वातावरण को धर्ममय कर रही है। वहीं, ग्यारह दिवसीय भव्य समारोह की तैयारियां भी चल रही हैं।
तपती धूप में ‘पागल बाबा’ का तप – फोटो : अमर उजाला
विस्तार सीहोर जिले में आगामी 25 मई से श्री महाविष्णु यज्ञ के अलावा क्षेत्र में श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ और राजाराम दरबा प्राण-प्रतिष्ठा का महोत्सव आयोजन होना है। इसमें जिले भर में अपनी तप की साधना के लिए प्रसिद्ध संत श्री 1008 पागल बाबा अवधूत महाराज खुशहाली और शांति के लिए विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। नंगे बदन तपती धूप में बैठकर धूनी रमाए अपना शरीर तपा रहे हैं, जिनको देखने और सीताराम की मधुर धुन का श्रवण करने के लिए हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
मशहूर पागल बाबा तपती धूप में रेत के ढेर पर खुले आसमान के नीचे सुबह नौ बजे से पांच बजे तक सूर्य साधना कर रहे हैं। एक ओर जहां दिन में तापमान 40 डिग्री को पार कर रहा है, धूप में तपिश का असर अपने चरम पर है। चिलचिलाती धूप के चलते जनता त्राहि- त्राहि कर रही है, वहीं दूसरी ओर अपने तपोबल के दम पर पागल बाबा खुले आसमान के नीचे रेत के टीले पर सूर्य साधना में रत हैं। ग्राम बरखेड़ी में महोत्सव की तैयारियों को भव्य यज्ञशाला का निर्माण किया गया है। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में आते हैं और सीताराम की धुन का जाप करते हैं।
क्षेत्र की जनता और भक्त पागल बाबा की तपस्या को देखने व आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में यज्ञ स्थल आ रहे हैं। उनकी इस तपस्या को देखकर हर कोई हैरान है और हर किसी के मन में एक ही प्रश्न है कि आखिर पागल बाबा यह कैसे कर पा रहे हैं। जब पागल बाबा से पूछा गया कि यह आप कैसी तपस्या कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा तपस्या नहीं, हम तो मस्ती कर रहे हैं। तपस्या बहुत बड़ी बात होती है, जब तक तापमान 45 से 50 के पार नहीं होता है, तब तक उनकी साधना में आनंद नहीं आता है।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म आलौकिक, पारलौकिक मान्यताओं से मन को खुशी प्रदान करने वाला, जन्म-मरण के बंधन से मुक्त करने वाला, सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चलाने वाला, भक्ति के सागर में डूबकर पार लगाने वाला धर्म ही तो सनातन धर्म है। इसके मूल में दया, सहिष्णुता, अहिंसा, तपस्या आदि है, सत्यं, शिवम् और सुंदरम् की परिभाषा है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर और मृत्यु से जीवन की ओर ले जाता है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, आगामी 25 मई से ग्राम बरखेड़ी में श्री महाविष्णु यज्ञ के अलावा क्षेत्र में श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ एवं राजाराम दरबा प्राण-प्रतिष्ठा का महोत्सव आयोजन होना है। इसके लिए 1008 संत पागल बाबा अवधूत महाराज के मार्गदर्शन में 11 दिवसीय दिव्य अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा।
25 मई के सुबह नौ बजे क्षेत्र के हनुमान मंदिर से भव्य कलश यात्रा के साथ प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक यज्ञ, सात दिवसीय कथा का आयोजन दोपहर बारह बजे से पांच बजे से और प्रतिदिन रात्रि आठ बजे से 10 बजे तक राम नाम सकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। चार जून को यज्ञ की पूर्ण आहुति के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्रवासियों ने सभी श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में शामिल होकर धर्म का लाभ लेने की अपील की है।
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