(सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us सतना जिले के रामनगर क्षेत्र में नकली नोटों की छपाई कर उन्हें बाजार में खपाने के एक मामले में अमरपाटन की अदालत ने आरोपी को 8 वर्ष 3 माह कैद की सजा सुनाई है। उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, इस प्रकरण के चार आरोपी दोषमुक्त भी किए गए हैं। अमरपाटन द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान ने नकली नोट छापने और खपाने के मामले में आरोपी यज्ञदत्त उर्फ पवन तिवारी पिता राम सुशील तिवारी निवासी गुलवार गुजारा रामनगर को आईपीसी की धारा 489 क और 489 घ के तहत दोषी करार दिया है। दोनों ही धाराओं में उसे 8 वर्ष 3 माह के कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में अभियुक्त के चार साथी दिवाकर चतुर्वेदी, विक्रम चतुर्वेदी, विक्की उर्फ अवनीश कुमार तथा सुरेन्द्री उर्फ सुरेन्द्र मिश्रा को अभियोजन दोषी सिद्ध नहीं कर पाया नतीजतन उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन के अनुसार रामनगर थाना पुलिस को गुलवार गुजारा में आरोपी यज्ञदत्त उर्फ पवन तिवारी के अपने साथियों के साथ मिलकर नकली नोट छापने और बाजार में खपाने की खबर मिली थी। तस्दीक के बाद तत्कालीन रामनगर थाना प्रभारी डीएस चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी और फिर मैहर एसडीओपी ने रामनगर, अमरपाटन, मैहर और बदेरा के थाना प्रभारियों की टीम तथा महिला पुलिस के साथ यज्ञदत्त के घर पर 2 जुलाई 2015 को दबिश दे दी। पुलिस ने यहां से रंगीन प्रिंटर,नोट छापने का सफेद कागज, कटर आदि समेत नकली नोट छापने का सामान जब्त किया। पुलिस को यहां सौ रुपये के तीन नकली नोट टेबल पर पड़े मिले थे जबकि तीन नोट प्रिंटर में प्रिंट होकर उसमें ही फंसे मिले। प्रिंटर के स्कैनर में सौ के तीन असली नोट भी पाए गए जिनके जरिये नोट स्कैन कर प्रिंटर से प्रिंट किए जाते थे। पूछताछ में मिली जानकारी के बाद यज्ञदत्त के अन्य साथियों को भी उसकी निशानदेही पर पकड़ा गया था।

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(सांकेतिक तस्वीर) – फोटो : सोशल मीडिया

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सतना जिले के रामनगर क्षेत्र में नकली नोटों की छपाई कर उन्हें बाजार में खपाने के एक मामले में अमरपाटन की अदालत ने आरोपी को 8 वर्ष 3 माह कैद की सजा सुनाई है। उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, इस प्रकरण के चार आरोपी दोषमुक्त भी किए गए हैं। अमरपाटन द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान ने नकली नोट छापने और खपाने के मामले में आरोपी यज्ञदत्त उर्फ पवन तिवारी पिता राम सुशील तिवारी निवासी गुलवार गुजारा रामनगर को आईपीसी की धारा 489 क और 489 घ के तहत दोषी करार दिया है।

दोनों ही धाराओं में उसे 8 वर्ष 3 माह के कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में अभियुक्त के चार साथी दिवाकर चतुर्वेदी, विक्रम चतुर्वेदी, विक्की उर्फ अवनीश कुमार तथा सुरेन्द्री उर्फ सुरेन्द्र मिश्रा को अभियोजन दोषी सिद्ध नहीं कर पाया नतीजतन उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन के अनुसार रामनगर थाना पुलिस को गुलवार गुजारा में आरोपी यज्ञदत्त उर्फ पवन तिवारी के अपने साथियों के साथ मिलकर नकली नोट छापने और बाजार में खपाने की खबर मिली थी।

तस्दीक के बाद तत्कालीन रामनगर थाना प्रभारी डीएस चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी और फिर मैहर एसडीओपी ने रामनगर, अमरपाटन, मैहर और बदेरा के थाना प्रभारियों की टीम तथा महिला पुलिस के साथ यज्ञदत्त के घर पर 2 जुलाई 2015 को दबिश दे दी। पुलिस ने यहां से रंगीन प्रिंटर,नोट छापने का सफेद कागज, कटर आदि समेत नकली नोट छापने का सामान जब्त किया। पुलिस को यहां सौ रुपये के तीन नकली नोट टेबल पर पड़े मिले थे जबकि तीन नोट प्रिंटर में प्रिंट होकर उसमें ही फंसे मिले। प्रिंटर के स्कैनर में सौ के तीन असली नोट भी पाए गए जिनके जरिये नोट स्कैन कर प्रिंटर से प्रिंट किए जाते थे। पूछताछ में मिली जानकारी के बाद यज्ञदत्त के अन्य साथियों को भी उसकी निशानदेही पर पकड़ा गया था।

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