दुष्कर्म के दोषी को सजा। – फोटो : Amar Ujala Digital
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नाबालिग को अगवा कर ले जाने और उसे महाराष्ट्र में रखकर डेढ़ साल तक उसके साथ बलात्कार करने के मामले में अदालत ने दुष्कर्मी को 20 वर्ष की कैद और 15 सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश नागौद नवनीत वालिया ने दुष्कर्म के आरोपी सुनील चौधरी पिता गुनिया चौधरी (22) निवासी मझगांव थाना नागौद को दोषी करार दिया है। अदालत ने अभियुक्त सुनील चौधरी को आईपीसी की धारा 366 में तीन वर्ष की कैद तथा पांच सौ रुपये जुर्माना एवं धारा 376 (3) में 20 वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। प्रकरण में राज्य की तरफ से विशेष लोक अभियोजक विनोद प्रताप सिंह ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार नागौद थाना क्षेत्र से 18 मई 2019 को एक बालिका लापता हो गई थी। वह पांच बहनों में सबसे बड़ी थी। सुबह वह स्कूल जाने के लिए तैयार हुई, उसने अपनी बहनों के साथ नाश्ता किया और उसके बाद लापता हो गई। परिवार वालों ने हर संभावित जगह उसकी तलाश की लेकिन कहीं कुछ पता न चलने पर 19 मई को थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस और परिजन उसकी तलाश करते रहे। लगभग डेढ़ वर्ष बाद उसकी लोकेशन महाराष्ट्र के पुणे में मिली।
उसे वहां से लाया गया और मेडिकल करा कर उसके बयान दर्ज किए गए। बालिका ने अपने बयान में आरोपी सुनील चौधरी द्वारा उसे अगवा कर महाराष्ट्र ले जाने और वहां उसके साथ डेढ़ वर्ष कर रेप करने की बात बताई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण अदालत में पेश किया।
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