sagar-news:-मिशन-अस्पताल-के-सामने-शव-रखकर-लगाया-जाम,-डिलेवरी-के-समय-महिला-के-पेट-में-कपड़ा-छोड़ने-का-आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Sun, 08 Sep 2024 12: 50 PM IST अस्पताल प्रबंधक आशीष बैंजामिन का कहना है कि एक साल पहले कपड़ा छूटने का आरोप निराधार है। हमने सिजेरियन डिलीवरी की थी, जबकि दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत में कपड़ा मिला है। सागर शव रखकर लगाया जाम विस्तार Follow Us सागर जिले के खुरई में शनिवार रात 10: 30 बजे खुरई-बीना नेशनल हाईवे पर रीठौर मिशन अस्पताल के सामने मृतक महिला के परिजनों ने शव रखकर चक्काजाम किया। परिजनों का आरोप है कि एक साल पहले मिशन अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी कराई थी, जिसमें डॉक्टर्स की लापरवाही से महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया गया था। उन्होंने कई अस्पतालों में जाकर उपचार कराया, सागर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कर कपड़ा निकाला गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण महिला की मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव लेकर आए और चक्काजाम किया। पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद परिजन सड़क से हटे।   परिजन सुनील अहिरवार ने बताया कि 6 सितंबर 2023 को बहन अनीता (38), पति स्व. पप्पू अहिरवार निवासी नारधा की सिजेरियन डिलीवरी खुरई के मिशन अस्पताल में कराई थी। इस दौरान बच्ची का जन्म हुआ था। इसके बाद महिला की तबीयत खराब रहने लगी, कई डॉक्टर्स को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। आराम नहीं मिलने पर झांसी और भोपाल के अस्पतालों में भी इलाज कराया। बीती 23 अगस्त को सागर के निजी अस्पताल में चेक-अप कराने पर पता चला कि पेट में कपड़ा फंसा है। इसे निकालने के लिए 28 अगस्त 2024 को ऑपरेशन किया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण 7 सितंबर को उसकी मौत हो गई। लेकिन, मिशन अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। परिजनों ने मिशन अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर की मांग की है। अस्पताल प्रबंधक आशीष बैंजामिन का कहना है कि एक साल पहले कपड़ा छूटने का आरोप निराधार है। मरीज की सिजेरियन डिलीवरी में बच्चेदानी खोली गई थी, जबकि भाग्योदय अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत में कपड़ा मिला है, जो आंत काटकर निकाला गया है। अगर कपड़ा छूटता तो बच्चेदानी में होता, बड़ी आंत में कैसे पहुंच सकता है। मरीज हमारे यहां से स्वस्थ होकर गई थी। हमारी कोई गलती नहीं है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Sun, 08 Sep 2024 12: 50 PM IST

अस्पताल प्रबंधक आशीष बैंजामिन का कहना है कि एक साल पहले कपड़ा छूटने का आरोप निराधार है। हमने सिजेरियन डिलीवरी की थी, जबकि दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत में कपड़ा मिला है। सागर शव रखकर लगाया जाम

विस्तार Follow Us

सागर जिले के खुरई में शनिवार रात 10: 30 बजे खुरई-बीना नेशनल हाईवे पर रीठौर मिशन अस्पताल के सामने मृतक महिला के परिजनों ने शव रखकर चक्काजाम किया। परिजनों का आरोप है कि एक साल पहले मिशन अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी कराई थी, जिसमें डॉक्टर्स की लापरवाही से महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया गया था। उन्होंने कई अस्पतालों में जाकर उपचार कराया, सागर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कर कपड़ा निकाला गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण महिला की मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव लेकर आए और चक्काजाम किया। पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद परिजन सड़क से हटे।  

परिजन सुनील अहिरवार ने बताया कि 6 सितंबर 2023 को बहन अनीता (38), पति स्व. पप्पू अहिरवार निवासी नारधा की सिजेरियन डिलीवरी खुरई के मिशन अस्पताल में कराई थी। इस दौरान बच्ची का जन्म हुआ था। इसके बाद महिला की तबीयत खराब रहने लगी, कई डॉक्टर्स को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। आराम नहीं मिलने पर झांसी और भोपाल के अस्पतालों में भी इलाज कराया। बीती 23 अगस्त को सागर के निजी अस्पताल में चेक-अप कराने पर पता चला कि पेट में कपड़ा फंसा है। इसे निकालने के लिए 28 अगस्त 2024 को ऑपरेशन किया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण 7 सितंबर को उसकी मौत हो गई। लेकिन, मिशन अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। परिजनों ने मिशन अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर की मांग की है।

अस्पताल प्रबंधक आशीष बैंजामिन का कहना है कि एक साल पहले कपड़ा छूटने का आरोप निराधार है। मरीज की सिजेरियन डिलीवरी में बच्चेदानी खोली गई थी, जबकि भाग्योदय अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत में कपड़ा मिला है, जो आंत काटकर निकाला गया है। अगर कपड़ा छूटता तो बच्चेदानी में होता, बड़ी आंत में कैसे पहुंच सकता है। मरीज हमारे यहां से स्वस्थ होकर गई थी। हमारी कोई गलती नहीं है।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

Posted in MP