sagar-news:-फर्जी-बिलों-के-जरिये-रॉयल्टी-चोरी-का-गोरखधंधा,-एफआईआर-के-आदेश-के-बावजूद-नहीं-हो-रही-है-कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Mon, 02 Sep 2024 07: 27 PM IST जिले की ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए सामग्री सप्लाई के फर्जी बिल लगाकर रॉयल्टी चोरी का मामला सामने आया है। इस संबंध में पहले भी कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन करीब 20 दुकानदारों के पर एफआईआर के आदेश के बावजूद विकासखंड सीईओ उसका पालन नहीं कर रहे हैं। सागर जिला पंचायत विस्तार Follow Us सागर जिले में आने वाली ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों में सामग्री सप्लाई के फर्जी बिल लगाकर रॉयल्टी चोरी के मामले में खिमलासा के रहने वाले नंदकिशोर पटवा ने बताया कि वे पिछले कई सालों से सागर कलेक्टर एवं जिला सीईओ को आवेदन करके शिकायत करते रहे हैं  कि फर्जी बिलों के माध्यम से रॉयल्टी चोरी की जा रही है लेकिन फिर भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पटवा द्वारा दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायतों द्वारा रेता एवं गिट्टी के फर्जी बिल लगाकर बिना रॉयल्टी के सरकारी भुगतान निकाला जा रहा है और इसके लिए भुगतान के फर्जी बिल भी आवेदन के साथ लगाए गए हैं। इनके आवेदन पर कार्रवाई करते हुए जिला सीईओ पीसी शर्मा ने 9 अगस्त को बीना, खुरई, मालथौन, सागर, जनपद पंचायत सीईओ को 20 दुकानदारो पर एफाईआर करने के लिखित आदेश दिए हैं। जिले में निर्माण कार्यों में रेता और गिट्टी के बगैर फर्जी बिलों के जरिये रॉयल्टी का बहुत बड़ा काला कारोबार किया जा रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि जो फर्म है ही नहीं उसके नाम पर फर्जी फर्म बनाकर रेता एवं गिट्टी की सप्लाई पंचायतों में बताई जाकर सरकारी भुगतान लिया जा रहा है। इतना ही नहीं फर्जी बिलों का यह धंधा इतना फैला हुआ है कि सैकड़ों लोगों ने फर्जी फर्म बना ली है, जो सिर्फ कमीशन पर पैसों का लेनदेन कर रही है, जिसमें पंचायत से लेकर जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी मिल-बांटकर सरकार को आर्थिक हानि पहुंचा रहे हैं। आवेदक के पास मामले में शामिल 100 से ज्यादा दुकानदारों की लिस्ट है। मामले में आवेदनकर्ता की शिकायत के बाद जिला सीईओ द्वारा एफआईआर कराए जाने के आदेश दिए जाने के बावजूद जनपद सी.ई.ओ. ने अब तक एफआईआर नहीं कराई है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Mon, 02 Sep 2024 07: 27 PM IST

जिले की ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए सामग्री सप्लाई के फर्जी बिल लगाकर रॉयल्टी चोरी का मामला सामने आया है। इस संबंध में पहले भी कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन करीब 20 दुकानदारों के पर एफआईआर के आदेश के बावजूद विकासखंड सीईओ उसका पालन नहीं कर रहे हैं। सागर जिला पंचायत

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सागर जिले में आने वाली ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों में सामग्री सप्लाई के फर्जी बिल लगाकर रॉयल्टी चोरी के मामले में खिमलासा के रहने वाले नंदकिशोर पटवा ने बताया कि वे पिछले कई सालों से सागर कलेक्टर एवं जिला सीईओ को आवेदन करके शिकायत करते रहे हैं  कि फर्जी बिलों के माध्यम से रॉयल्टी चोरी की जा रही है लेकिन फिर भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पटवा द्वारा दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायतों द्वारा रेता एवं गिट्टी के फर्जी बिल लगाकर बिना रॉयल्टी के सरकारी भुगतान निकाला जा रहा है और इसके लिए भुगतान के फर्जी बिल भी आवेदन के साथ लगाए गए हैं। इनके आवेदन पर कार्रवाई करते हुए जिला सीईओ पीसी शर्मा ने 9 अगस्त को बीना, खुरई, मालथौन, सागर, जनपद पंचायत सीईओ को 20 दुकानदारो पर एफाईआर करने के लिखित आदेश दिए हैं।

जिले में निर्माण कार्यों में रेता और गिट्टी के बगैर फर्जी बिलों के जरिये रॉयल्टी का बहुत बड़ा काला कारोबार किया जा रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि जो फर्म है ही नहीं उसके नाम पर फर्जी फर्म बनाकर रेता एवं गिट्टी की सप्लाई पंचायतों में बताई जाकर सरकारी भुगतान लिया जा रहा है। इतना ही नहीं फर्जी बिलों का यह धंधा इतना फैला हुआ है कि सैकड़ों लोगों ने फर्जी फर्म बना ली है, जो सिर्फ कमीशन पर पैसों का लेनदेन कर रही है, जिसमें पंचायत से लेकर जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी मिल-बांटकर सरकार को आर्थिक हानि पहुंचा रहे हैं। आवेदक के पास मामले में शामिल 100 से ज्यादा दुकानदारों की लिस्ट है।

मामले में आवेदनकर्ता की शिकायत के बाद जिला सीईओ द्वारा एफआईआर कराए जाने के आदेश दिए जाने के बावजूद जनपद सी.ई.ओ. ने अब तक एफआईआर नहीं कराई है।

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