sagar:-सागर-जिले-के-ग्राम-कंजिया-में-खुले-में-करना-पड़-रहा-अंतिम-संस्कार,-तिरपाल-लगाकर-दी-मुखाग्नि
बीना के एक गांव में खुले में अंतिम संस्कार करना मजबूरी बन गया है। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद की तस्वीर रोज सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर बीना के कंजिया गांव से सामने आई है। जहां बारिश के दौरान एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए परिवार के लोगों को तिरपाल लगानी पड़ी। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। Trending Videos बता दें कि बीना के कंजिया पंचायत के गांव में मुक्तिधाम के लिए जगह है, लेकिन अभी तक यहां शेड तैयार नहीं हो पाया है। साथ ही मुख्य मार्ग से करीब एक किमी का रास्ता है, जो कच्चा है और बारिश में यहां से शवयात्रा ले जाना भी मुश्किल हो जाता है। जबकि यह ग्राम पंचायत बड़ी पंचायतों में शुमार है। रविवार को जब गांव के तूफान सिंह यादव का निधन हो गया, तो बारिश होने के कारण ग्रामीण चार घंटे तक इंतजार करते रहे। जब बारिश रुकी, तो अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इसी बीच बारिश फिर से शुरू होने पर ग्रामीणों ने चिता के ऊपर तिरपाल बांधकर पानी को रोका गया। यह स्थिति हर साल बारिश में बनती है। लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पिछले दिनों मूडरी गांव से भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां मुक्तिधाम अधूरा होने के कारण दूसरे दिन अंतिम संस्कार हो पाया था। ऐसे और भी कई गांव हैं, जहां यह स्थिति बनी हुई है। बारिश में अंतिम संस्कार करना होता है मुश्किल गांव के पंचम यादव, बंटी यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि बारिश के मौसम में किसी का निधन होने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तेज बारिश होने पर कई घंटे इंतजार करने के बाद अंतिम संस्कार हो पाता है। इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग ग्रामीणों ने की है। जल्द से जल्द शेड का निर्माण कराया जाएगा बीना जनपद पंचायत सीईओ राजेश पटैरिया ने बताया कि जिन भी गांवों में श्मशान घाट नहीं है। उन गांवों की जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द से जल्द वहां शेड का निर्माण कराया जाएगा। पंचायतों को निर्देशित किया जा रहा है। ताकि अगले वर्ष यह स्थिति न बने।

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बीना के एक गांव में खुले में अंतिम संस्कार करना मजबूरी बन गया है। – फोटो : सोशल मीडिया

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बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद की तस्वीर रोज सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर बीना के कंजिया गांव से सामने आई है। जहां बारिश के दौरान एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए परिवार के लोगों को तिरपाल लगानी पड़ी। इसका एक वीडियो भी सामने आया है।

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बता दें कि बीना के कंजिया पंचायत के गांव में मुक्तिधाम के लिए जगह है, लेकिन अभी तक यहां शेड तैयार नहीं हो पाया है। साथ ही मुख्य मार्ग से करीब एक किमी का रास्ता है, जो कच्चा है और बारिश में यहां से शवयात्रा ले जाना भी मुश्किल हो जाता है। जबकि यह ग्राम पंचायत बड़ी पंचायतों में शुमार है। रविवार को जब गांव के तूफान सिंह यादव का निधन हो गया, तो बारिश होने के कारण ग्रामीण चार घंटे तक इंतजार करते रहे। जब बारिश रुकी, तो अंतिम संस्कार किया गया।

लेकिन इसी बीच बारिश फिर से शुरू होने पर ग्रामीणों ने चिता के ऊपर तिरपाल बांधकर पानी को रोका गया। यह स्थिति हर साल बारिश में बनती है। लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पिछले दिनों मूडरी गांव से भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां मुक्तिधाम अधूरा होने के कारण दूसरे दिन अंतिम संस्कार हो पाया था। ऐसे और भी कई गांव हैं, जहां यह स्थिति बनी हुई है।

बारिश में अंतिम संस्कार करना होता है मुश्किल
गांव के पंचम यादव, बंटी यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि बारिश के मौसम में किसी का निधन होने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तेज बारिश होने पर कई घंटे इंतजार करने के बाद अंतिम संस्कार हो पाता है। इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग ग्रामीणों ने की है।

जल्द से जल्द शेड का निर्माण कराया जाएगा
बीना जनपद पंचायत सीईओ राजेश पटैरिया ने बताया कि जिन भी गांवों में श्मशान घाट नहीं है। उन गांवों की जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द से जल्द वहां शेड का निर्माण कराया जाएगा। पंचायतों को निर्देशित किया जा रहा है। ताकि अगले वर्ष यह स्थिति न बने।

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