न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Thu, 12 Sep 2024 07: 15 PM IST
Sagar: डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के अपराध शास्त्र और फोरेंसिक विज्ञान विभाग एवं वाणिज्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ विश्वविद्यालय के अभिमंच सभागार में हुआ। इंटरनेशनल कांफ्रेंस
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‘एनवायरमेंटल सस्टेनिबिलिटी, ग्रीन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एंड स्टार्ट-अप वेंचर्स ऑन एंड बियांड अर्थ’ विषय पर आयोजित इस कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. बेनोइट शॉफ़्स, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ले मैंस, फ़्रांस, अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पीआर अग्रवाल तथा सेंटर फॉर एनर्जी एंड एनवायरमेंटल सस्टेनेबिलिटी के कार्यकारी निदेशक प्रो. अशोक पांडे उपस्थित रहे।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. वाय. एस ठाकुर ने की। मुख्य वक्ता प्रो. अशोक पांडेय ने कहा कि आज पर्यावरण की चुनौती से पूरा विश्व जूझ रहा है। एक बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है कि हम जलवायु, पर्यावरण, एनर्जी जैसे विषयों पर शोध आधारित समाधान खोजें। विविधता में एकता भारत की पहचान है। हमें ‘थिंक ग्लोबली एंड वर्क लोकली’ प्रविधि पर काम करने की आवश्यकता है।
फ्रांस से पधारे प्रो बेनेट शॉफ्स ने कहा कि इस कान्फ्रेंस के उद्देश्य बहुत व्यापक हैं और यहां होने वाले विचार-विमर्श पूरी दुनिया के अस्तित्व को बचाये और बनाये रखने की चुनौतियों का सामना करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
उन्होंने कांफ्रेंस के सभी प्रायोजकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सुखद है कि एक समकालीन और प्रासंगिक विषय पर चर्चा हेतु देश-विदेश के उत्कृष्ट शोध संस्थान एक साथ एक मंच पर इकठ्ठा हुए हैं। उन्होंने पर्यावरणीय स्थिरता में नवाचार के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम को ध्यान में रखते हुए हमें हरित प्रद्योगिकी एवं नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए और बताया कि यह सिर्फ पृथ्वी तक सीमित न होकर अंतरिक्ष में भी हमारे भविष्य के लिए हरित समाधान आवश्यक होंगे।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर जे. के. जैन द्वारा संपादित पुस्तक सस्टेनेबल अकाउंटिंग एंड फाइनेंस का विमोचन किया गया। कांफ्रेंस की संयोजक डॉ. वंदना विनायक और डॉ. रुपाली सैनी ने बताया कि दो दिवसीय इस आयोजन में प्रदूषण बायोकेमिकल ड्राइव, जैव विविधता संरक्षण दूषित जल प्रबंधन, ग्रीन एनर्जी बायो रिसोर्स तकनीक एवं इसके स्टार्ट-अप एवं नवाचार पर चर्चा होगी। यह कांफ्रेंस हाइब्रिड मोड में संचालित हो रही है जिसमें अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, बेल्जियम, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी बॉम्बे सहित देश भर के विश्वविद्यालयों एवं उत्कृष्ट शोध संस्थानों के विद्वान विभिन्न तकनीकी सत्रों में व्याख्यान देंगे।
कार्यक्रम में देश-विदेश से कई प्रतिभागी ऑनलाइन और ऑफलाइन पद्धति से जुड़े रहे। इस दौरान विश्वविद्यालय के डॉ. सी पी उपाध्याय, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. विवेक मेहता, डॉ. पुष्पल घोष, विभिन्न विज्ञान विषयों के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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