sagar:-तीस-हजार-की-रिश्वत-लेत-धराया-घूसखोर-श्रम-निरीक्षक,-ro-वॉटर-प्लांट-के-निरीक्षण-में-मांगे-थे-एक-लाख
घूसखोर श्रम निरीक्षक को लोकायुक्त टीम ने पकड़ा है। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us सागर लोकायुक्त पुलिस टीम ने श्रम निरीक्षक को तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। वह आर ओ वॉटर प्लांट के निरीक्षण में कमियां बताकर रुपये लेना चाह रहा था। उसने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त टीम लीडर मंजू सिंह ने बताया कि 19 जुलाई को देवांशु चौबे निवासी आनंद नगर मकरोनिया ने आकर शिकायत की थी। उसने बताया था कि उनका सेमरा बाग में नीरा नीर नाम से एक वॉटर प्लांट है, जिसके निरीक्षण के लिए सागर से श्रम निरीक्षक लालमणि अपने एक साथी के साथ पहुंचा था। प्लांट पर पहुंचकर उसने आवेदक पर दबाव बनाया कि तुम्हारे प्लांट में कमियां हैं और इन पर लेबर एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। अगर कार्रवाई नहीं चाहते तो एक लाख रुपये रिश्वत दो। आवेदक और लेबर इंस्पेक्टर ने बाद में 60 हजार रुपए में सहमति बनाई। साठ हजार रुपए आवेदक को दो किश्तों में देने थे।  आवेदक की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की तस्दीक की। शिकायत सही पाए जाने पर एक टीम का गठन किया गया। टीम ने तीस हजार रुपये देकर आवेदक को मौके पर भेजा। जैसे ही उसने रुपये दिेए, टीम ने श्रम निरीक्षक लालमणि को उसके कार्यालय में रिश्वत राशि के साथ धर दबोचा। प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी श्रम निरीक्षक पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सुसंगत धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। 

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घूसखोर श्रम निरीक्षक को लोकायुक्त टीम ने पकड़ा है। – फोटो : अमर उजाला

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सागर लोकायुक्त पुलिस टीम ने श्रम निरीक्षक को तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। वह आर ओ वॉटर प्लांट के निरीक्षण में कमियां बताकर रुपये लेना चाह रहा था। उसने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

लोकायुक्त टीम लीडर मंजू सिंह ने बताया कि 19 जुलाई को देवांशु चौबे निवासी आनंद नगर मकरोनिया ने आकर शिकायत की थी। उसने बताया था कि उनका सेमरा बाग में नीरा नीर नाम से एक वॉटर प्लांट है, जिसके निरीक्षण के लिए सागर से श्रम निरीक्षक लालमणि अपने एक साथी के साथ पहुंचा था। प्लांट पर पहुंचकर उसने आवेदक पर दबाव बनाया कि तुम्हारे प्लांट में कमियां हैं और इन पर लेबर एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। अगर कार्रवाई नहीं चाहते तो एक लाख रुपये रिश्वत दो। आवेदक और लेबर इंस्पेक्टर ने बाद में 60 हजार रुपए में सहमति बनाई। साठ हजार रुपए आवेदक को दो किश्तों में देने थे। 

आवेदक की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की तस्दीक की। शिकायत सही पाए जाने पर एक टीम का गठन किया गया। टीम ने तीस हजार रुपये देकर आवेदक को मौके पर भेजा। जैसे ही उसने रुपये दिेए, टीम ने श्रम निरीक्षक लालमणि को उसके कार्यालय में रिश्वत राशि के साथ धर दबोचा। प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी श्रम निरीक्षक पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सुसंगत धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। 

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