RBI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के द्विमासिक समीक्षा के तहत मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने पूरी बातों की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने देश में महंगाई से लेकर विकास दर तक पर बैंक की तैयारी को रखा. उन्होंने एक तरफ शहरी सहकारी बैंकों के गोल्ड ऋण के लिमिट को बढ़ाकर चार लाख कर दिया. वहीं, बैंकों की मनमानी और शिकायतों के निपटारे के लिए आंतरिक लोकपाल ढांचे में सामंजस्य स्थापित करने को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया कि दो हजार के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा के बाद 3.43 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट बैंक में जमा कराये गए. हालांकि, अभी भी 12, 000 करोड़ के नोट वापस नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था के लिए इंजन का काम कर रहा है. देश के घरेलू मांग के कारण अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है. आइये 12 प्वाइंट में समझते हैं RBI गवर्नर ने क्या कहा.
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