ratlam:-रुपयों-का-लालच-देकर-गरीबों-के-फर्जी-खाते-खुलवाकर-करोड़ों-का-लेनदेन,-तीन-आरोपी-गिरफ्तार
अमर उजाला, न्यूज डेस्क, रतलाम Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 02 Feb 2024 10: 57 PM IST गरीबों के नाम पर फर्जी खाते खोलने और फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों के लेनदेन का खुलासा हुआ है। तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्होंने बीते डेढ़ माह में ही 50 करोड़ की हेराफेरी की थी।  रतलाम पुलिस ने करोड़ों की हेराफेरी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us रतलाम पुलिस ने तीन ऐसे शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो गरीबों के रुपयों का हेरफेर कर रहे थे। पहले तो इन्होंने फर्जी कंपनी बनाई फिर फास्ट फूड का ठेला लगाकर मजदूरी करने वाले गरीब के बैंक में एकाउंट खुलवाकर करोड़ों रुपए का हेर फेर कर डाला। पुलिस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।  रतलाम एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि सूरज चौरे निवासी खातीवाला टैंक इंदौर हालमुकाम रतलाम नीमचौक में रहकर फास्ट फूड का ठेला लगाता है। सूरज की मुलाकात छह माह पहले तुलसीराम पिता गोपाल लाल ओझा निवासी भीलवाड़ा, राजस्थान से हुई थी। तुलसीराम ने हर माह 15 हजार रुपये देने का लालच देकर सूरज से उसके नाम से बैंक खाता खुलवाया। फर्म के नाम पर खातों की डिटेल्स, चेक बुक, खाते में दर्ज मोबाइल सिम तुलसीराम ने अपने पास रख ली। तुलसीराम ने और भी लोगों के नाम से खाते खुलवाने पर रुपये का लालच देकर उनके नाम से एक दो खाते और खुलवाए। तुलसी राम ने सूरज को अन्य दो खातों के रुपए नहीं दिए। सूरज को रुपए नहीं मिलने पर वह बैंक में खाते बंद करवाने गया। तब उसे पता चला कि उसके एकाउंट से करोड़ों रुपये का लेनदेन हो रहा है। सूरज को शक होने पर उसके बैंक खाते फ्रिज करने के लिए बैंक में आवेदन दिया।  रुपये नहीं मिले तो हुई शंका  सूरज से तुलसीराम ने मोबाइल फोन की दो सिम, पैन कार्ड, आधार कार्ड की तीन-तीन फोटोकापी व पासपोर्ट साइज के 12 फोटो भी लिए थे। तुलसीराम सूरज को पीएनबी की अलकापुरी शाखा ले गया। 2500 रुपये देकर फरियादी के नाम से दो बैंक खाते खुलवाए। दोनों बैंक खातों की पासबुक तुलसीराम ने अपने पास रख ली। दोनों खातों की चेकबुक व एटीएम जारी करवाने के फॉर्म पर भी उसने हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में तुलसीराम ने मित्र निवास रोड स्थित एसबीआइ बैंक ले जाकर कंपनी बनाने के नाम पर एक और खाता खुलवाया। सूरज के नाम से तीन खाते खुलवाने के बाद उसे रुपए रुपए नहीं मिलने पर शंका हुई। तब वह पुलिस के पास पहुंचा और पूरी गड़बड़ी की बात उजागर की है।   करीब 50 करोड़ का ट्रांजैक्शन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया बैंकों में खाते खोलने के पहले जीएसटी नंबर भी लिए गए। जीएसटी नंबर लेकर कंपनी बनाई। उसी आधार पर बैंक खाते खोले गए। फर्जी कंपनी अग्नि ट्रेडर्स के नाम से एसबीआई व पीएनबी में फास्ट फूड की दुकान चलाने वाले सूरज चौरे, आस्था इंपेक्स के नाम से फाइनेंशियल, यश बैंक व एसबीआई में मजदूरी करने वाले राहुल भालिया, रौनक इंटरप्राइजेस के नाम से एयू बैंक व एसबीआई में प्रिंटिंग प्रेस पर काम करने वाले अजय राठौड़ एवं सिद्धेशव्र एक्सियोम के नाम पीएनबी व फाइनेंशियल कंपनी में सब्जी का ठेला लगाने वाले संदीप सरौदिया के नाम से खाते खोले गए। इन सभी खातों में पिछले डेढ़ माह में करीब 50 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ है। इन तीन आरोपियों को पकड़ा एसपी लोढ़ा ने बताया कि तुलसीराम ने बैंक खाते खुलवाए तब उसके आरोपी साथी योगेश पिता मदनलाल शर्मा निवासी ग्राम कालियावाड़ा खेड़ा भीलवाड़ा राजस्थान व सूर्यप्रकाश पुत्र ओमप्रकाश त्रिपाठी निवासी ग्राम देवलिया जिला अजमेर भी थे। वर्तमान में यह तीनों रतलाम के शक्तिनगर में रहते हैं। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने फरियादी के दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी कंपनी बनाई। उनके खातों से करोड़ों का लेनदेन कर धोखाधड़ी की है। पुलिस ने इनके पास से एयू बैंक, पीएनबी, एसबीआई की 12 चेक बुक, 1 लेपटॉप, मोबाइल भी जब्त किए हैं। बैंककर्मी भी शक के दायरे में एसपी लोढ़ा ने बताया कि आम लोगों के बैंक खाते खोल कर करोड़ों के ट्रांजेक्शन होने के सवाल ने बैंक के मैनेजरों को भी शक के घेरे में खड़ा कर दिया है। क्योंकि किसी आम व्यक्ति के खाते में 8 से 10 करोड़ रुपये आ रहे हैं और दूसरों के खातों में जमा हो रहे हैं। पिछले डेढ़ माह में करीब 50 करोड़ का ट्रांजेक्शन हो चुका है। सवाल यह उठता है कि करोडों के ट्रांजेक्शन पर बैंक अधिकारियों ने संज्ञान क्यों नहीं लिया या फिर उनकी भी मिलीभगत है ? इन सारे बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। एसपी लोढ़ा के अनुसार जो लेनदेन हुआ है वह बाहरी राज्यों में हुआ है। जिनकी जांच की जा रही है। फिलहाल रतलाम में खोले गए बैंक खातों में करीब 5 करोड़ की राशि सीज की गई है। बैंक अधिकारियों से भी जल्द मामले में पूछताछ होगी। आगे की जो भी लिंक है उसके बारे में भी जांच की जा रही है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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अमर उजाला, न्यूज डेस्क, रतलाम Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 02 Feb 2024 10: 57 PM IST

गरीबों के नाम पर फर्जी खाते खोलने और फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों के लेनदेन का खुलासा हुआ है। तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्होंने बीते डेढ़ माह में ही 50 करोड़ की हेराफेरी की थी।  रतलाम पुलिस ने करोड़ों की हेराफेरी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। – फोटो : सोशल मीडिया

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रतलाम पुलिस ने तीन ऐसे शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो गरीबों के रुपयों का हेरफेर कर रहे थे। पहले तो इन्होंने फर्जी कंपनी बनाई फिर फास्ट फूड का ठेला लगाकर मजदूरी करने वाले गरीब के बैंक में एकाउंट खुलवाकर करोड़ों रुपए का हेर फेर कर डाला। पुलिस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। 

रतलाम एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि सूरज चौरे निवासी खातीवाला टैंक इंदौर हालमुकाम रतलाम नीमचौक में रहकर फास्ट फूड का ठेला लगाता है। सूरज की मुलाकात छह माह पहले तुलसीराम पिता गोपाल लाल ओझा निवासी भीलवाड़ा, राजस्थान से हुई थी। तुलसीराम ने हर माह 15 हजार रुपये देने का लालच देकर सूरज से उसके नाम से बैंक खाता खुलवाया। फर्म के नाम पर खातों की डिटेल्स, चेक बुक, खाते में दर्ज मोबाइल सिम तुलसीराम ने अपने पास रख ली। तुलसीराम ने और भी लोगों के नाम से खाते खुलवाने पर रुपये का लालच देकर उनके नाम से एक दो खाते और खुलवाए। तुलसी राम ने सूरज को अन्य दो खातों के रुपए नहीं दिए। सूरज को रुपए नहीं मिलने पर वह बैंक में खाते बंद करवाने गया। तब उसे पता चला कि उसके एकाउंट से करोड़ों रुपये का लेनदेन हो रहा है। सूरज को शक होने पर उसके बैंक खाते फ्रिज करने के लिए बैंक में आवेदन दिया। 

रुपये नहीं मिले तो हुई शंका 
सूरज से तुलसीराम ने मोबाइल फोन की दो सिम, पैन कार्ड, आधार कार्ड की तीन-तीन फोटोकापी व पासपोर्ट साइज के 12 फोटो भी लिए थे। तुलसीराम सूरज को पीएनबी की अलकापुरी शाखा ले गया। 2500 रुपये देकर फरियादी के नाम से दो बैंक खाते खुलवाए। दोनों बैंक खातों की पासबुक तुलसीराम ने अपने पास रख ली। दोनों खातों की चेकबुक व एटीएम जारी करवाने के फॉर्म पर भी उसने हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में तुलसीराम ने मित्र निवास रोड स्थित एसबीआइ बैंक ले जाकर कंपनी बनाने के नाम पर एक और खाता खुलवाया। सूरज के नाम से तीन खाते खुलवाने के बाद उसे रुपए रुपए नहीं मिलने पर शंका हुई। तब वह पुलिस के पास पहुंचा और पूरी गड़बड़ी की बात उजागर की है।
 
करीब 50 करोड़ का ट्रांजैक्शन
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया बैंकों में खाते खोलने के पहले जीएसटी नंबर भी लिए गए। जीएसटी नंबर लेकर कंपनी बनाई। उसी आधार पर बैंक खाते खोले गए। फर्जी कंपनी अग्नि ट्रेडर्स के नाम से एसबीआई व पीएनबी में फास्ट फूड की दुकान चलाने वाले सूरज चौरे, आस्था इंपेक्स के नाम से फाइनेंशियल, यश बैंक व एसबीआई में मजदूरी करने वाले राहुल भालिया, रौनक इंटरप्राइजेस के नाम से एयू बैंक व एसबीआई में प्रिंटिंग प्रेस पर काम करने वाले अजय राठौड़ एवं सिद्धेशव्र एक्सियोम के नाम पीएनबी व फाइनेंशियल कंपनी में सब्जी का ठेला लगाने वाले संदीप सरौदिया के नाम से खाते खोले गए। इन सभी खातों में पिछले डेढ़ माह में करीब 50 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ है।

इन तीन आरोपियों को पकड़ा
एसपी लोढ़ा ने बताया कि तुलसीराम ने बैंक खाते खुलवाए तब उसके आरोपी साथी योगेश पिता मदनलाल शर्मा निवासी ग्राम कालियावाड़ा खेड़ा भीलवाड़ा राजस्थान व सूर्यप्रकाश पुत्र ओमप्रकाश त्रिपाठी निवासी ग्राम देवलिया जिला अजमेर भी थे। वर्तमान में यह तीनों रतलाम के शक्तिनगर में रहते हैं। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने फरियादी के दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी कंपनी बनाई। उनके खातों से करोड़ों का लेनदेन कर धोखाधड़ी की है। पुलिस ने इनके पास से एयू बैंक, पीएनबी, एसबीआई की 12 चेक बुक, 1 लेपटॉप, मोबाइल भी जब्त किए हैं।

बैंककर्मी भी शक के दायरे में
एसपी लोढ़ा ने बताया कि आम लोगों के बैंक खाते खोल कर करोड़ों के ट्रांजेक्शन होने के सवाल ने बैंक के मैनेजरों को भी शक के घेरे में खड़ा कर दिया है। क्योंकि किसी आम व्यक्ति के खाते में 8 से 10 करोड़ रुपये आ रहे हैं और दूसरों के खातों में जमा हो रहे हैं। पिछले डेढ़ माह में करीब 50 करोड़ का ट्रांजेक्शन हो चुका है। सवाल यह उठता है कि करोडों के ट्रांजेक्शन पर बैंक अधिकारियों ने संज्ञान क्यों नहीं लिया या फिर उनकी भी मिलीभगत है ? इन सारे बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। एसपी लोढ़ा के अनुसार जो लेनदेन हुआ है वह बाहरी राज्यों में हुआ है। जिनकी जांच की जा रही है। फिलहाल रतलाम में खोले गए बैंक खातों में करीब 5 करोड़ की राशि सीज की गई है। बैंक अधिकारियों से भी जल्द मामले में पूछताछ होगी। आगे की जो भी लिंक है उसके बारे में भी जांच की जा रही है।

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