मंदसौर में पशुपतिनाथ को राखी बांधने पहुंची बहनें। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us रक्षाबंधन पर भगवान पशुपतिनाथ को भाई मानकर कुछ बहनें सालों से राखी बांधती आ रही हैं। इस बार भी बहनों ने अपने हाथों से बनाई हुई 12-12 फीट की राखियां बांधी और परिवार की खुशहाली की कामना की। रक्षाबंधन का पर्व बहन और भाई के अटूट प्यार का प्रतीक होता है। रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाइयों को राखी बांधतीं और भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। लेकिन मंदसौर में कुछ बहनें ऐसी भी हैं जो भगवान पशुपतिनाथ को भाई मानकर वर्षों से राखी बांधती आ रही हैं। मंदसौर के खानपुरा निवासी अपर्णा जैन पिछले 16 सालों से भगवान पशुपतिनाथ को राखी बांध रही हैं तो वहीं कलाखेत निवासी निर्मला गुप्ता पिछले 13 वर्षों से भगवान पशुपतिनाथ को राखी बांध रही हैं। ये दोनों बहनें भगवान रूपी अपने भाई के लिए परिवार के साथ मिलकर राखियां घर पर ही तैयार करती हैं। अपर्णा जैन ने इस बार भगवान पशुपतिनाथ के लिए 12 फीट की राखी बनाई जिसमें शिव परिवार को दर्शाया गया है तो वहीं निर्मला गुप्ता ने भी 12 फीट की राखी बनाई, जिसमें मानसरोवर और चंद्रयान 3 को दर्शाया गया है। अर्पणा जैन ने तैयार की 12 फीट की शिव परिवार की राखी अर्पणा जैन ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व के 15 दिन पहले से ही परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर भगवान पशुपतिनाथ के लिए राखी बनाने की तैयारी प्रारंभ की थी। भगवान श्री पशुपतिनाथ को बांधने के लिए हर साल अलग-अलग प्रकार की राखी बनाते हैं। इस साल हमने शिव परिवार की राखी बनाई है, राखी में पूरा शिव परिवार दर्शाया गया है। यह राखी करीब 12 फीट की है। रक्षाबंधन पर्व पर विशेष मुहूर्त में परिवार सहित पहुंचकर भगवान श्री पशुपतिनाथ को राखी बांधी है। राखी के साथ ही मंदिर गर्भगृह के लिए वंदनवार भी तैयार किया गया है। जो मंदिर गर्भगृह के चारों द्वार पर लगाए गए हैं। 13 साल से राखी बांध रहीं निर्मला गुप्ता शहर के कालाखेत निवासी निर्मला गुप्ता ने भगवान पशुपतिनाथ को अपना भाई बनाया है। निर्मला ने परिवार के साथ पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान को 13वें वर्ष राखी बांधी। इस साल उन्होंने 12 फीट की कैलाश मनासरोवर की राखी तैयार की है, इस राखी पर चंद्रयान-3 भी दर्शाया गया है। आज रक्षाबंधन पर्व पर निर्मला गुप्ता बेटियों और बहुओं के साथ पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचीं और 12 फीट की राखी भगवान को बांधी। निर्मला गुप्ता ने पिछले साल राखी पर बाबा अमरनाथ की प्रतिकृति बनाई थी। निर्मला ने बताया कि 2011 से हर साल भगवान पशुपतिनाथ को विशेष राखी बांधती आ रही हैं। निर्मला गुप्ता ने बताया कि तीन दिन पहले ही राखी बनाना प्रारंभ किया, 12 फीट की राखी तैयार भी हो गई जो आज भगवान पशुपतिनाथ को बांधी गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बांधी राखी पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी राकेश भट्ट का कहना है कि आज श्रावण मास का अंतिम दिन है और पूर्णिमा तिथि है। चूंकि भद्रा होने के कारण माताएं-बहनें काफी असमंजस की स्थिति में हैं। राखी बांधने का मुहूर्त रात्रि 9 बजे बाद शुभ है, लेकिन जब महादेव की बात आती है तो भद्रा और डाकिनी शाकिनी सब दूर हो जाती है। महादेव के प्रति प्रेम और श्रद्धा रखते हुए सबसे पहले बहनों ने भगवान पशुपतिनाथ और अपना भाई मानकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजभोग के बाद अपने हाथों से बनाई हुई राखी बांधी। 

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मंदसौर में पशुपतिनाथ को राखी बांधने पहुंची बहनें। – फोटो : सोशल मीडिया

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रक्षाबंधन पर भगवान पशुपतिनाथ को भाई मानकर कुछ बहनें सालों से राखी बांधती आ रही हैं। इस बार भी बहनों ने अपने हाथों से बनाई हुई 12-12 फीट की राखियां बांधी और परिवार की खुशहाली की कामना की।

रक्षाबंधन का पर्व बहन और भाई के अटूट प्यार का प्रतीक होता है। रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाइयों को राखी बांधतीं और भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। लेकिन मंदसौर में कुछ बहनें ऐसी भी हैं जो भगवान पशुपतिनाथ को भाई मानकर वर्षों से राखी बांधती आ रही हैं। मंदसौर के खानपुरा निवासी अपर्णा जैन पिछले 16 सालों से भगवान पशुपतिनाथ को राखी बांध रही हैं तो वहीं कलाखेत निवासी निर्मला गुप्ता पिछले 13 वर्षों से भगवान पशुपतिनाथ को राखी बांध रही हैं।

ये दोनों बहनें भगवान रूपी अपने भाई के लिए परिवार के साथ मिलकर राखियां घर पर ही तैयार करती हैं।
अपर्णा जैन ने इस बार भगवान पशुपतिनाथ के लिए 12 फीट की राखी बनाई जिसमें शिव परिवार को दर्शाया गया है तो वहीं निर्मला गुप्ता ने भी 12 फीट की राखी बनाई, जिसमें मानसरोवर और चंद्रयान 3 को दर्शाया गया है।

अर्पणा जैन ने तैयार की 12 फीट की शिव परिवार की राखी
अर्पणा जैन ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व के 15 दिन पहले से ही परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर भगवान पशुपतिनाथ के लिए राखी बनाने की तैयारी प्रारंभ की थी। भगवान श्री पशुपतिनाथ को बांधने के लिए हर साल अलग-अलग प्रकार की राखी बनाते हैं। इस साल हमने शिव परिवार की राखी बनाई है, राखी में पूरा शिव परिवार दर्शाया गया है। यह राखी करीब 12 फीट की है। रक्षाबंधन पर्व पर विशेष मुहूर्त में परिवार सहित पहुंचकर भगवान श्री पशुपतिनाथ को राखी बांधी है। राखी के साथ ही मंदिर गर्भगृह के लिए वंदनवार भी तैयार किया गया है। जो मंदिर गर्भगृह के चारों द्वार पर लगाए गए हैं।

13 साल से राखी बांध रहीं निर्मला गुप्ता
शहर के कालाखेत निवासी निर्मला गुप्ता ने भगवान पशुपतिनाथ को अपना भाई बनाया है। निर्मला ने परिवार के साथ पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान को 13वें वर्ष राखी बांधी। इस साल उन्होंने 12 फीट की कैलाश मनासरोवर की राखी तैयार की है, इस राखी पर चंद्रयान-3 भी दर्शाया गया है। आज रक्षाबंधन पर्व पर निर्मला गुप्ता बेटियों और बहुओं के साथ पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचीं और 12 फीट की राखी भगवान को बांधी। निर्मला गुप्ता ने पिछले साल राखी पर बाबा अमरनाथ की प्रतिकृति बनाई थी। निर्मला ने बताया कि 2011 से हर साल भगवान पशुपतिनाथ को विशेष राखी बांधती आ रही हैं। निर्मला गुप्ता ने बताया कि तीन दिन पहले ही राखी बनाना प्रारंभ किया, 12 फीट की राखी तैयार भी हो गई जो आज भगवान पशुपतिनाथ को बांधी गई।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बांधी राखी
पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी राकेश भट्ट का कहना है कि आज श्रावण मास का अंतिम दिन है और पूर्णिमा तिथि है। चूंकि भद्रा होने के कारण माताएं-बहनें काफी असमंजस की स्थिति में हैं। राखी बांधने का मुहूर्त रात्रि 9 बजे बाद शुभ है, लेकिन जब महादेव की बात आती है तो भद्रा और डाकिनी शाकिनी सब दूर हो जाती है। महादेव के प्रति प्रेम और श्रद्धा रखते हुए सबसे पहले बहनों ने भगवान पशुपतिनाथ और अपना भाई मानकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजभोग के बाद अपने हाथों से बनाई हुई राखी बांधी। 

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