राजगढ़ में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिखाता आफताब। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहरी थाने में दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लेकर इधर से उधर भटक रहा आफताब ऑनलाइन कियोस्क संचालित करने वाले आदिल के धोखे का शिकार हो गया। उसके दोनों बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इस कारण से बच्चों के न तो आधार कार्ड बन रहे हैं और न ही स्कूल में एडमिशन हो पा रहा है। इसकी शिकायत पीड़ित ने ब्यावरा थाने सहित राजगढ़ एसपी धर्मराज मीणा से की है। जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन उसे दिया गया है।   ब्यावरा शहर के मातामण्ड मोहल्ले में निवास करने वाले आफताब खान का कहना है कि उसके दो बच्चे हैं। इनमें से एक का जन्म शासकीय अस्पताल और एक का जन्म घर पर हुआ था। जिस बच्चे का जन्म अस्पताल में हुआ, वहां से तो उसे जन्म प्रमाण पत्र मिल गया था लेकिन घर में जन्मे बच्चे का प्रमाण पत्र नहीं था। नगर पालिका से उसने जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे। उसने 2022 में ऑनलाइन कियोस्क में काम करने वाले आदिल से संपर्क किया ताकि उन्हें ऑनलाइन चढ़ाया ज सके। आदिल ने उसके दोनों पुराने प्रमाण पत्र फाड़ दिए और 800 रुपये लेकर दो नए प्रमाण पत्र बनवा दिए। जब वह अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने और एडमिशन कराने पहुंचा तो दोनों प्रमाण पत्रों पर सील लगाने को कहा गया। वह दोनों प्रमाण पत्र में सील लगवाने के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि दोनों के ही बारकोड नकली है और प्रमाण पत्र फर्जी है। धोखाधड़ी की शिकायत लेकर ब्यावरा शहरी थाने में उसने राजगढ़ एसपी धर्मराज मीणा को शिकायत की है। उसे जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

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राजगढ़ में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिखाता आफताब। – फोटो : अमर उजाला

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राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहरी थाने में दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लेकर इधर से उधर भटक रहा आफताब ऑनलाइन कियोस्क संचालित करने वाले आदिल के धोखे का शिकार हो गया। उसके दोनों बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इस कारण से बच्चों के न तो आधार कार्ड बन रहे हैं और न ही स्कूल में एडमिशन हो पा रहा है। इसकी शिकायत पीड़ित ने ब्यावरा थाने सहित राजगढ़ एसपी धर्मराज मीणा से की है। जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन उसे दिया गया है।  

ब्यावरा शहर के मातामण्ड मोहल्ले में निवास करने वाले आफताब खान का कहना है कि उसके दो बच्चे हैं। इनमें से एक का जन्म शासकीय अस्पताल और एक का जन्म घर पर हुआ था। जिस बच्चे का जन्म अस्पताल में हुआ, वहां से तो उसे जन्म प्रमाण पत्र मिल गया था लेकिन घर में जन्मे बच्चे का प्रमाण पत्र नहीं था। नगर पालिका से उसने जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे। उसने 2022 में ऑनलाइन कियोस्क में काम करने वाले आदिल से संपर्क किया ताकि उन्हें ऑनलाइन चढ़ाया ज सके। आदिल ने उसके दोनों पुराने प्रमाण पत्र फाड़ दिए और 800 रुपये लेकर दो नए प्रमाण पत्र बनवा दिए। जब वह अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने और एडमिशन कराने पहुंचा तो दोनों प्रमाण पत्रों पर सील लगाने को कहा गया। वह दोनों प्रमाण पत्र में सील लगवाने के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि दोनों के ही बारकोड नकली है और प्रमाण पत्र फर्जी है। धोखाधड़ी की शिकायत लेकर ब्यावरा शहरी थाने में उसने राजगढ़ एसपी धर्मराज मीणा को शिकायत की है। उसे जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

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