rajgarh: भ्याना-में-महिला-सरपंच-की-जगह-बैठता-है-भाजपा-नेता,जनसुनवाई-में-दिव्यांग-को-धक्का-देने-का-वीडियो-वायरल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Thu, 27 Jul 2023 12: 06 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें भ्याना ग्राम पंचायत में महिला सरपंच की जगह उसका जेठ और भाजपा नेता बैठता है। हाल ही में मंगलवार को हुई जनसुनवाई का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भाजपा नेता और महिला सरपंच का जेठ दिव्यांग से मारपीट करते सामने आ रहे हैं। महिला सरंपच किरण पाटीदार - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राजगढ़ जिले की सारंगपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली भ्याना ग्राम पंचायत में महिला सरपंच की कुर्सी पर उसका जेठ और भाजपा नेता बैठता है। महिला सरपंच किरण पाटीदार के जेठ व भाजपा नेता विनोद पाटीदार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वे जनसुनवाई में महिला सरपंच की जगह कुर्सी पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। जनसुनवाई में वृद्ध दिव्यांग आदिवासी घनश्याम भिलाला पंच गोपाल गुर्जर को लेकर पंचायत भवन में पहुंचे और ईकेवायसी न होने के कारण पेंशन रोकने की बात की शिकायत की। जिस पर महिला सरपंच की कुर्सी पर बैठे भाजपा नेता व महिला के जेठ आग बाबूला हो गए और वृद्ध आदिवासी घनश्याम भिलाला और उनके साथ पंच गोपाल गुर्जर को भी धक्का देकर बाहर निकाल दिया।  बता दें, प्रधानमंत्री ने 2015 में पंचायती राज अधिनियम में सख्ती के प्रावधान लाकर प्रतिनिधि संस्कृति खत्म को करने की बात कही है लेकिन नौ साल बाद भी महिला प्रधान पंचायतों पर सरपंच पति, ससुर और जेठ संस्कृति खत्म होने का नाम नहीं ले रही। 2022 के जून माह में जब पंचायतों के चुनाव में महिलाएं जीतकर आईं, तो उनकी जगह पतियों, बेटों व अन्य रिश्तेदारों ने पद की शपथ ली, हालांकि कुछ जगह स्थानीय स्तर पर एक्शन भी लिया गया, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से इस 'प्रथा' को समाप्त करने के लिए कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली। इस मामले में जनपद सीईओ प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि पंचायतों में कितने सरपंचों के स्थान पर प्रतिनिधि बैठकों में आ रहे हैं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं यहां नया हूं। पंचायत इंस्पेक्टर से इस बारे में बात करें वहीं, बता पाएंगे। वहीं, पंचायत इंस्पेक्टर हरिओम शर्मा ने कहा कि सारंगपुर जनपद की 51 पंचायतों में महिला सरपंच हैं और ऑफलाइन बात करें तो कहीं भी महिला सरपंचों को स्थान नहीं है, उनके प्रतिनिधि ही सारे काम देखते हैं, अधिकारी ही ध्यान नहीं देते तो वो क्या करेंगे। भ्याना ग्राम पंचायत में घटित घटनाक्रम के मामले में सचिव कमल किशोर शर्मा ने स्वीकार किया कि आखिरी बार महिला सरपंच 26 जनवरी को घूंघट में झंडावंदन करने आईं थीं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Thu, 27 Jul 2023 12: 06 PM IST

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भ्याना ग्राम पंचायत में महिला सरपंच की जगह उसका जेठ और भाजपा नेता बैठता है। हाल ही में मंगलवार को हुई जनसुनवाई का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भाजपा नेता और महिला सरपंच का जेठ दिव्यांग से मारपीट करते सामने आ रहे हैं। महिला सरंपच किरण पाटीदार – फोटो : अमर उजाला

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राजगढ़ जिले की सारंगपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली भ्याना ग्राम पंचायत में महिला सरपंच की कुर्सी पर उसका जेठ और भाजपा नेता बैठता है। महिला सरपंच किरण पाटीदार के जेठ व भाजपा नेता विनोद पाटीदार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वे जनसुनवाई में महिला सरपंच की जगह कुर्सी पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। जनसुनवाई में वृद्ध दिव्यांग आदिवासी घनश्याम भिलाला पंच गोपाल गुर्जर को लेकर पंचायत भवन में पहुंचे और ईकेवायसी न होने के कारण पेंशन रोकने की बात की शिकायत की। जिस पर महिला सरपंच की कुर्सी पर बैठे भाजपा नेता व महिला के जेठ आग बाबूला हो गए और वृद्ध आदिवासी घनश्याम भिलाला और उनके साथ पंच गोपाल गुर्जर को भी धक्का देकर बाहर निकाल दिया। 

बता दें, प्रधानमंत्री ने 2015 में पंचायती राज अधिनियम में सख्ती के प्रावधान लाकर प्रतिनिधि संस्कृति खत्म को करने की बात कही है लेकिन नौ साल बाद भी महिला प्रधान पंचायतों पर सरपंच पति, ससुर और जेठ संस्कृति खत्म होने का नाम नहीं ले रही। 2022 के जून माह में जब पंचायतों के चुनाव में महिलाएं जीतकर आईं, तो उनकी जगह पतियों, बेटों व अन्य रिश्तेदारों ने पद की शपथ ली, हालांकि कुछ जगह स्थानीय स्तर पर एक्शन भी लिया गया, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से इस ‘प्रथा’ को समाप्त करने के लिए कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली। इस मामले में जनपद सीईओ प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि पंचायतों में कितने सरपंचों के स्थान पर प्रतिनिधि बैठकों में आ रहे हैं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं यहां नया हूं। पंचायत इंस्पेक्टर से इस बारे में बात करें वहीं, बता पाएंगे।

वहीं, पंचायत इंस्पेक्टर हरिओम शर्मा ने कहा कि सारंगपुर जनपद की 51 पंचायतों में महिला सरपंच हैं और ऑफलाइन बात करें तो कहीं भी महिला सरपंचों को स्थान नहीं है, उनके प्रतिनिधि ही सारे काम देखते हैं, अधिकारी ही ध्यान नहीं देते तो वो क्या करेंगे। भ्याना ग्राम पंचायत में घटित घटनाक्रम के मामले में सचिव कमल किशोर शर्मा ने स्वीकार किया कि आखिरी बार महिला सरपंच 26 जनवरी को घूंघट में झंडावंदन करने आईं थीं।

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