न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Wed, 07 Jun 2023 06: 08 PM IST
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आज के युग में जहां पांच लोग एक साथ बैठकर भी फोन में लगे रहते हैं वहीं अभी भी पुराने कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके जीवन में रिश्तों की अहमियत है और वो उसे मरते दम तक निभाना चाहते हैं और उसके लिए वो कुछ भी कर गुजरने के लिए तत्पर रहते हैं। ट्राईसाइकिल से बेटी से मिलने जाती बुजुर्ग महिला। – फोटो : Amar Ujala Digital
विस्तार रिश्तों की अहमियत समझने वाली जिस बुजुर्ग महिला के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, वह दिव्यांग है और उनका नाम लीबिया बाई है। वह अशोकनगर जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी ट्राइसिकल से लगभग 170 किलोमीटर का सफर आठ दिन में पूरा किया और बेटी से मिलने पहुंच गईं।
दरअसल, लीबिया बाई की एक मुंहबोली बेटी है, जो राजगढ़ जिले के पचोर क्षेत्र में आने वाले उदनखेड़ी गांव में रहती है। लीबिया बाई ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी की याद आ रही थी, लेकिन उनके पास उससे मिलने जाने के लिए बस का किराया नहीं था। कई बस वालों से कहा भी, लेकिन किसी बस वाले ने उन्हें बैठाया नहीं।
बस वालों द्वारा इनकार के कारण उन्होंने अपनी ट्राइसिकल से ही अशोकनगर से राजगढ़ जिले के उदनखेड़ी जाने का मन बनाया। अपने इस सफर के दौरान रास्ते में उन्हें बहुत मशक्कत झेलनी पड़ी। राजगढ़ जिले के पचोर-ब्यावरा के बीच हाईवे पर लीबिया बाई और उनके इस कठिन सफर की दास्तां पर कैमरे में कैद हो गई, जिसमें वह भीषण गर्मी को मात देती हुई आगे बढ़ रही थीं। जहां-जहां उन्हें घाटियां नजर आतीं वह अपनी ट्राइसिकल से उतरकर पहिए को घुमाते हुए नजर आ रही थी, जो कि हैरान कर देने वाला नजारा था।।
Ashoknagar: बस के पैसे नहीं थे तो ट्राईसाइकिल से किया सफर, आठ दिन में 170 किमी तय कर बेटी से मिलने पहुंची मांhttps://t.co/M9D2ZX99ap pic.twitter.com/XkUYkdIaCE
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) June 7, 2023 दिव्यांग बुजुर्ग महिला से जब बात की गई तो उनकी बातें नई पीढ़ी को हैरान कर देने वाली थी। उन्होंने बताया कि वो लगभग सात दिन पहले अशोकनगर जिले से निकली हैं। वो राजगढ़ जिले के उदनखेड़ी में रहने वाली उनकी मुंहबोली बेटी से मिलने जा रही हैं। इस दौरान उन्होंने इस सफर की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया बस में बैठने के पैसे होते तो इस तरह से नहीं जाना पड़ता। अब वो अपनी बेटी के पास पहुंच गईं हैं। बुजुर्ग दिव्यांग महिला का लगभग 170 से 180 किलोमीटर का यह सफर हैरान करने वाला है। आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों में लीबिया बाई जैसे कई लोग किस तरह से अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
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