rajgarh:-कोरोना-काल-में-माता-पिता-गुजर-गए,-अब-ब्रेड-बेचकर-पत्नी-और-बच्चे-का-पालन-पोषण-कर-रहा-llb-डिग्रीधारी
साइकिल पर ब्रेड लेकर बेचने निकला एलएलबी डिग्रीधारी - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का आलम कुछ इस कदर हावी है कि अच्छे-अच्छे डिग्रीधारी जैसे-तैसे काम चलाते हुए अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजगढ़ जिला मुख्यालय से भी निकलकर सामने आया है। जहां एक एलएलबी डिग्रीधारी युवक ब्रेड बेचकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, एलएलबी डिग्रीधारी यह 30 वर्षीय युवक दीपक पुष्पद, राजगढ़ शहर के गणेश मार्ग का निवासी है, जिसके माता-पिता दोनों ही कोरोना काल में दुनिया को अलविदा कह गए। इसकी दो बढ़ी बहनें हैं, जिनमें से एक का नाम बबिता और दूसरी बहन का नाम कविता है। दोनों बहनों की शादियां हो चुकी हैं और वे अपने ससुराल में ही निवास करती हैं। दीपक उसकी पत्नी और एक बच्चा गणेश मार्ग में ही निवास करता है। दीपक सुबह लगभग 6: 30 बजे से अपनी साइकिल लेकर घर से निकलता है और ब्रेड बेचकर दस बजे के आसपास अपने घर पहुंचता है। उसके बाद वह एक प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी निभाता है। शाम छह बजे तक वह कंपनी में काम करता है। उसके बाद वापस अपने घर लौटता है और शाम सात बजे के लगभग वह दुकानों पर ब्रेड सप्लाई करने के लिए वापस बाजार चला जाता है और रात दस बजे तक घर लौटता है। दीपक का कहना है कि वह 6: 30 बजे के लगभग अपने घर से निकलता है और ब्रेड बेचकर 10 बजे तक वापस अपने घर पहुंचता है। उसने बीकॉम और एलएलबी किए हुए है। साथ में डीसीए भी किया हुआ है। नौकरी के लिए उन्होंने कई जगह अप्लाई किया और व्यापमं की भी उन्होंने तैयारी की। लेकिन उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई। ब्रेड बेचना शुरुआत में उन्हें थोड़ा अजीब लगा। लेकिन धीरे-धीरे अब ये उनकी आदत बन गई है। साथ ही दीपक का यह भी कहना है कि एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद उसने आठ महीने प्रैक्टिस भी की। लेकिन पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उसे वह भी छोड़ना पड़ी। क्योंकि वहां से कुछ हासिल नहीं हो रहा था और घर में पैसे की जरूरत थी। कोरोना काल में दीपक के माता-पिता दोनों गुजर गए। उसकी एक वर्ष पूर्व ही शादी हुई है। उसके घर में पत्नी है, जो सिलाई का काम करती है और एक बच्चा भी है, जिनका पालन-पोषण दीपक ब्रेड बेचकर करता है। दीपक के मुताबिक, उसकी सरकारी नौकरी की कोशिश आज भी जारी है और वह अपने काम के साथ-साथ कोचिंग भी जाता है और पढ़ाई भी करता है।

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साइकिल पर ब्रेड लेकर बेचने निकला एलएलबी डिग्रीधारी – फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का आलम कुछ इस कदर हावी है कि अच्छे-अच्छे डिग्रीधारी जैसे-तैसे काम चलाते हुए अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजगढ़ जिला मुख्यालय से भी निकलकर सामने आया है। जहां एक एलएलबी डिग्रीधारी युवक ब्रेड बेचकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक, एलएलबी डिग्रीधारी यह 30 वर्षीय युवक दीपक पुष्पद, राजगढ़ शहर के गणेश मार्ग का निवासी है, जिसके माता-पिता दोनों ही कोरोना काल में दुनिया को अलविदा कह गए। इसकी दो बढ़ी बहनें हैं, जिनमें से एक का नाम बबिता और दूसरी बहन का नाम कविता है। दोनों बहनों की शादियां हो चुकी हैं और वे अपने ससुराल में ही निवास करती हैं। दीपक उसकी पत्नी और एक बच्चा गणेश मार्ग में ही निवास करता है।

दीपक सुबह लगभग 6: 30 बजे से अपनी साइकिल लेकर घर से निकलता है और ब्रेड बेचकर दस बजे के आसपास अपने घर पहुंचता है। उसके बाद वह एक प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी निभाता है। शाम छह बजे तक वह कंपनी में काम करता है। उसके बाद वापस अपने घर लौटता है और शाम सात बजे के लगभग वह दुकानों पर ब्रेड सप्लाई करने के लिए वापस बाजार चला जाता है और रात दस बजे तक घर लौटता है।

दीपक का कहना है कि वह 6: 30 बजे के लगभग अपने घर से निकलता है और ब्रेड बेचकर 10 बजे तक वापस अपने घर पहुंचता है। उसने बीकॉम और एलएलबी किए हुए है। साथ में डीसीए भी किया हुआ है। नौकरी के लिए उन्होंने कई जगह अप्लाई किया और व्यापमं की भी उन्होंने तैयारी की। लेकिन उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई। ब्रेड बेचना शुरुआत में उन्हें थोड़ा अजीब लगा। लेकिन धीरे-धीरे अब ये उनकी आदत बन गई है। साथ ही दीपक का यह भी कहना है कि एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद उसने आठ महीने प्रैक्टिस भी की। लेकिन पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उसे वह भी छोड़ना पड़ी। क्योंकि वहां से कुछ हासिल नहीं हो रहा था और घर में पैसे की जरूरत थी।

कोरोना काल में दीपक के माता-पिता दोनों गुजर गए। उसकी एक वर्ष पूर्व ही शादी हुई है। उसके घर में पत्नी है, जो सिलाई का काम करती है और एक बच्चा भी है, जिनका पालन-पोषण दीपक ब्रेड बेचकर करता है। दीपक के मुताबिक, उसकी सरकारी नौकरी की कोशिश आज भी जारी है और वह अपने काम के साथ-साथ कोचिंग भी जाता है और पढ़ाई भी करता है।

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