सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : ANI
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एनआईए ने राजस्थान आतंकवादी साजिश मामले में दो वांछित भगोड़ों को गिरफ्तार किया है। दोनों को जयपुर एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। आरोपियों के आईएसआईएस से संबंधों की जांच जारी है।
नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने राजस्थान में आतंकवादी साजिश मामले में दो वांछित भगोड़ों को गिरफ्तार किया है। विस्फोटक और आईईडी सामग्री की जब्ती से संबंधित 2022 के मामले में सरगना आईएसआईएस से प्रेरित आतंकी संगठन ‘एसयूएफए’ की आतंकी साजिश के तहत राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से जुड़ा यह मामला है। ये दोनों आरोपी मोहम्मद यूनुस साकी और इमरान खान उर्फ युसूफ रतलाम के रहने वाले हैं। इन्हें कल एनआईए विशेष अदालत, जयपुर के समक्ष पेश किया गया।
एनआईए को उम्मीद है कि उनकी गिरफ्तारी से एजेंसी को मामले में गायब कड़ियों को स्थापित करने में मदद मिलेगी। मोहम्मद यूनुस साकी और इमरान खान सक्रिय रूप से आईएसआईएस विचारधारा को फैलाने में लगे भारत में आईएसआईएस के सक्रिय सदस्यों और स्लीपर मॉड्यूल के साथ संगठन के संबंधों का पता लगाना इसमें शामिल है। मोहम्मद यूनुस साकी और इमरान खान सक्रिय रूप से आईएसआईएस विचारधारा को फैलाने में लगे हुए थे। महाराष्ट्र से उनकी गिरफ़्तारी से पहले एनआईए ने पहले इम्प्रोवाइज्ड के निर्माण में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक और विभिन्न घटकों को जब्त किया था। आरसी-18/ 2022/ मामले में वांछित अभियुक्तों के कब्जे से विस्फोटक उपकरण (आईईडी) एनआईए/डीएलआई बरामद हुए। बाद में जांच से पता चला कि दो लोगों ने सामग्री खरीदी थी और आतंक और तबाही फैलाने के इरादे से आईईडी बनाने के लिए पदार्थ राजस्थान और भारत में अन्यत्र भेजने की प्लानिंग की।
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को आईईडी निर्माण में उच्च प्रशिक्षण प्राप्त था और वे उनके प्रशिक्षण में भी शामिल थे। मास्टरमाइंड इमरान खान पोल्ट्री फार्म में ऐसे उपकरण बनाने का सह-आरोपी है। पिछले महीने एनआईए ने पोल्ट्री फार्म को कुर्क किया था। पिछले साल मुंबई भाग जाने और बाद में पुणे में बसने के बाद, उन्होंने कम से कम दो आईईडी तैयार किए। पिछले वर्ष पुणे में प्रशिक्षण और निर्माण कार्यशालाएं कीं। इस मामले में सरगना इमरान और दस अन्य आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने पिछले साल सितंबर में आरोप पत्र दायर किया था।
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