raisen-news:-अब-तक-नहीं-हो-सकी-पुलिस-पर-हमला-करने-वालों-की-पहचान,-200-सीसीटीवी-जांचने-के-बाद-भी-नतीजा-सिफर
रायसेन में इन दो युवकों ने किया था पुलिस पर हमला। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे रायसेन के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। दो सप्ताह पहले पुलिस जवान पर हुए हमले का अभी तक कोई सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है। औद्योगिक नगरी की पुलिस अपने ही साथी के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों का दो सप्ताह बीतने के बाद भी सुराग नहीं लगा पाई है। पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला है कि हमला करने वाले आरोपी आसपास के क्षेत्र के न होकर बाहर के हैं। अधिकारी आरक्षक पर हमला करने वाले आरोपियों की तलाश करने की बात कह रहे हैं। अधिकारी तो अपराधियों का क्लू मिलने का दावा भी कर रहे हैं।  थाना मंडीदीप के आरक्षक सुरेंद्र धवन पर नौ जून की रात लगभग तीन बजे हमला करने वाले आरोपियों को पकड़ने में दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस नाकाम रही है। हालांकि, इस दौरान मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, सतलापुर, नूरगंज पुलिस टीमों ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले। 150 से अधिक कैमरे तो बंद पाए गए। नतीजा कुछ नहीं निकला। आरोपियों को ढूंढना तो दूर पुलिस अभी तक आरोपियों का सुराग भी नहीं लगा पाई है। बीते दो साल में पुलिस पर हमले की घटनाएं आरक्षक सुरेंद्र धवन के साथ हुए जानलेवा हमले के पहले इसी साल 14 जनवरी को औद्योगिक सतलापुर थाने में पदस्थ एएसआई रमेश उइके के साथ सतलापुर के बदमाश कल्लू ने पत्थर मारकर सिर फोड़ दिया था। इससे पहले बीते वर्ष सितंबर में मंडीदीप थाने में पदस्थ आरक्षक जयप्रकाश के साथ कांग्रेस नेता प्रदीप नायर की झड़प और धक्का-मुक्की हुई थी। इसी साल सतलापुर के बदमाश सुनील नस्सू ने सतलापुर थाने के एक जवान के साथ मारपीट की थी। इससे पहले वर्ष 2018 में मंडीदीप थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल राजू यादव जो देवी प्रतिमा विसर्जन में ड्यूटी कर रहे थे, उनके साथ  एक बदमाश ने डंडा मारकर सिर फोड़ दिया था।  पुलिस का क्या कहना है  एसडीओपी शीला सुराना ने बताया कि पुलिस की जांच-पड़ताल में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। पता चला है कि आरोपी बाहर के हैं। क्या सुराग मिला है, यह बताना संभव नहीं है। इससे आरोपियों की पहचान उजागर होगी। साथ ही जांच भी प्रभावित हो सकती है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शहवाल ने बताया कि जिन आरोपियों को एटीएम चोरी की घटना को अंजाम दने की योजना बनाते संदेह के आधार पर पकड़ा था, पूछताछ पर पता चला कि यह वह आरोपी  नही हैं। आरक्षक पर हमला करने वालों की तलाश की जा रही है। (रायसेन से देवराज दुबे की रिपोर्ट)  

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रायसेन में इन दो युवकों ने किया था पुलिस पर हमला। – फोटो : अमर उजाला

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 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे रायसेन के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। दो सप्ताह पहले पुलिस जवान पर हुए हमले का अभी तक कोई सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है। औद्योगिक नगरी की पुलिस अपने ही साथी के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों का दो सप्ताह बीतने के बाद भी सुराग नहीं लगा पाई है। पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला है कि हमला करने वाले आरोपी आसपास के क्षेत्र के न होकर बाहर के हैं। अधिकारी आरक्षक पर हमला करने वाले आरोपियों की तलाश करने की बात कह रहे हैं। अधिकारी तो अपराधियों का क्लू मिलने का दावा भी कर रहे हैं। 

थाना मंडीदीप के आरक्षक सुरेंद्र धवन पर नौ जून की रात लगभग तीन बजे हमला करने वाले आरोपियों को पकड़ने में दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस नाकाम रही है। हालांकि, इस दौरान मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, सतलापुर, नूरगंज पुलिस टीमों ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले। 150 से अधिक कैमरे तो बंद पाए गए। नतीजा कुछ नहीं निकला। आरोपियों को ढूंढना तो दूर पुलिस अभी तक आरोपियों का सुराग भी नहीं लगा पाई है।

बीते दो साल में पुलिस पर हमले की घटनाएं
आरक्षक सुरेंद्र धवन के साथ हुए जानलेवा हमले के पहले इसी साल 14 जनवरी को औद्योगिक सतलापुर थाने में पदस्थ एएसआई रमेश उइके के साथ सतलापुर के बदमाश कल्लू ने पत्थर मारकर सिर फोड़ दिया था। इससे पहले बीते वर्ष सितंबर में मंडीदीप थाने में पदस्थ आरक्षक जयप्रकाश के साथ कांग्रेस नेता प्रदीप नायर की झड़प और धक्का-मुक्की हुई थी। इसी साल सतलापुर के बदमाश सुनील नस्सू ने सतलापुर थाने के एक जवान के साथ मारपीट की थी। इससे पहले वर्ष 2018 में मंडीदीप थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल राजू यादव जो देवी प्रतिमा विसर्जन में ड्यूटी कर रहे थे, उनके साथ  एक बदमाश ने डंडा मारकर सिर फोड़ दिया था। 

पुलिस का क्या कहना है 
एसडीओपी शीला सुराना ने बताया कि पुलिस की जांच-पड़ताल में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। पता चला है कि आरोपी बाहर के हैं। क्या सुराग मिला है, यह बताना संभव नहीं है। इससे आरोपियों की पहचान उजागर होगी। साथ ही जांच भी प्रभावित हो सकती है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शहवाल ने बताया कि जिन आरोपियों को एटीएम चोरी की घटना को अंजाम दने की योजना बनाते संदेह के आधार पर पकड़ा था, पूछताछ पर पता चला कि यह वह आरोपी  नही हैं। आरक्षक पर हमला करने वालों की तलाश की जा रही है।

(रायसेन से देवराज दुबे की रिपोर्ट)
 

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