purvodaya-scheme:-पूर्वोत्तर-भारत-के-विकास-के-लिए-रोड-मैप
Purvodaya scheme: को गति देने के लिए सभी मंत्रालय को निर्देश दिया गया है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में सभी मंत्रालय के सचिवों को यह निर्देश दिया गया कि बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की गयी है, उसे समयबद्ध तरीके से तय समय में पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. साथ ही जिन योजनाओं पर अभी काम शुरू नहीं  हो पाया है, उसकी रिपोर्ट भी सौंपने को कहा गया है. सचिवों से यह भी कहा गया है कि सरकार की प्राथमिकता पश्चिमी और पूर्वी भारत के बीच के आर्थिक गैप को दूर करने की है, इसलिए इस गैप को दूर करने और पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए बने रोड मैप को जल्द से जल्द पूरा किया जाये.  बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल को मिलेगा लाभ इस योजना में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल,ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्य शामिल है. वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कैबिनेट सचिव ने पश्चिम और पूरब के बीच आर्थिक असमानता को दूर करने के लिये सरकार की ओर से बजट में घोषित इस योजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया. अधिकारी के मुताबिक, “बैठक में पूर्वोदय योजना के तहत बजट में घोषित सभी योजनाओं की समीक्षा की गयी. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में रेल, सड़क, बिजली, पुल, हवाई अड्डों का निर्माण, एक्सप्रेसवे सहित आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में और वाकल क्षेत्र में पानी, बिजली, रेलवे व सड़कों जैसी आवश्यक बुनियादी ढांचे पर विस्तार से चर्चा की गयी”.इसके अलावा बिहार में नये हवाई अड्डे, थर्मल पॉवर, मेडिकल कॉलेज व खेल ढांचे के विकास में कितनी प्रगति हुई है इस पर भी विस्तार से चर्चा की गयी.  योजना के तहत 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट योजनाओं को शुरू करने, जल प्रबंधन, 100 बड़े शहरों के लिए जलापूर्ति, सीवेज उपचार व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं और सेवाओं को बढ़ावा दिए जाने की प्रगति रिपोर्ट पर भी चर्चा की गयी. अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि के कारण इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये तीन महीने के भीतर जमीन पर  काम शुरू करने का निर्देश मंत्रालयों को दिया गया है. इन योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और तय समय में करने का निर्देश भी दिया गया योजना के क्रियान्वयन से आर्थिक असमानता होगी दूर   पश्चिमी और पूर्वी भारत के बीच आर्थिक असमानता को दूर करने और पूर्वी भारत के आर्थिक विकास को पटरी पर लाने के लिये केंद्र सरकार ने पूर्वोदय योजना की घोषणा की है. इसका मकसद पूर्वोदय भारत के इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, रोजगार, मानव संसाधन और आर्थिक विकास के अवसरों को नई ऊर्जा प्रदान करना है. केंद्र सरकार का मानना है कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा. यही कारण रहा कि बजट में पूर्वी क्षेत्र को लेकर 26 हजार करोड़ रुपये का फंड का आवंटन भी किया गया. वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिये  11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो जीडीपी का 3.4 फीसदी है. ReplyForward

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Purvodaya scheme: को गति देने के लिए सभी मंत्रालय को निर्देश दिया गया है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में सभी मंत्रालय के सचिवों को यह निर्देश दिया गया कि बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की गयी है, उसे समयबद्ध तरीके से तय समय में पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. साथ ही जिन योजनाओं पर अभी काम शुरू नहीं  हो पाया है, उसकी रिपोर्ट भी सौंपने को कहा गया है. सचिवों से यह भी कहा गया है कि सरकार की प्राथमिकता पश्चिमी और पूर्वी भारत के बीच के आर्थिक गैप को दूर करने की है, इसलिए इस गैप को दूर करने और पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए बने रोड मैप को जल्द से जल्द पूरा किया जाये. 

बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल को मिलेगा लाभ इस योजना में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल,ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्य शामिल है. वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कैबिनेट सचिव ने पश्चिम और पूरब के बीच आर्थिक असमानता को दूर करने के लिये सरकार की ओर से बजट में घोषित इस योजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया. अधिकारी के मुताबिक, “बैठक में पूर्वोदय योजना के तहत बजट में घोषित सभी योजनाओं की समीक्षा की गयी. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में रेल, सड़क, बिजली, पुल, हवाई अड्डों का निर्माण, एक्सप्रेसवे सहित आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में और वाकल क्षेत्र में पानी, बिजली, रेलवे व सड़कों जैसी आवश्यक बुनियादी ढांचे पर विस्तार से चर्चा की गयी”.इसके अलावा बिहार में नये हवाई अड्डे, थर्मल पॉवर, मेडिकल कॉलेज व खेल ढांचे के विकास में कितनी प्रगति हुई है इस पर भी विस्तार से चर्चा की गयी.  योजना के तहत 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट योजनाओं को शुरू करने, जल प्रबंधन, 100 बड़े शहरों के लिए जलापूर्ति, सीवेज उपचार व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं और सेवाओं को बढ़ावा दिए जाने की प्रगति रिपोर्ट पर भी चर्चा की गयी. अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि के कारण इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये तीन महीने के भीतर जमीन पर  काम शुरू करने का निर्देश मंत्रालयों को दिया गया है. इन योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और तय समय में करने का निर्देश भी दिया गया

योजना के क्रियान्वयन से आर्थिक असमानता होगी दूर  
पश्चिमी और पूर्वी भारत के बीच आर्थिक असमानता को दूर करने और पूर्वी भारत के आर्थिक विकास को पटरी पर लाने के लिये केंद्र सरकार ने पूर्वोदय योजना की घोषणा की है. इसका मकसद पूर्वोदय भारत के इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, रोजगार, मानव संसाधन और आर्थिक विकास के अवसरों को नई ऊर्जा प्रदान करना है. केंद्र सरकार का मानना है कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा. यही कारण रहा कि बजट में पूर्वी क्षेत्र को लेकर 26 हजार करोड़ रुपये का फंड का आवंटन भी किया गया. वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिये  11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो जीडीपी का 3.4 फीसदी है.

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