PM Kisan Samman Nidhi: केंद्र सरकार के द्वारा देश के किसानों को सम्मान के रुप में साल में छह हजार रुपये सीधे उनके बैंक खाते में दिये जाते हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी की गयी थी. वहीं, अब 16वीं किस्त के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं. इस बीच किसान भाइयों के लिए एक बड़ी खबर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री किसानों को मिलने वाली राशि में बढ़ोत्तरी पर विचार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसान परिवारों को दिये जाने वाले छह हजार रुपये में करीब 50 प्रतिशत का इजाफा किया जा सकता है. यानि, उनके खाते में अब दो हजार के बजाये तीन हजार रुपये आ सकते हैं. हालांकि, इस बारे में अभी सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गयी है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने प्रस्ताव रखा गया
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया है कि किसानों को दिये जानी वाली रकम को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने ये प्रस्ताव रखा जा चुका है. उन्होंने बताया कि अगर भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार मान लेती है तो इसके सालाना आधार पर केंद्र सरकार पर 20,000-30,000 करोड़ रुपये का खर्च बढ़ जाएगा. अधिकारी ने साफ तौर पर बताया कि हालांकि, अभी तक ये तय नहीं कि इसे लागू कब से किया जाएगा. मगर, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार किसानों को चुनाव से पहले ये तोहफा दे सकती है.
एमएसपी बढ़ाने पर भी कर रही है विचार
किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दिये जाने वाली राशि को बढ़ाने के साथ ही, केंद्र सरकार एक और विषय पर विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जल्द ही मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत होने वाली खरीदारी को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है. अगर, चुनाव वाले राज्यों को फोकस करें तो मध्य प्रदेश की कुल राज्य घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 40 फीसदी है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह लगभग 27-27 फीसदी पर है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि हर स्थिति में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किसान की आय में गिरावट न हो. चुनाव से पहले इन मुद्दों पर फैसला लेने पर केंद्र सरकार को इन राज्यों में चुनाव परिणाम में मदद मिल सकती है.
गांव में रहती है भारत की 65 प्रतिशत आबादी
भारत के 1.4 अरब लोगों में से लगभग 65% ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, किसान मोदी के लिए एक महत्वपूर्ण मतदान केंद्र हैं, जो आगामी चुनाव में कार्यालय में एक दुर्लभ तीसरा कार्यकाल चाह रहे हैं. हालाँकि वह एक लोकप्रिय नेता बने हुए हैं, 55% मतदाता उन्हें अनुकूल मानते हैं, बढ़ती असमानता और बेरोजगारी के मुद्दे चुनाव में उनके लिए चुनौती बन सकते हैं. सरकार अपने मुद्रास्फीति-नियंत्रण उपायों, जैसे कि कुछ चावल निर्यात पर प्रतिबंध, ग्रामीण आय पर अंकुश लगाने के बाद किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है. भारत में भी पिछले पांच वर्षों में सबसे कमजोर मॉनसून वर्षा दर्ज की गई है, जिससे इस वर्ष प्रमुख फसलों की पैदावार को खतरा है. दिसंबर 2018 में सब्सिडी कार्यक्रम शुरू होने के बाद से, मोदी सरकार ने 110 मिलियन लाभार्थियों को कुल 2.42 ट्रिलियन रुपये दिए हैं. लोगों ने कहा कि अधिकारी अब प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत अधिक किसानों को शामिल करने के लिए नियमों में ढील देने पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. सरकार गरीब परिवारों को समर्थन देने के लिए अन्य उपाय भी कर रही है, जैसे अगले साल मुफ्त अनाज कार्यक्रम का विस्तार करना और छोटे शहरी आवास के लिए सब्सिडी वाले ऋण पर विचार करना. पिछले हफ्ते कैबिनेट ने खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाली तरलीकृत पेट्रोलियम गैस पर सब्सिडी बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी.
PM Kisan Samman NidhiPM Kisan YojanaPublished Date
Sat, Dec 2, 2023, 5: 47 AM IST
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