pm-janman:-कमजोर-जनजातीय-समूह-तक-बुनियादी-सुविधा-पहुंचना
PM JANMAN: देश के कमजोर जनजातीय समूहों के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम-जनमन योजना शुरू की गयी है. पिछले वर्ष 100 जिलों में एक व्यापक अभियान चलाया गया था, जिसके तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक और 15 हजार आदिवासी बहुल गांवों को कवर किया गया था. इस साल आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 194 जिलों के 28700 गांव और 10.7 लाख परिवारों तक पहुंचने के लिए अभियान चलाया गया है.  इस अभियान के दौरान राज्य से लेकर जिला, ब्लॉक और गांव तक और कमजोर जनजातीय समूहों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का काम होगा.   क्या है अभियान का मकसद इस अभियान का मकसद कमजोर जनजातीय समूह के परिवारों को सरकारी योजना का लाभ मुहैया कराना और ऐसे गांवों में बुनियादी सुविधा का विकास करना है. इस अभियान के तहत जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे जानकारी दी जाएगी. कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन धन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए माईभारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनएसएस, एनसीसी, एसएचजी, एफपीओ और अन्य ऐसे निकायों की मदद ली जाएगी. इस दौरान आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र, जन धन खाते और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के लाभार्थियों को पट्टे प्रदान प्रदान किए जाएंगे. साथ ही स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन होगा, जिसमें सिकल सेल की स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस दिया जाएगा. गौरतलब है कि पीएम-जनमन योजना अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 24104 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें 9 मंत्रालय की हिस्सेदारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर 2023 को इस योजना को शुरू किया था. 

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PM JANMAN: देश के कमजोर जनजातीय समूहों के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम-जनमन योजना शुरू की गयी है. पिछले वर्ष 100 जिलों में एक व्यापक अभियान चलाया गया था, जिसके तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक और 15 हजार आदिवासी बहुल गांवों को कवर किया गया था. इस साल आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 194 जिलों के 28700 गांव और 10.7 लाख परिवारों तक पहुंचने के लिए अभियान चलाया गया है.  इस अभियान के दौरान राज्य से लेकर जिला, ब्लॉक और गांव तक और कमजोर जनजातीय समूहों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का काम होगा.  

क्या है अभियान का मकसद
इस अभियान का मकसद कमजोर जनजातीय समूह के परिवारों को सरकारी योजना का लाभ मुहैया कराना और ऐसे गांवों में बुनियादी सुविधा का विकास करना है. इस अभियान के तहत जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे जानकारी दी जाएगी. कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन धन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए माईभारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनएसएस, एनसीसी, एसएचजी, एफपीओ और अन्य ऐसे निकायों की मदद ली जाएगी. इस दौरान आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र, जन धन खाते और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के लाभार्थियों को पट्टे प्रदान प्रदान किए जाएंगे. साथ ही स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन होगा, जिसमें सिकल सेल की स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस दिया जाएगा. गौरतलब है कि पीएम-जनमन योजना अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 24104 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें 9 मंत्रालय की हिस्सेदारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर 2023 को इस योजना को शुरू किया था.