phe-news:-साढ़े-11-के-बाद-ऑफिस-पहुंचते-हैं-पीएचई-खंड-भोपाल-के-कर्मचारी,-शासन-के-निर्देशों-की-उड़ा-रहे-धज्जियां
अ़ॉफिस में झपकी लेंती गुप्ता मैडम - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us कोविड के दौरान मध्य प्रदेश में पांच दिवस कार्यालय लगाने की व्यवस्था के साथ कार्यालयीन समय में जो परिवर्तन किया गया था, उसका पालन नहीं हो रहा है। अधिकारी कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों को कार्यालयीन समयावधि का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन राजधानी भोपाल में ही शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। पीएचई विभाग के भोपाल खंड में आधे से ज्यादा कर्मचारी 11: 30 के बाद ऑफिस पहुंच रहे हैं। सोमवार को अमर उजाला टीम ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि यहां ज्यादातर कर्मचारी यहां तक की अधिकारी भी नदारत मिले। Trending Videos रजिस्टर में नहीं थे हस्ताक्षर, प्रभारी के अलग-अलग बहाने  एचपीई विभाग के खंड भोपाल में 11: 30 जब अमर उजाला की टीम पहुंची तो यहां के कुछ कर्मचारी पहुंच चुके थे, कुछ पहुंच रहे थे यहां तक की कार्यपालन यंत्री भी ऑफिस नहीं पहुंची थीं, हालांकि यहां के कर्मचारियों ने बताया कि मैडम मीटिंग में गई हुई है। अमर उजाला की टीम ने जब अटेंडेंस रजिस्टर की पड़ताल की तो पता चला कि रजिस्टर में ज्यादातर कर्मचारियों ने सिग्नेचर ही नहीं किए हैं। कुछ कर्मचारी टीम को देखकर अपने हस्ताक्षर करने लगे। इस शाखा के प्रभारी विमल मौर्य से जब मामले की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अलग-अलग प्रकार के बहाने बताने लगे बोले कुछ लोग छुट्टी पर होंगे, कुछ लोग अस्पताल गए होंगे लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आपके पास छुट्टी का एक भी आवेदन है तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। उपस्थिति रजिस्टर में मुश्किल से तीन चार कर्मचारियों के सिग्नेचर थे इससे साफ जाहिर होता है कि पीएचई विभाग के खंड भोपाल ऑफिस में आने का और जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। इस मामले में जब यहां की कार्यपालन यंत्री से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब देना उचित नहीं समझा। जानकारी के अनुसार यहां की कार्यपालन यंत्री भी समय पर कभी ऑफिस नहीं पहुंचती हैं, यही वजह है कि कर्मचारी भी मनमानी तरीके से आते और जाते हैं। नींद लेती मिली  गुप्ता मैडम  अमर उजाला की टीम जब पीएचई विभाग के खंड भोपाल में पहुंचा तो ज्यादातर कर्मचारी ऑफिस नहीं पहुंचे थे जो पहुंचे भी थे उनमें से एक मैडम भी पहुंची थी जो अपनी कुर्सी में बैठकर नींद लेती दिखाई। जब उनसे इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आज सावन सोमवार का व्रत है इसलिए झपकी आ गई। जानकारी के अनुसार विभाग में गुप्ता मैडम एलडीसी के पोस्ट पर पदस्थ हैं, कार्यालय में इनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, इसलिए यह हमेशा बैठी ही रहती है। जबकि अपात्र लोगों को बड़े-बड़े काम देकर रखे गए हैं।  पिछले महीने ही जारी हुआ है आदेश  गौरतलब है कि अप्रैल 2021 से कार्यालयीन समय सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक निर्धारित है लेकिन सुबह 10 बजे अधिकतर कार्यालयों में कर्मचारी व अधिकारी नहीं आते हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 26 जून को एक आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि वे कार्यालयीन समयावधि का पालन कराएं। कोरोना काल में बदल गया कार्यालय का समय जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना काल के बाद सरकार ने केंद्र की तरह ही प्रदेश में पांच दिन कार्यालय लगाने की व्यवस्था प्रारंभ की। पहले दूसरे और तीसरी शनिवार को अवकाश रहता था। इसमें परिवर्तन कर शनिवार को भी अवकाश रखा गया। इसके स्थान पर कार्यालयीन समय अवधि में परिवर्तन किया गया। सुबह साढ़े के स्थान पर 10 बजे से कार्यालय प्रारंभ होने और शाम साढ़े छह बजे की जगह छह बजे बंद करने की व्यवस्था बनाई।

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अ़ॉफिस में झपकी लेंती गुप्ता मैडम – फोटो : अमर उजाला

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कोविड के दौरान मध्य प्रदेश में पांच दिवस कार्यालय लगाने की व्यवस्था के साथ कार्यालयीन समय में जो परिवर्तन किया गया था, उसका पालन नहीं हो रहा है। अधिकारी कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों को कार्यालयीन समयावधि का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन राजधानी भोपाल में ही शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। पीएचई विभाग के भोपाल खंड में आधे से ज्यादा कर्मचारी 11: 30 के बाद ऑफिस पहुंच रहे हैं। सोमवार को अमर उजाला टीम ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि यहां ज्यादातर कर्मचारी यहां तक की अधिकारी भी नदारत मिले।

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रजिस्टर में नहीं थे हस्ताक्षर, प्रभारी के अलग-अलग बहाने 
एचपीई विभाग के खंड भोपाल में 11: 30 जब अमर उजाला की टीम पहुंची तो यहां के कुछ कर्मचारी पहुंच चुके थे, कुछ पहुंच रहे थे यहां तक की कार्यपालन यंत्री भी ऑफिस नहीं पहुंची थीं, हालांकि यहां के कर्मचारियों ने बताया कि मैडम मीटिंग में गई हुई है। अमर उजाला की टीम ने जब अटेंडेंस रजिस्टर की पड़ताल की तो पता चला कि रजिस्टर में ज्यादातर कर्मचारियों ने सिग्नेचर ही नहीं किए हैं। कुछ कर्मचारी टीम को देखकर अपने हस्ताक्षर करने लगे। इस शाखा के प्रभारी विमल मौर्य से जब मामले की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अलग-अलग प्रकार के बहाने बताने लगे बोले कुछ लोग छुट्टी पर होंगे, कुछ लोग अस्पताल गए होंगे लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आपके पास छुट्टी का एक भी आवेदन है तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। उपस्थिति रजिस्टर में मुश्किल से तीन चार कर्मचारियों के सिग्नेचर थे इससे साफ जाहिर होता है कि पीएचई विभाग के खंड भोपाल ऑफिस में आने का और जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। इस मामले में जब यहां की कार्यपालन यंत्री से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब देना उचित नहीं समझा। जानकारी के अनुसार यहां की कार्यपालन यंत्री भी समय पर कभी ऑफिस नहीं पहुंचती हैं, यही वजह है कि कर्मचारी भी मनमानी तरीके से आते और जाते हैं।

नींद लेती मिली  गुप्ता मैडम 
अमर उजाला की टीम जब पीएचई विभाग के खंड भोपाल में पहुंचा तो ज्यादातर कर्मचारी ऑफिस नहीं पहुंचे थे जो पहुंचे भी थे उनमें से एक मैडम भी पहुंची थी जो अपनी कुर्सी में बैठकर नींद लेती दिखाई। जब उनसे इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आज सावन सोमवार का व्रत है इसलिए झपकी आ गई। जानकारी के अनुसार विभाग में गुप्ता मैडम एलडीसी के पोस्ट पर पदस्थ हैं, कार्यालय में इनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, इसलिए यह हमेशा बैठी ही रहती है। जबकि अपात्र लोगों को बड़े-बड़े काम देकर रखे गए हैं। 

पिछले महीने ही जारी हुआ है आदेश 
गौरतलब है कि अप्रैल 2021 से कार्यालयीन समय सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक निर्धारित है लेकिन सुबह 10 बजे अधिकतर कार्यालयों में कर्मचारी व अधिकारी नहीं आते हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 26 जून को एक आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि वे कार्यालयीन समयावधि का पालन कराएं।

कोरोना काल में बदल गया कार्यालय का समय
जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना काल के बाद सरकार ने केंद्र की तरह ही प्रदेश में पांच दिन कार्यालय लगाने की व्यवस्था प्रारंभ की। पहले दूसरे और तीसरी शनिवार को अवकाश रहता था। इसमें परिवर्तन कर शनिवार को भी अवकाश रखा गया। इसके स्थान पर कार्यालयीन समय अवधि में परिवर्तन किया गया। सुबह साढ़े के स्थान पर 10 बजे से कार्यालय प्रारंभ होने और शाम साढ़े छह बजे की जगह छह बजे बंद करने की व्यवस्था बनाई।

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