न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंदसौर Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 28 Aug 2023 07: 13 PM IST मंदसौर में श्रावण मास के अंतिम सोमवार को विश्व विख्यात अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी नगर में धूमधाम से निकाली गई। मंदिर परिसर में पशुपतिनाथ की प्रतिकृति रजत प्रतिमा का विधिपूर्वक पूजन हुआ। विशेष रूप से निर्मित रथ में स्थापित कर शृंगार किया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बाद भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर जनप्रतिनिधियों ने रथ को खींचकर आगे बढ़ाया। शाही सवारी में बाहर से आए कलाकारों ने भगवान का स्वांग धर धार्मिक गीतों पर प्रस्तुति दी, जिसे सभी ने सराहा।    मंदसौर के राजा भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी आरंभ होने के पूर्व सशस्त्र पुलिस बल द्वारा सलामी दी गई। उसके बाद जनप्रतिनिधियों ने रथ को खींचकर आगे बढ़ाया। उत्साह और उमंग के बीच निकली शाही सवारी में हर वर्ग के पुरुष महिला और युवा हजारों की संख्या में शामिल हुए। नगर ही नहीं जिले व आसपास क्षेत्र के हजारों ग्रामीण भी शाही सवारी रथयात्रा  का दर्शन करने पहुंचे। शाही रथ में विराजित भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा का जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत सत्कार कर,आरती की गई व कहीं केले तो कहीं फलाहार की प्रसादी वितरित की गई।   जीवंत झाकियों व अखाड़ों ने मोहा मन भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी में दिल्ली के कलाकारों द्वारा शिव पार्वती, राधा कृष्ण, कालका माता, केरला की झांकी, श्री नाथ जी की झांकी, अघोरी टीम ने सबका मन मोह लिया, वहीं धार्मिक गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसे सभी ने सराहा। शाही सवारी वैसे तो अपने आप में ही खास थी, लेकिन शाही सवारी में शामिल श्री राम, हनुमान और विशालकाय नंदी और उस पर बिराजे शिव ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।   ये भी रहे शामिल भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी में डीजे की धुन पर नृत्य करती हुईं टोलियां चल रही थीं। वहीं युवाओं-महिलाओं ने भी धार्मिक गीतों पर खूब नृत्य किया। शाही सवारी के आगे महिलाएं सर पर कलश धारण किए हुए चल रही थीं।   27 वर्ष से निकाली जा रही शाही सवारी  भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी की शुरुआत आज से 27 साल पहले हुई थी तब ट्रैक्टर में भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा को विराजित कर नगर में भ्रमण करवाया था। उसके बाद शाही सवारी में भक्त जुड़ते गए और आज इस शाही सवारी ने भव्य रूप ले लिया। इसके दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में भक्त शहर सहित जिले व आस पास के क्षेत्र से मंदसौर पहुंचते हैं। 

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंदसौर Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 28 Aug 2023 07: 13 PM IST

मंदसौर में श्रावण मास के अंतिम सोमवार को विश्व विख्यात अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी नगर में धूमधाम से निकाली गई। मंदिर परिसर में पशुपतिनाथ की प्रतिकृति रजत प्रतिमा का विधिपूर्वक पूजन हुआ। विशेष रूप से निर्मित रथ में स्थापित कर शृंगार किया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बाद भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर जनप्रतिनिधियों ने रथ को खींचकर आगे बढ़ाया। शाही सवारी में बाहर से आए कलाकारों ने भगवान का स्वांग धर धार्मिक गीतों पर प्रस्तुति दी, जिसे सभी ने सराहा। 
 

मंदसौर के राजा भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी आरंभ होने के पूर्व सशस्त्र पुलिस बल द्वारा सलामी दी गई। उसके बाद जनप्रतिनिधियों ने रथ को खींचकर आगे बढ़ाया। उत्साह और उमंग के बीच निकली शाही सवारी में हर वर्ग के पुरुष महिला और युवा हजारों की संख्या में शामिल हुए। नगर ही नहीं जिले व आसपास क्षेत्र के हजारों ग्रामीण भी शाही सवारी रथयात्रा  का दर्शन करने पहुंचे। शाही रथ में विराजित भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा का जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत सत्कार कर,आरती की गई व कहीं केले तो कहीं फलाहार की प्रसादी वितरित की गई।
 

जीवंत झाकियों व अखाड़ों ने मोहा मन
भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी में दिल्ली के कलाकारों द्वारा शिव पार्वती, राधा कृष्ण, कालका माता, केरला की झांकी, श्री नाथ जी की झांकी, अघोरी टीम ने सबका मन मोह लिया, वहीं धार्मिक गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसे सभी ने सराहा। शाही सवारी वैसे तो अपने आप में ही खास थी, लेकिन शाही सवारी में शामिल श्री राम, हनुमान और विशालकाय नंदी और उस पर बिराजे शिव ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।
 

ये भी रहे शामिल
भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी में डीजे की धुन पर नृत्य करती हुईं टोलियां चल रही थीं। वहीं युवाओं-महिलाओं ने भी धार्मिक गीतों पर खूब नृत्य किया। शाही सवारी के आगे महिलाएं सर पर कलश धारण किए हुए चल रही थीं।
 

27 वर्ष से निकाली जा रही शाही सवारी 
भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी की शुरुआत आज से 27 साल पहले हुई थी तब ट्रैक्टर में भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा को विराजित कर नगर में भ्रमण करवाया था। उसके बाद शाही सवारी में भक्त जुड़ते गए और आज इस शाही सवारी ने भव्य रूप ले लिया। इसके दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में भक्त शहर सहित जिले व आस पास के क्षेत्र से मंदसौर पहुंचते हैं। 

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