न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sat, 10 Aug 2024 04: 24 PM IST नियम के हिसाब से ट्रायल कराना चाहिए थे,क्योकि डब्लूएफआई और आईओए नेे भी लिखित में नियम का पालन करने के लिए कहा था। इसके बावजूद उनका पालन नहीं हो रहा था।यह सभी महिला पहलवानों के कठिन था। शिवानी ने कहा कि खुद विनेश को भी परेशानी आई। शिवानी पहलवान। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us एशियाई महिला कुश्ती चैंपियनशिप में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाली मध्य प्रदेश की महिला पहलवान शिवानी पंवार इस बार ओलंपिक में चयन से वंचित रही। इंदौर आई शिवानी ने अमर उजाला से विशेष चर्चा की और कहा कि खेल में नियम बहुत ज्यादा मायने रखते हैै। नियमों के हिसाब से स्पर्धा होती हैै।ओलंपिक के लिए जब कुश्ती पहलवानों का चयन हो रहा था तो नियम ब्रेक किए गए। इस कारण मुझे परेशानी आई। नियम के हिसाब से ट्रायल कराना चाहिए थे,क्योकि डब्लूएफआई और आईओए नेे भी लिखित में नियम का पालन करने के लिए कहा था। इसके बावजूद उनका पालन नहीं हो रहा था।यह सभी महिला पहलवानों के कठिन था। शिवानी ने कहा कि खुद विनेश को भी परेशानी आई। वह 53 किलो वर्ग में ट्रायल्स देना चाहती थी। ट्रायल्स में कमियां नहीं रहती तो ओलंपिक मेें हमारे पास भी चार पांच मेडल होते। शिवानी ने अगले ओलंपिक की तैयारियों को लेकर कहा कि 2028 के ओलंपिक पर मेरा फोकस है। मेरी पूरी तैयारी है। अगली बार चयन जरुर होगा। कोशिश तो मेरी इस बार भी थी, लेकिन मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ। कुश्ती में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए दिक्कतें तो काफी आई, लेकिन मेरे माता-पिता, कोच, पति का मुझे स्पोर्ट है। मैं दिल्ली मेें प्रैक्टिस करती हुं। कई बार मुझे लगता है कि मैं यह नहीं कर पाऊंगी तो वे मुझे पीछे नहीं हटने देते। हमेशा आगे बढ़ने का हौसला देते हैै। विनेश के मुकाबले से बाहर होने के सवाल पर शिवानी ने कहा कि विनेश यदि मुकाबला लड़ती तो पक्का देश को गोल्ड मिलता। उसने अपना वजन कम कर अच्छी कुश्ती लड़ी। वेट 50 किलो तक लाने की विनेश ने काफी कोशिश की थी, लेकिन 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण वे अयोग्य करार दी गई।   नियमों पर उठ रहे सवाल पर शिवानी ने कहा कि रुल सबके लिए बराबर है। खिलाडि़यों के हक में रुल बनाए गए है,ताकि कोई खिलाड़ी वेट कम करके कुश्ती न लड़े। जो उसका वास्तविक वजन हैै। उसके आधार पर ही कुश्ती लड़े, लेकिन पता नहीं था कि यह नियम हमारे लिए भारी पड़ जाएगा।विनेश की वेट केटेगरी अप है और वह लोवर क्लास वेट केटेगरी में खेल रही थी। उसे उस वेट को लाना मुश्किल था। वजन 50 किलो लाने के लिए विनेश ने 15 दिन से कुछ खाया नहीं होगा।फिर अचानक कुछ खाया तो उनकी रिकवरी तेज हो गई। फिर भी उन्होंने काफी कोशिश की वेट कम करने की, लेकिन वैसा नहीं हो पाया। हमारा दुर्भाग्य है कि हमारा एक मेडल चला गया। हमारा पूरा समर्थन विनेश को है, विनेश को मेडल दिया जाए,क्योकि उस पर उसका हक है। उन्हें विश्व स्तर की चैंपियन को हराया है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sat, 10 Aug 2024 04: 24 PM IST

नियम के हिसाब से ट्रायल कराना चाहिए थे,क्योकि डब्लूएफआई और आईओए नेे भी लिखित में नियम का पालन करने के लिए कहा था। इसके बावजूद उनका पालन नहीं हो रहा था।यह सभी महिला पहलवानों के कठिन था। शिवानी ने कहा कि खुद विनेश को भी परेशानी आई। शिवानी पहलवान। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

एशियाई महिला कुश्ती चैंपियनशिप में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाली मध्य प्रदेश की महिला पहलवान शिवानी पंवार इस बार ओलंपिक में चयन से वंचित रही। इंदौर आई शिवानी ने अमर उजाला से विशेष चर्चा की और कहा कि खेल में नियम बहुत ज्यादा मायने रखते हैै। नियमों के हिसाब से स्पर्धा होती हैै।ओलंपिक के लिए जब कुश्ती पहलवानों का चयन हो रहा था तो नियम ब्रेक किए गए। इस कारण मुझे परेशानी आई।

नियम के हिसाब से ट्रायल कराना चाहिए थे,क्योकि डब्लूएफआई और आईओए नेे भी लिखित में नियम का पालन करने के लिए कहा था। इसके बावजूद उनका पालन नहीं हो रहा था।यह सभी महिला पहलवानों के कठिन था। शिवानी ने कहा कि खुद विनेश को भी परेशानी आई। वह 53 किलो वर्ग में ट्रायल्स देना चाहती थी। ट्रायल्स में कमियां नहीं रहती तो ओलंपिक मेें हमारे पास भी चार पांच मेडल होते।

शिवानी ने अगले ओलंपिक की तैयारियों को लेकर कहा कि 2028 के ओलंपिक पर मेरा फोकस है। मेरी पूरी तैयारी है। अगली बार चयन जरुर होगा। कोशिश तो मेरी इस बार भी थी, लेकिन मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ।

कुश्ती में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए दिक्कतें तो काफी आई, लेकिन मेरे माता-पिता, कोच, पति का मुझे स्पोर्ट है। मैं दिल्ली मेें प्रैक्टिस करती हुं। कई बार मुझे लगता है कि मैं यह नहीं कर पाऊंगी तो वे मुझे पीछे नहीं हटने देते। हमेशा आगे बढ़ने का हौसला देते हैै।

विनेश के मुकाबले से बाहर होने के सवाल पर शिवानी ने कहा कि विनेश यदि मुकाबला लड़ती तो पक्का देश को गोल्ड मिलता। उसने अपना वजन कम कर अच्छी कुश्ती लड़ी। वेट 50 किलो तक लाने की विनेश ने काफी कोशिश की थी, लेकिन 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण वे अयोग्य करार दी गई।
 

नियमों पर उठ रहे सवाल पर शिवानी ने कहा कि रुल सबके लिए बराबर है। खिलाडि़यों के हक में रुल बनाए गए है,ताकि कोई खिलाड़ी वेट कम करके कुश्ती न लड़े। जो उसका वास्तविक वजन हैै। उसके आधार पर ही कुश्ती लड़े, लेकिन पता नहीं था कि यह नियम हमारे लिए भारी पड़ जाएगा।विनेश की वेट केटेगरी अप है और वह लोवर क्लास वेट केटेगरी में खेल रही थी।

उसे उस वेट को लाना मुश्किल था। वजन 50 किलो लाने के लिए विनेश ने 15 दिन से कुछ खाया नहीं होगा।फिर अचानक कुछ खाया तो उनकी रिकवरी तेज हो गई। फिर भी उन्होंने काफी कोशिश की वेट कम करने की, लेकिन वैसा नहीं हो पाया। हमारा दुर्भाग्य है कि हमारा एक मेडल चला गया। हमारा पूरा समर्थन विनेश को है, विनेश को मेडल दिया जाए,क्योकि उस पर उसका हक है। उन्हें विश्व स्तर की चैंपियन को हराया है।

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