omkareshwar:-मोरटक्का-पुल-की-लोड-टेस्टिंग,-दल-ने-की-पिलरों-की-जांच,-इंटीग्रेटेड-ट्रैफिक-सिस्टम-लगाने-पर-विचार
क्रेन की सहायता से पुल के निचले हिस्से की जांच करती टीम। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us ओंकारेश्वर से 12 किलोमीटर दूर खंडवा रोड पर नर्मदा नदी पर बने मोरटक्का का पुल की लोड टेस्टिंग सात महीने में दूसरी बार फिर की जा रही है। शनिवार को इंदौर कमिश्नर के निर्देश पर एनएचएआई ने एसजीएसाआई आईटीएएस कॉलेज इंदौर के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर के दल के सहयोग से पुल पर लोड टेस्टिंग का कार्य शुरू कर दिया है। 20 से अधिक लोगों की संयुक्त टीम दोपहर कभी 1: 00 बजे से पुल की जांच में जुटी है। इस दौरान मशीनों के माध्यम से पुल के पिलर के साथ स्पान (दो पिलरों के बीच में दरार) की जांच तो की ही जा रही है। साथ ही सूक्ष्मता से सुरक्षा के हर पैमाने पर पुल का अवलोकन किया जा रहा है। निरीक्षण कार्य के दौरान पुल पर से आवागमन बंद नहीं किया गया था। लगातार पुल पर से एक तरफ से वाहनों को निकाला जा रहा था, ताकि आवागमन करने वाले यात्रियों को दिक्कत नहीं आए दल के विशेषज्ञों के मुताबिक पुल का निरीक्षण फिलहाल प्रारंभिक चरण में है। पूर्ण जांच में अभी समय लग सकता कितने भार क्षमता के वाहनों को पुलल पर से निकलने की अनुमति रहेगी इस संबंध में जांच के बाद रिपोर्ट एनएचएआई को सौंप दी जाएगी। लोड टेस्टिंग के अभी तक सकारात्मक परिणाम पुल की जांच कर रहे एसजीएसआईटीएस के प्रोफेसर विवेक तिवारी ने बताया कि पुल का निरीक्षण किया है। हायवा के माध्यम से ट्राली से पुल के नीचे इस स्पान को देखा गया है, इसकी जांच की गई है कि किसी तरह का कोई दरार तो पुल पर नहीं आई है। हाल ही में पता चला था की पुल से देर रात्रि में बड़ी संख्या में लोडिंग वाहन निकल रहे हैं। ऐसे में इसकी जांच और लोडिंग टेस्टिंग भी किया जाना जरूरी था। फिलहाल लोड टेस्टिंग में सकारात्मक परिणाम अभी तक मिले हैं। आईआरसी के निर्देश अनुसार बी क्लास ट्रैफिक पुल पर से निकाला जा सकता है, जिसमें निश्चित स्पीड पर अंतराल में वहां निकाल सकेंगे ऐसी उम्मीद है। पुल पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम शुरू करने पर विचार प्रोफेसर तिवारी ने बताया इस व्यस्त पुल की 70 वर्ष से अधिक है। लगातार वाहनों का आवागमन इस पर से होता है। ऐसे में पुल की समय-समय पर जांच और मरम्मत जरूरी है। फूल पर से निकलने वाले कांवड़ यात्रियों को और सिंहस्थ के मद्देनजर ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर भी कवायद हो रही है। यही कारण है कि प्रशासन स्कूल पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम लगाने पर विचार कर रहा है, जिससे यातायात अंतराल के साथ निश्चित स्पीड में पल पर से निकल सकेगा। वाहनों की आवागमन में पारदर्शिता लाने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्रेन की सहायता से पुल के निचले हिस्से की जांच करती टीम। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

ओंकारेश्वर से 12 किलोमीटर दूर खंडवा रोड पर नर्मदा नदी पर बने मोरटक्का का पुल की लोड टेस्टिंग सात महीने में दूसरी बार फिर की जा रही है। शनिवार को इंदौर कमिश्नर के निर्देश पर एनएचएआई ने एसजीएसाआई आईटीएएस कॉलेज इंदौर के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर के दल के सहयोग से पुल पर लोड टेस्टिंग का कार्य शुरू कर दिया है। 20 से अधिक लोगों की संयुक्त टीम दोपहर कभी 1: 00 बजे से पुल की जांच में जुटी है। इस दौरान मशीनों के माध्यम से पुल के पिलर के साथ स्पान (दो पिलरों के बीच में दरार) की जांच तो की ही जा रही है। साथ ही सूक्ष्मता से सुरक्षा के हर पैमाने पर पुल का अवलोकन किया जा रहा है।

निरीक्षण कार्य के दौरान पुल पर से आवागमन बंद नहीं किया गया था। लगातार पुल पर से एक तरफ से वाहनों को निकाला जा रहा था, ताकि आवागमन करने वाले यात्रियों को दिक्कत नहीं आए दल के विशेषज्ञों के मुताबिक पुल का निरीक्षण फिलहाल प्रारंभिक चरण में है। पूर्ण जांच में अभी समय लग सकता कितने भार क्षमता के वाहनों को पुलल पर से निकलने की अनुमति रहेगी इस संबंध में जांच के बाद रिपोर्ट एनएचएआई को सौंप दी जाएगी।

लोड टेस्टिंग के अभी तक सकारात्मक परिणाम
पुल की जांच कर रहे एसजीएसआईटीएस के प्रोफेसर विवेक तिवारी ने बताया कि पुल का निरीक्षण किया है। हायवा के माध्यम से ट्राली से पुल के नीचे इस स्पान को देखा गया है, इसकी जांच की गई है कि किसी तरह का कोई दरार तो पुल पर नहीं आई है। हाल ही में पता चला था की पुल से देर रात्रि में बड़ी संख्या में लोडिंग वाहन निकल रहे हैं। ऐसे में इसकी जांच और लोडिंग टेस्टिंग भी किया जाना जरूरी था। फिलहाल लोड टेस्टिंग में सकारात्मक परिणाम अभी तक मिले हैं। आईआरसी के निर्देश अनुसार बी क्लास ट्रैफिक पुल पर से निकाला जा सकता है, जिसमें निश्चित स्पीड पर अंतराल में वहां निकाल सकेंगे ऐसी उम्मीद है।

पुल पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम शुरू करने पर विचार
प्रोफेसर तिवारी ने बताया इस व्यस्त पुल की 70 वर्ष से अधिक है। लगातार वाहनों का आवागमन इस पर से होता है। ऐसे में पुल की समय-समय पर जांच और मरम्मत जरूरी है। फूल पर से निकलने वाले कांवड़ यात्रियों को और सिंहस्थ के मद्देनजर ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर भी कवायद हो रही है। यही कारण है कि प्रशासन स्कूल पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम लगाने पर विचार कर रहा है, जिससे यातायात अंतराल के साथ निश्चित स्पीड में पल पर से निकल सकेगा। वाहनों की आवागमन में पारदर्शिता लाने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।

Posted in MP