neet-ug-2024:-'यदि-परीक्षा-की-शुचिता-नष्ट-हुई-तो-दोबारा-परीक्षा-का-देना-होगा-आदेश',
NEET-UG 2024: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने नीट मामले की सुनवाई की. जिसमें सीजेआई ने सख्त टिप्प्णी करते हुए कहा, यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट ने NTA, केंद्र और CBI को बुधवार, 10 जुलाई को शाम 5 बजे हलफनामा दाखिल करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई के लिए टाल दी. दोषियों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं, तो देना होगा दोबारा परीक्षा का आदेश ‘नीट-यूजी 2024’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यदि प्रश्न पत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा. NEET-UG 2024: If sanctity of exam is lost, then re-test has to be ordered, says SC — Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2024 यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है: सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने नीट मामले में सुनवाई करते हुए कहा, यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है. यदि प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लीक होता है, तो यह जंगल की आग की तरह फैलता है. सुप्रीम कोर्ट ने नीट से पूछा कि पेपर लीक रोकने के लिए क्या करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. पेपर लीक पहली बार कब हुआ ? कोर्ट ने एनटीए को भी दिया आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारी से कहा कि वह एकत्रित की गई सामग्री को उसके समक्ष प्रस्तुत करें, जिसका इस बात पर प्रभाव पड़ेगा कि लीक पहली बार कब हुआ तथा इसकी कार्यप्रणाली क्या थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से उन उम्मीदवारों की पहचान करने को कहा जिन्हें नीट-यूजी पेपर लीक से फायदा हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से उन केंद्रों/शहरों की पहचान करने को भी कहा जहां लीक हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगा स्टेटस रिपोर्ट मांगा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से नीट-यूजी 2024 मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगा है. सीबीआई को बुधवार तक जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार से सभी सवालों के जवाब मांगे सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार से नीट-यूजी मामले में कई सवाल किए और सभी के जवाब भी मांगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ये सारे सवाल पूछे. कितने गलत कृत्य करने वालों के परिणाम रोके गए हैं, ऐसे लाभार्थियों का भौगोलिक वितरण जानना चाहते हैं. यह मानते हुए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, वह प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी? जो हुआ उसे हमें नकारना नहीं चाहिए? कुछ ध्यान देने वाली बातें हैं, 67 उम्मीदवार 720 में से 720 अंक प्राप्त कर रहे हैं जबकि पिछले वर्षों में यह अनुपात बहुत कम था. हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है, हम लीक की सीमा का पता लगा रहे हैं. एनटीए ने परीक्षा रद्द नहीं करने की क्या वजह बताई केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने हाल में न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर गंभीर असर पड़ सकता है. एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक से लेकर अभ्यर्थी की जगह किसी अन्य के परीक्षा देने तक बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताओं को लेकर मीडिया में बहस और छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध के केंद्र में रहे हैं. क्या है मामला एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद एक जुलाई को संशोधित रैंक सूची घोषित की. कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसमें सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जिससे परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ. यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक प्राप्त करने में मदद मिली. एनटीए द्वारा एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किए जाने के बाद, नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

NEET-UG 2024: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने नीट मामले की सुनवाई की. जिसमें सीजेआई ने सख्त टिप्प्णी करते हुए कहा, यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट ने NTA, केंद्र और CBI को बुधवार, 10 जुलाई को शाम 5 बजे हलफनामा दाखिल करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई के लिए टाल दी.

दोषियों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं, तो देना होगा दोबारा परीक्षा का आदेश ‘नीट-यूजी 2024’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यदि प्रश्न पत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा.

NEET-UG 2024: If sanctity of exam is lost, then re-test has to be ordered, says SC

— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2024 यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है: सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने नीट मामले में सुनवाई करते हुए कहा, यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है. यदि प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लीक होता है, तो यह जंगल की आग की तरह फैलता है. सुप्रीम कोर्ट ने नीट से पूछा कि पेपर लीक रोकने के लिए क्या करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है.

पेपर लीक पहली बार कब हुआ ? कोर्ट ने एनटीए को भी दिया आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारी से कहा कि वह एकत्रित की गई सामग्री को उसके समक्ष प्रस्तुत करें, जिसका इस बात पर प्रभाव पड़ेगा कि लीक पहली बार कब हुआ तथा इसकी कार्यप्रणाली क्या थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से उन उम्मीदवारों की पहचान करने को कहा जिन्हें नीट-यूजी पेपर लीक से फायदा हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से उन केंद्रों/शहरों की पहचान करने को भी कहा जहां लीक हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगा स्टेटस रिपोर्ट मांगा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से नीट-यूजी 2024 मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगा है. सीबीआई को बुधवार तक जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार से सभी सवालों के जवाब मांगे सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार से नीट-यूजी मामले में कई सवाल किए और सभी के जवाब भी मांगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ये सारे सवाल पूछे. कितने गलत कृत्य करने वालों के परिणाम रोके गए हैं, ऐसे लाभार्थियों का भौगोलिक वितरण जानना चाहते हैं. यह मानते हुए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, वह प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी? जो हुआ उसे हमें नकारना नहीं चाहिए? कुछ ध्यान देने वाली बातें हैं, 67 उम्मीदवार 720 में से 720 अंक प्राप्त कर रहे हैं जबकि पिछले वर्षों में यह अनुपात बहुत कम था. हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है, हम लीक की सीमा का पता लगा रहे हैं. एनटीए ने परीक्षा रद्द नहीं करने की क्या वजह बताई केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने हाल में न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर गंभीर असर पड़ सकता है. एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक से लेकर अभ्यर्थी की जगह किसी अन्य के परीक्षा देने तक बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताओं को लेकर मीडिया में बहस और छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध के केंद्र में रहे हैं.

क्या है मामला एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद एक जुलाई को संशोधित रैंक सूची घोषित की. कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसमें सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जिससे परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ. यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक प्राप्त करने में मदद मिली. एनटीए द्वारा एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किए जाने के बाद, नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई.