national-news-:-भारत-का-दीर्घकालिक-साझेदार-है-रूस
National News : India-Russia Relation : रूस भारत का दीर्घकालिक साझेदार रहा है. दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध 75 वर्षों से अधिक समय से मजबूत और स्थिर बने हुए हैं. भारत-रूस संबंधों का विकास भारत की विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ रहा है. अक्तूबर 2000 में (राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान) ‘भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा’ पर हस्ताक्षर करने के बाद से, दोनों देशों ने राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार व अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संपर्क समेत लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया मास्को यात्रा से दोनों देशों के संबंध में और बेहतरी आने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा भारत और रूस का उद्देश्य व्यापार और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करने को प्राथमिकता देना है. इसी कारण दोनों देशों ने पूर्व में 2025 तक द्विपक्षीय निवेश को 50 अरब डॉलर और द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 65.70 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. हालांकि इसमें भारत का निर्यात महज 4.26 अरब डॉलर रहा, जबकि इसी अवधि में उसने रूस से 61.44 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया. रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है (अमेरिका, चीन और यूएई के बाद), जबकि आयातित उत्पादों की मात्रा के मामले में यह दूसरे स्थान पर है (चीन के बाद). भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में दवा (फार्मास्युटिकल्स), कार्बनिक रसायन, विद्युत मशीनरी व यांत्रिक उपकरण, लोहा व इस्पात शामिल हैं. रूस से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, खनिज संसाधन, कीमती पत्थर व धातु, वनस्पति तेल आदि शामिल हैं. सेवा के क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार पिछले पांच वर्षों के दौरान (रूस के पक्ष में व्यापार संतुलन के साथ) स्थिर रहा है. वर्ष 2021 के लिए यह 1.021 अरब डॉलर था. भारत द्वारा रूस को किये गये कुल निर्यात-आयात का आंकड़ा (मिलियन डॉलर में) निर्यात मूल्य वर्ष 2,655.52 2020-2021 3,254.68 2021-2022 3,146.95 2022-2023 4,261.31 2023-2024 405.74 2024-2025 (6 जुलाई, 2024 तक) आयात मूल्य वर्ष 5,485.75 2020-2021 9,869.99 2021-2022 46,212.71 2022-2023 61,431.24 2023-2024 5,248.82 2024-2025 (6 जुलाई, 2024 तक) स्रोत : वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार निवेश में बनी हुई है मजबूती दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश भी मजबूत बना हुआ है और 2018 के 30 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को पार कर गया है. इस कारण 2025 तक 50 अरब डॉलर का संशोधित लक्ष्य तय किया गया है. रूस द्वारा भारत में किये गये प्रमुख द्विपक्षीय निवेश के क्षेत्र हैं तेल व गैस, पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग, रेलवे और इस्पात. जबकि रूस में भारत ने तेल व गैस और फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में मुख्य रूप से निवेश किया है.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

National News : India-Russia Relation : रूस भारत का दीर्घकालिक साझेदार रहा है. दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध 75 वर्षों से अधिक समय से मजबूत और स्थिर बने हुए हैं. भारत-रूस संबंधों का विकास भारत की विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ रहा है. अक्तूबर 2000 में (राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान) ‘भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा’ पर हस्ताक्षर करने के बाद से, दोनों देशों ने राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार व अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संपर्क समेत लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया मास्को यात्रा से दोनों देशों के संबंध में और बेहतरी आने की उम्मीद है.

वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा भारत और रूस का उद्देश्य व्यापार और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करने को प्राथमिकता देना है. इसी कारण दोनों देशों ने पूर्व में 2025 तक द्विपक्षीय निवेश को 50 अरब डॉलर और द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 65.70 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. हालांकि इसमें भारत का निर्यात महज 4.26 अरब डॉलर रहा, जबकि इसी अवधि में उसने रूस से 61.44 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया.

रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है (अमेरिका, चीन और यूएई के बाद), जबकि आयातित उत्पादों की मात्रा के मामले में यह दूसरे स्थान पर है (चीन के बाद). भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में दवा (फार्मास्युटिकल्स), कार्बनिक रसायन, विद्युत मशीनरी व यांत्रिक उपकरण, लोहा व इस्पात शामिल हैं. रूस से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, खनिज संसाधन, कीमती पत्थर व धातु, वनस्पति तेल आदि शामिल हैं. सेवा के क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार पिछले पांच वर्षों के दौरान (रूस के पक्ष में व्यापार संतुलन के साथ) स्थिर रहा है. वर्ष 2021 के लिए यह 1.021 अरब डॉलर था. भारत द्वारा रूस को किये गये कुल निर्यात-आयात का आंकड़ा (मिलियन डॉलर में)

निर्यात

मूल्य वर्ष

2,655.52 2020-2021

3,254.68 2021-2022

3,146.95 2022-2023

4,261.31 2023-2024

405.74 2024-2025 (6 जुलाई, 2024 तक)

आयात

मूल्य वर्ष

5,485.75 2020-2021

9,869.99 2021-2022

46,212.71 2022-2023

61,431.24 2023-2024

5,248.82 2024-2025 (6 जुलाई, 2024 तक)

स्रोत : वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार

निवेश में बनी हुई है मजबूती दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश भी मजबूत बना हुआ है और 2018 के 30 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को पार कर गया है. इस कारण 2025 तक 50 अरब डॉलर का संशोधित लक्ष्य तय किया गया है. रूस द्वारा भारत में किये गये प्रमुख द्विपक्षीय निवेश के क्षेत्र हैं तेल व गैस, पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग, रेलवे और इस्पात. जबकि रूस में भारत ने तेल व गैस और फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में मुख्य रूप से निवेश किया है.