nag-panchami-2023:-दमोह-के-नागमणि-गांव-में-प्रचलित-है-अनोखी-प्रथा,-नागपंचमी-के-दिन-चूल्हे-पर-नहीं-चढ़ती-कढ़ाई
नागमणि गांव में स्थित नागदेवता का मंदिर - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले नागमणि गांव में नागपंचमी के दिन एक चूल्हे पर कढ़ाई नहीं चढ़ती। यदि किसी ने चूल्हे पर कढ़ाई चढ़ा दी तो तत्काल काले सांप प्रकट हो जाते हैं। इस गांव में सैकड़ों की संख्या में काले नाग घूमते रहते हैं, लेकिन आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। वर्षों से इस गांव के लोग अपने पूर्वजों की परंपरा को निभाते हुए नाग पंचमी के दिन मंदिर में जाकर दाल, बाटी बनाकर नागदेव को भोग लगाते हैं। इस दिन गांव के किसी भी घर में चूल्हे पर कढ़ाई नहीं चढ़ाते और न ही पकवान बनाते हैं। बताया जाता है कि कई वर्ष पहले किसी महिला ने पकवान बनाने का प्रयास किया था तो उसके घर में सैकड़ों की संख्या में नाग निकल आए थे। डरे सहमे लोग मंदिर पहुंचे और नागदेव से माफी मांगी तो घर से सभी नाग जमीन में समा गए। गांव के लोगों का मानना है कि उनके गांव के लोगों की रक्षा स्वयं नागदेव करते हैं इसलिए गांव का कोई भी व्यक्ति नाग देखकर भयभीत नहीं होता।

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नागमणि गांव में स्थित नागदेवता का मंदिर – फोटो : अमर उजाला

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दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले नागमणि गांव में नागपंचमी के दिन एक चूल्हे पर कढ़ाई नहीं चढ़ती। यदि किसी ने चूल्हे पर कढ़ाई चढ़ा दी तो तत्काल काले सांप प्रकट हो जाते हैं। इस गांव में सैकड़ों की संख्या में काले नाग घूमते रहते हैं, लेकिन आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। वर्षों से इस गांव के लोग अपने पूर्वजों की परंपरा को निभाते हुए नाग पंचमी के दिन मंदिर में जाकर दाल, बाटी बनाकर नागदेव को भोग लगाते हैं। इस दिन गांव के किसी भी घर में चूल्हे पर कढ़ाई नहीं चढ़ाते और न ही पकवान बनाते हैं।

बताया जाता है कि कई वर्ष पहले किसी महिला ने पकवान बनाने का प्रयास किया था तो उसके घर में सैकड़ों की संख्या में नाग निकल आए थे। डरे सहमे लोग मंदिर पहुंचे और नागदेव से माफी मांगी तो घर से सभी नाग जमीन में समा गए। गांव के लोगों का मानना है कि उनके गांव के लोगों की रक्षा स्वयं नागदेव करते हैं इसलिए गांव का कोई भी व्यक्ति नाग देखकर भयभीत नहीं होता।

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