mumbai-evm-controversy:-क्या-evm-पर-लग-जाएगा-प्रतिबंध?
Mumbai EVM Case: कर्नाटक के डिप्टी मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार माने जाने वाले डीके शिवकुमार ने ईवीएम विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, न केवल कर्नाटक कांग्रेस बल्कि पूरा देश, सभी राजनीतिक दल – भाजपा को छोड़कर – इस बात पर अड़े हैं कि ईवीएम पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और हमें मतपत्र का सहारा लेना चाहिए. उन्होंने कहा, केवल मतपत्र ही इस देश और लोकतंत्र को बचा सकता है. जगन मोहन रेड्डी ने भी ईवीएम की जगह मतप्रत्रों के इस्तेमाल पर दिया जोर युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जगह मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. आंध्र प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि लगभग हर उन्नत लोकतंत्र में मतपत्रों का इस्तेमाल होता है. रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, दुनिया भर में लगभग हर उन्नत लोकतंत्र में चुनावों में ईवीएम का नहीं, बल्कि मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाता है. आंध्र प्रदेश में विपक्ष के नेता ने कहा कि हमारे (भारत) लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए हमें भी उसी (डाक मतपत्रों) की ओर बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, जैसे कि न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है उसी प्रकार लोकतंत्र भी न केवल कायम रहना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए. #WATCH | Bengaluru: Karnataka Deputy CM DK Shivakumar says, "Not only entire Karnataka Congress but the entire country, all political parties – except BJP – is very firm the EVM should be banned and we should go for ballot. Only ballot can save this country and democracy." pic.twitter.com/wVFr3aI3Kz — ANI (@ANI) June 18, 2024 राहुल गांधी ने भी ईवीएम को हटाने की मांग की दी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग से मशीनों और प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने या उन्हें हटाने को कहा. इससे पहले राहुल गांधी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) कोएक ब्लैक बॉक्स बताया था. उन्होंने कहा था कि किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं. राहुल, आदित्य को ईवीएम संबंधी खबर पर टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए: निरुपम शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर एक समाचारपत्र की खबर के आधार पर गलत जानकारी फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए. क्या है ईवीएम को लेकर विवाद दरअसल एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार को चार जून को मतगणना के दौरान ईवीएम से जुड़े मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था. आरोप लगाया गया था कि वायकर के रिश्तेदार ने ईवीएम को अनलॉक करने के लिए एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था. चुनाव आयोग ने अखबार की खबर को झूठ बताया और नोटिस जारी किया विवाद के बाद निर्वाचन क्षेत्र की रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी अखबार की खबर को झूठी खबर करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि प्रकाशन को मानहानि का नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है, जिसे ‘प्रोग्राम’ नहीं किया जा सकता और इसमें वायरलेस से संचार स्थापित नहीं किया जा सकता. वायकर ने मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को मात्र 48 मतों से हराया. Also Read: NEET-UG 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र को किया नोटिस, कहा-0.001% भी लापरवाही हुई है तो जांच हो

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Mumbai EVM Case: कर्नाटक के डिप्टी मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार माने जाने वाले डीके शिवकुमार ने ईवीएम विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, न केवल कर्नाटक कांग्रेस बल्कि पूरा देश, सभी राजनीतिक दल – भाजपा को छोड़कर – इस बात पर अड़े हैं कि ईवीएम पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और हमें मतपत्र का सहारा लेना चाहिए. उन्होंने कहा, केवल मतपत्र ही इस देश और लोकतंत्र को बचा सकता है.

जगन मोहन रेड्डी ने भी ईवीएम की जगह मतप्रत्रों के इस्तेमाल पर दिया जोर युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जगह मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. आंध्र प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि लगभग हर उन्नत लोकतंत्र में मतपत्रों का इस्तेमाल होता है. रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, दुनिया भर में लगभग हर उन्नत लोकतंत्र में चुनावों में ईवीएम का नहीं, बल्कि मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाता है. आंध्र प्रदेश में विपक्ष के नेता ने कहा कि हमारे (भारत) लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए हमें भी उसी (डाक मतपत्रों) की ओर बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, जैसे कि न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है उसी प्रकार लोकतंत्र भी न केवल कायम रहना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए.

#WATCH | Bengaluru: Karnataka Deputy CM DK Shivakumar says, “Not only entire Karnataka Congress but the entire country, all political parties – except BJP – is very firm the EVM should be banned and we should go for ballot. Only ballot can save this country and democracy.” pic.twitter.com/wVFr3aI3Kz

— ANI (@ANI) June 18, 2024 राहुल गांधी ने भी ईवीएम को हटाने की मांग की दी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग से मशीनों और प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने या उन्हें हटाने को कहा. इससे पहले राहुल गांधी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) कोएक ब्लैक बॉक्स बताया था. उन्होंने कहा था कि किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं.

राहुल, आदित्य को ईवीएम संबंधी खबर पर टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए: निरुपम शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर एक समाचारपत्र की खबर के आधार पर गलत जानकारी फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए.

क्या है ईवीएम को लेकर विवाद दरअसल एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार को चार जून को मतगणना के दौरान ईवीएम से जुड़े मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था. आरोप लगाया गया था कि वायकर के रिश्तेदार ने ईवीएम को अनलॉक करने के लिए एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था.

चुनाव आयोग ने अखबार की खबर को झूठ बताया और नोटिस जारी किया विवाद के बाद निर्वाचन क्षेत्र की रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी अखबार की खबर को झूठी खबर करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि प्रकाशन को मानहानि का नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है, जिसे ‘प्रोग्राम’ नहीं किया जा सकता और इसमें वायरलेस से संचार स्थापित नहीं किया जा सकता. वायकर ने मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को मात्र 48 मतों से हराया.

Also Read: NEET-UG 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र को किया नोटिस, कहा-0.001% भी लापरवाही हुई है तो जांच हो