MPHRC – फोटो : सोशल मीडिया
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जबलपुर शहर की प्राइम लोकेशनों पर नगर निगम द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए बनाए गए पब्लिक टॉयलेट (शुलभ शौचालय) के बंद पड़े होने के मामले पर मप्र राज्य मानव आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने इस संबंध में जिला कलेक्टर तथा निगमायुक्त को बंद पड़े पब्लिक टॉयलेट को अतिशीध्र खुलवाकर उपयोगी बनाने के आदेश जारी किये हैं। आयोग ने दोनों अधिकारियों को इस संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन पेश करने निर्देश भी जारी किये हैं।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि समाचार पत्रों में नागरिकों की सुविधा को ध्यान में नहीं रखकर नगर निगम पब्लिक टॉयलेट पर विज्ञापन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर अपनी कमाई कर आय बढ़ा रहा है। कई टॉयलेटो में अधिकांश समय ताला लगा रहता है। इस कारण लोगों को मजबूरन खुले में टॉयलेट करना पड़ रहा है, जिससे गंदगी भी फैल रही है।
समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर जनहित में मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण पर सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी व सदस्य राजीव कुमार टण्डन की युगलपीठ ने इसे मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर जबलपुर कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त से मामले की जांच कराकर बंद पड़े पब्लिक टॉयलेट्स को शीघ्र अतिशीघ्र खुलवा कर उन्हें उपयोग योग्य बनाते हुये प्रारम्भ कराये जाने के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
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