mp-weather-today:-कटनी-में-50-गांव-में-बाढ़-जैसे-हालात,-धसान-नदी-के-पुल-से-चार-फीट-ऊपर-पानी,-देखें-तस्वीरें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भाेपाल Published by: उदित दीक्षित Updated Thu, 25 Jul 2024 02: 16 PM IST मध्य प्रदेश में पांच से लगातार बारिश हो रही है। यह बारिश कहीं राहत तो कहीं आफत  बनकर आई है। निमाड़ क्षेत्र के खंडवा में जहां किसानों को अच्छी बारिश से उम्मीदें बंधी हैं। वहीं, निवाड़ी में लगातार बारिश के कारण लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं।  निवाड़ी में अचानक नदी का जल स्तर बढ़ने से चार युवक टापू पर फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू कर बचाया गया। टीकमगढ़ में धसान नदी उफान पर होने के कारण छतरपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। वहीं, कटनी में भी हालात खराब हैं, यहां कई गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।  Trending Videos बाढ़ प्रभावित गांव से बाहर निकाले जा रहे लोग कटनी जिले में 48 घंटे से रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। जिससे जिले के ढीमरखेड़ा, पान उमरिया, बहोरीबंद और स्लीमनाबाद क्षेत्र के करीब आधा सैकड़ा गांव बारिश की चपेट में आ गए हैं। दर्जनों गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने एसडीईआरएफ और जबलपुर से बुलाई गई एनडीआरएफ टीम की मदद ली है। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत शिविर और कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि कटनी एसडीईआरएफ की 12 लोगों की 2 टीम, जबलपुर से 12 लोगों की टीम समेत एनडीआरएफ की 30 लोगों की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं। इन टीमों ने अब तक 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। हालांकि, बड़ी संख्या में लोग अभी भी घरों में फंसे हुए हैं, रेस्क्यू टीमें पौंडी खुर्द और थिर्री गांव से लोगों को बाहर निकाल रही हैं।  रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में 8 राहत शिविर केंद्र बनाए हैं, जहां करीब 1500 से 1700 लोगों को सुरक्षित रखा गया है। यहां लोगों को भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है।    बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने ढीमरखेड़ा तहसील में आई बाढ़ को लेकर एक्स (ट्वीट) किया है। उन्होंने वहां फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री और कटनी कलेक्टर से बात करते हुए हर संभव मदद पहुंचाने की बात कही है।   टीकमगढ़ का छतरपुर से सड़क संपर्क टूटा, पुल के चार फीट ऊपर पानी टीकमगढ़ जिले का छतरपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। धसान नदी के उफान पर होने के कारण पुल पर करीब चार फीट ऊपर पानी बह रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन यंत्री इंद्र शुक्ला ने बताया कि धसान नदी पर टीकमगढ़ जिले में सुजारा बांध बना है, जिसमें पानी अधिक आ जाने के कारण बीती रात 12 बजे बांध के 12 गेट खोल दिए गए हैं। 2340 क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण धसान नदी के ऊपर खरीला गांव के पास बने पुल पर करीब 4 फुट पानी आ गया है, जिससे आवागमन बंद हो गया है और टीकमगढ़ का छतरपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। सुरक्षा के लिहाज से यहां पुलिस प्रशासन ने जवान तैनात किए गए हैं, जो 24 घंटे ड्यूटी करेंगे, ताकि लोग नदी का पुल पार ना करें।  युवकों को बचाने में फंसे पुलिसकर्मी, छह घंटे बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाला निवाड़ी जिले में हुई लगातार बारिश लोगों के लिए आफत बन गई। बारिश से ओरछा की जामनी नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने से मशेवी चारने गए चार युवक एक टापू पर फंस गए। सूचना पर निवाड़ी कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा और जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया मौके पर पहुंचे रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग करते नजर आए। निवाड़ी कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने बताया कि फंसे हुए युवकों को पहले भोजन उपलब्ध कराया गया। इसके बाद पर्याप्त संसाधन जुटाकर युवकों को सुक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया ने बताया कि रात का समय और नदी का तेज बहाव रेस्क्यू को चुनौतीपूर्ण बना रहा था। नदी के बीचो-बीच पत्थरों से नाव टकरा रही थी, जिससे बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा था। इस दौरान पुलिस के चार जवान भी फंस गए थे, लेकिन, करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ के जवानों ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बारिश से शबाब पर आया राहतगढ़ वॉटरफॉल, सैलानियों की लगी भीड़ बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले सागर जिले के राहतगढ़ में एक बेहद ही सुंदर जलप्रपात है। बारिश के बाद जब ऊंची चट्टानों से पानी गिरता है तो दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए खींचे चले आते हैं। राहतगढ़ वाटरफॉल को भालकुंड और भीमकुंड के नाम से भी जाना जाता है। यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच में बना हुआ है।  बीना नदी पर बने इस प्राकृतिक वॉटरफॉल में इन दिनों सैलानियों की चहल-पहल से गुलजार हो गया है। सावन के इस महीने में पिछले तीन दिनों की मूसलाधार बारिश से बीना नदी  अपने पूरे वेग से बह रही है, जिससे वॉटरफॉल में भी खूब पानी आ रहा है। वॉटरफॉल पर यह नजारा देखने सागर, रायसेन, विदिशा सहित आस-पास के लोग अपने परिजनों के साथ आते हैं। इस जगह पर प्रशासन ने सौंदर्यीकरण के लिए अनेक निर्माण कार्य करवाए हैं, लोगों को बैठने के लिए छतरियां और ऊंचाई पर एक टावर बनाया गया है, जिस पर बैठकर लोग प्रकृति के सुंदर नजारे को निहार सकते हैं। वाटरफॉल के नाम से सेल्फी प्वाइंट भी है, जहां पर युवा सेल्फी लेते हुए दिखाई देते हैं।  सुरक्षा के इंतजाम वन विभाग के अंतर्गत आने वाले इस वाटरफॉल में पहले हुए हादसों से सबक लेकर प्रशासन ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्थाएं की हैं। कोई जलप्रपात के ज्यादा नजदीक ना जा पाए, इसके लिए रेलिंग लगाई गई है। सुरक्षा के लिए गार्ड भी तैनात रहते हैं।    

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भाेपाल Published by: उदित दीक्षित Updated Thu, 25 Jul 2024 02: 16 PM IST

मध्य प्रदेश में पांच से लगातार बारिश हो रही है। यह बारिश कहीं राहत तो कहीं आफत  बनकर आई है। निमाड़ क्षेत्र के खंडवा में जहां किसानों को अच्छी बारिश से उम्मीदें बंधी हैं। वहीं, निवाड़ी में लगातार बारिश के कारण लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं।  निवाड़ी में अचानक नदी का जल स्तर बढ़ने से चार युवक टापू पर फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू कर बचाया गया। टीकमगढ़ में धसान नदी उफान पर होने के कारण छतरपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। वहीं, कटनी में भी हालात खराब हैं, यहां कई गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। 

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बाढ़ प्रभावित गांव से बाहर निकाले जा रहे लोग
कटनी जिले में 48 घंटे से रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। जिससे जिले के ढीमरखेड़ा, पान उमरिया, बहोरीबंद और स्लीमनाबाद क्षेत्र के करीब आधा सैकड़ा गांव बारिश की चपेट में आ गए हैं। दर्जनों गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने एसडीईआरएफ और जबलपुर से बुलाई गई एनडीआरएफ टीम की मदद ली है। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत शिविर और कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।

जिला प्रशासन ने बताया कि कटनी एसडीईआरएफ की 12 लोगों की 2 टीम, जबलपुर से 12 लोगों की टीम समेत एनडीआरएफ की 30 लोगों की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं। इन टीमों ने अब तक 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। हालांकि, बड़ी संख्या में लोग अभी भी घरों में फंसे हुए हैं, रेस्क्यू टीमें पौंडी खुर्द और थिर्री गांव से लोगों को बाहर निकाल रही हैं।  रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में 8 राहत शिविर केंद्र बनाए हैं, जहां करीब 1500 से 1700 लोगों को सुरक्षित रखा गया है। यहां लोगों को भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है।   

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने ढीमरखेड़ा तहसील में आई बाढ़ को लेकर एक्स (ट्वीट) किया है। उन्होंने वहां फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री और कटनी कलेक्टर से बात करते हुए हर संभव मदद पहुंचाने की बात कही है।  

टीकमगढ़ का छतरपुर से सड़क संपर्क टूटा, पुल के चार फीट ऊपर पानी
टीकमगढ़ जिले का छतरपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। धसान नदी के उफान पर होने के कारण पुल पर करीब चार फीट ऊपर पानी बह रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन यंत्री इंद्र शुक्ला ने बताया कि धसान नदी पर टीकमगढ़ जिले में सुजारा बांध बना है, जिसमें पानी अधिक आ जाने के कारण बीती रात 12 बजे बांध के 12 गेट खोल दिए गए हैं। 2340 क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण धसान नदी के ऊपर खरीला गांव के पास बने पुल पर करीब 4 फुट पानी आ गया है, जिससे आवागमन बंद हो गया है और टीकमगढ़ का छतरपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। सुरक्षा के लिहाज से यहां पुलिस प्रशासन ने जवान तैनात किए गए हैं, जो 24 घंटे ड्यूटी करेंगे, ताकि लोग नदी का पुल पार ना करें। 

युवकों को बचाने में फंसे पुलिसकर्मी, छह घंटे बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाला
निवाड़ी जिले में हुई लगातार बारिश लोगों के लिए आफत बन गई। बारिश से ओरछा की जामनी नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने से मशेवी चारने गए चार युवक एक टापू पर फंस गए। सूचना पर निवाड़ी कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा और जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया मौके पर पहुंचे रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग करते नजर आए।

निवाड़ी कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने बताया कि फंसे हुए युवकों को पहले भोजन उपलब्ध कराया गया। इसके बाद पर्याप्त संसाधन जुटाकर युवकों को सुक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया ने बताया कि रात का समय और नदी का तेज बहाव रेस्क्यू को चुनौतीपूर्ण बना रहा था। नदी के बीचो-बीच पत्थरों से नाव टकरा रही थी, जिससे बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा था। इस दौरान पुलिस के चार जवान भी फंस गए थे, लेकिन, करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ के जवानों ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

बारिश से शबाब पर आया राहतगढ़ वॉटरफॉल, सैलानियों की लगी भीड़
बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले सागर जिले के राहतगढ़ में एक बेहद ही सुंदर जलप्रपात है। बारिश के बाद जब ऊंची चट्टानों से पानी गिरता है तो दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए खींचे चले आते हैं। राहतगढ़ वाटरफॉल को भालकुंड और भीमकुंड के नाम से भी जाना जाता है। यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच में बना हुआ है। 

बीना नदी पर बने इस प्राकृतिक वॉटरफॉल में इन दिनों सैलानियों की चहल-पहल से गुलजार हो गया है। सावन के इस महीने में पिछले तीन दिनों की मूसलाधार बारिश से बीना नदी  अपने पूरे वेग से बह रही है, जिससे वॉटरफॉल में भी खूब पानी आ रहा है। वॉटरफॉल पर यह नजारा देखने सागर, रायसेन, विदिशा सहित आस-पास के लोग अपने परिजनों के साथ आते हैं। इस जगह पर प्रशासन ने सौंदर्यीकरण के लिए अनेक निर्माण कार्य करवाए हैं, लोगों को बैठने के लिए छतरियां और ऊंचाई पर एक टावर बनाया गया है, जिस पर बैठकर लोग प्रकृति के सुंदर नजारे को निहार सकते हैं। वाटरफॉल के नाम से सेल्फी प्वाइंट भी है, जहां पर युवा सेल्फी लेते हुए दिखाई देते हैं। 

सुरक्षा के इंतजाम
वन विभाग के अंतर्गत आने वाले इस वाटरफॉल में पहले हुए हादसों से सबक लेकर प्रशासन ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्थाएं की हैं। कोई जलप्रपात के ज्यादा नजदीक ना जा पाए, इसके लिए रेलिंग लगाई गई है। सुरक्षा के लिए गार्ड भी तैनात रहते हैं।  
 

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