न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sun, 01 Sep 2024 05: 37 PM IST
प्रदेश में बारिश का दौर जारी है अभी तक प्रदेश के श्योपुर में 157% सबसे ज्यादा वहीं रीवा में सबसे कम सिर्फ 57% बारिश दर्ज हुई है। वहीं भोपाल समेत 14 जिलों में 100% से ज्यादा वर्षा हो चुकी है। भोपाल की बारिश – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश में 21 जून को मानसून की एंट्री हुई और 7 दिन में ही पूरे प्रदेश में फैल गया। इससे पहले प्री-मानसून भी एक्टिव रहा। इस वर्ष प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग में लगाया है। अनुमान के हिसाब से मानसून उम्मीदों पर खरा उतरा है। लेकिन कुछ जिलों में ज्यादा बारिश तो कुछ जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई। जहां ज्यादा बारिश हुई वहां लोगों की परेशानी बढ़ गई, वहीं जहां कम बारिश हुई वहां किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के आंकड़ों को देखें तो अभी तक प्रदेश के श्योपुर में सबसे ज्यादा 157 फीसदी और रीवा में सबसे कम सिर्फ 57 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि प्रदेश के 14 जिलों में 100 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हो चुकी है।जबकि 21 जिलों में सामान्य बारिश का कोटा फुल हो गया।
जाने कोटा पूरा होने कितनी बारिश की जरूरत
मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से प्रदेश का कोटा लगभग फुल हो गया है। 3 इंच के करीब और बारिश होते ही कोटा पूरा हो जाएगा। अकाड़ो के अनुसार प्रदेश में अभी तक 34.2 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। जबकि 30.8 इंच बारिश होनी चाहिए थी। अगस्त में 14.5 इंच पानी गिरा है। यह कोटे से डेढ़ इंच ज्यादा है। अगस्त में औसत 13.1 इंच बारिश होती है। इस बार करीब 25 दिन बारिश हुई। शुरुआती 3 दिन तक पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चला। इसके बाद तेज बारिश तो थम गई, लेकिन हल्की बारिश का दौर बना रहा। दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में तीखी गर्मी भी रही। आखिरी दिनों में फिर से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हुआ। लो प्रेशर एरिया, साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी की वजह से तेज बारिश होने लगी।
भोपाल में 15 इंच ज्यादा बारिश हो चुकी है दर्ज
राजधानी भोपाल की बात करें तो अभी तक 15 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। यनी सीजन की 109 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी बने चुके हैं। बडे तालाब, केरवा,कलियासोत डैम, कोलार डैम के गेट खोलना पड़ा है। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2015, 2016, 2020 और 2022 में तो आंकड़ा 20 इंच से ज्यादा ही रहा। 2023 में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। 30 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी। इधर इंदौर में भी पिछले कुछ सालों में अगस्त में अच्छी बारिश हुई है। इस सीजन में कुल 73 प्रतिशत यानी 25 इंच पानी गिर चुका है। 2014 से 2023 के बीच पांच साल आंकड़ा 10 इंच से कम रहा था। पिछले साल 2.71 इंच पानी ही गिरा था, जबकि इस बार 9.43 इंच बारिश हो चुकी है।
ग्वालियर में 28 इंच से ज्यादा हुई बारिश
चंबल क्षेत्र में इस बार ज्यादा बारिश दर्ज की जा रही है। वहीं ग्वालियर में सीजन का बारिश का आंकड़ा 28 इंच से ज्यादा है, जो 98 प्रतिशत तक है। पिछले साल अगस्त में सिर्फ 6.85 इंच पानी ही गिरा था। यानी, इस बार दोगुनी बारिश हो चुकी है। जबलपुर में इस बार अगस्त में 14.65 इंच बारिश हो चुकी है। पिछले साल भी यहां 22 इंच बारिश हुई थी। 2013 में तो आंकड़ा 34 इंच के पार पहुंच गया था। यहां 2021 ही ऐसा रहा, जब 30 इंच से ज्यादा बारिश हुई। जबलपुर संभाग के मंडला जिले में अबकी बार सबसे ज्यादा पानी गिरा है। डिंडौरी, सिवनी, छिंदवाड़ा, कटनी में भी अच्छी बरसात हुई है।
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