mp-weather:-भोपाल-में-सुबह-से-हो-रही-बारिश,-15-से-अधिक-जिलों-में-भारी-बारिश-का-अलर्ट,-कोलार-डैम-के-दो-गेट-खुले
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Sun, 28 Jul 2024 12: 32 PM IST MP Weather: राजधानी भोपाल के पास कोलार डैम के आठ में से दो गेट सुबह खोल दिए गए हैं। कोलार बांध वीरपुर का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर होने पर गेट खोले गए। कोलार डैम से दोनों गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए हैं। एमपी में बारिश - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार सुबह से बारिश का दौर शुरू हो चुका है। आज प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का भी अलर्ट जारी है। मध्यप्रदेश में अब तक मानसून सीजन की 103 फीसदी बारिश हो चुकी है। 16 इंच के मुकाबले 16.5 इंच यानी 0.5 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। यह औसत बारिश से तीन प्रतिशत ज्यादा है। प्रदेश की छोटी नदियां उफान पर हैं, बड़ी नदियों और बांधों में लगातार पानी बढ़ रहा है। Trending Videos मौसम विभाग के अनुसार, 29-30 जुलाई को तेज बारिश का दौर थम जाएगा। लेकिन 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी शुरू होगी। इधर, सुबह भोपाल के पास कोलार डैम के आठ में से दो गेट सुबह खोल दिए गए हैं। कोलार बांध वीरपुर का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर होने पर गेट खोले गए। कोलार डैम से दोनों गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए हैं। बता दें कि कोलार डैम सीहोर जिले में है, लेकिन भोपाल की आधी आबादी को पीने का यही से पानी मिलता है। कभी भी खोल सकते हैं भागभदा के गेट भोपाल में तेज बारिश हो रही है। कई इलाकों की सड़कें पानी में डूब गई हैं। बड़े तालाब के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। भदभदा डैम के गेट भी कभी भी खुल सकते हैं। कैचमेंट एरिया में तेज बारिश और कोलास नदी के लेवल से ऊपर बहने से बड़ा तालाब में तेजी से पानी बढ़ रहा है। रविवार की सुबह लेवल 1665.00 फीट पहुंच गया है। यानी, तालाब 1.80 फीट ही खाली है। पानी की अच्छी आवक होने के चलते पल-पल की नजर रखी जा रही है। बड़ा तालाब का फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है। रविवार सुबह तक इसमें 1665.00 फीट पानी आ चुका है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट अशोकनगर, सागर, दमोह, रायसेन, नरसिंहपुर, भिंड, श्योपुरकलां, मुरैना, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, पांढुर्ना पेंच, दक्षिण छिंदवाड़ा, दक्षिण सिवनी, नीमच, मंदसौर, गुना, निवाड़ी में बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, उत्तरी छतरपुर के साथ-साथ उत्तरी छिंदवाड़ा, उत्तरी सिवनी, टीकमगढ़, दक्षिणी छतरपुर, अनुपपुर अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, शिवपुरी, दतिया, मैहर, रतलाम, नर्मदापुरम पचमढ़ी, हरदा, बैतूल, देवास में बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, धार, इंदौर के साथ सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा, मऊगंज, भोपाल, जबलपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, पन्ना, अलीराजपुर, बड़वानी, झाबुआ में बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है। ये वेदर सिस्टम सक्रिय मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अब बीकानेर, चूरू, आगरा, प्रयागराज, रांची से होकर समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है। पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के ऊपर बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल के तटों तक पश्चिमी तट पर समुद्र तल से अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। वहीं, विरूपक हवाओं का क्षेत्र (शियर जोन) ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हल्की से मध्यम वर्षा का यह दौर अगले दो-तीन जारी रह सकता है। बुंदेलखंड एक बार फिर मेघराज के नाराज होने से परेशान मध्यप्रदेश में अधिकांश जिलों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में तो बारिश से हालात बिगड़े हुए हैं। लेकिन हमेशा की तरह पानी की कमी को झेलता बुंदेलखंड एक बार फिर मेघराज के नाराज होने से परेशान है और यही वो वजह है कि बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों में पानी के लिए लोग अब पूजा पाठ से लेकर टोने टोटके का भी सहारा ले रहे हैं। छतरपुर में कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई हैं, जहां एक ओर छतरपुर शहर में मेघदेवता को मनाने के लिए टोटके के तौर पर गधा-गधी की शादी करवाई गई है, तो वहीं जिले के गलान गांव में ग्रामीणों ने गांव की अधिष्ठात्री देवी करीला माता को प्रसन्न करने के लिए उनके स्थान पर राई नृत्य का आयोजन कराया है। टोटके के तौर पर कराए गए इस आयोजन में ग्रामीणों ने लगभग हर घर से थोड़ा-थोड़ा पैसा इकट्ठा किया और इसके बाद गांव की देवी करीला माता के स्थान पर नृत्यांगनाओं के द्वारा बुंदेलखंड के पारंपरिक नृत्य राई का आयोजन कराया गया, जिसका पूरे ग्रामीणों ने जमकर लुत्फ उठाया। करीला माता के स्थान पर पूजा पाठ के बाद राई नृत्य का आयोजन हुआ और इसके बाद राई नृत्य की मंडली पूरे गांव में घूमते हुए अच्छी बारिश की कामना को लेकर राई नृत्य करती रही। इतना ही नहीं नृत्य के दौरान जमकर रंग-गुलाल भी उड़ाया गया। ग्रामीणों का मानना है कि टोटके के तौर पर करीला माता को प्रसन्न करने और अच्छी बारिश की कामना को लेकर किए गए इस आयोजन से मेघदेवता जरूर प्रसन्न होंगे और बारिश के बचे हुए दिनों में अच्छी बारिश होगी, जिससे किसानो की सूखती हुई फसलों में एक बार फिर से हरियाली आएगी। टोटके के तौर पर गलान गांव के ग्रामीणों के द्वारा पारंपरिक राई नृत्य के इस आयोजन के बाद मेघदेवता प्रसन्न होते हैं या नहीं यह फिलहाल मालूम नहीं है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है की, सूखती फसलों को देखकर किसानों के मुरझाए चेहरों में मुस्कान जरूर लौटी है और एक उम्मीद की किरण भी कि शायद बदरा जमकर बरसेंगे। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Sun, 28 Jul 2024 12: 32 PM IST

MP Weather: राजधानी भोपाल के पास कोलार डैम के आठ में से दो गेट सुबह खोल दिए गए हैं। कोलार बांध वीरपुर का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर होने पर गेट खोले गए। कोलार डैम से दोनों गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए हैं। एमपी में बारिश – फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार सुबह से बारिश का दौर शुरू हो चुका है। आज प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का भी अलर्ट जारी है। मध्यप्रदेश में अब तक मानसून सीजन की 103 फीसदी बारिश हो चुकी है। 16 इंच के मुकाबले 16.5 इंच यानी 0.5 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। यह औसत बारिश से तीन प्रतिशत ज्यादा है। प्रदेश की छोटी नदियां उफान पर हैं, बड़ी नदियों और बांधों में लगातार पानी बढ़ रहा है।

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मौसम विभाग के अनुसार, 29-30 जुलाई को तेज बारिश का दौर थम जाएगा। लेकिन 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी शुरू होगी। इधर, सुबह भोपाल के पास कोलार डैम के आठ में से दो गेट सुबह खोल दिए गए हैं। कोलार बांध वीरपुर का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर होने पर गेट खोले गए। कोलार डैम से दोनों गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए हैं। बता दें कि कोलार डैम सीहोर जिले में है, लेकिन भोपाल की आधी आबादी को पीने का यही से पानी मिलता है।

कभी भी खोल सकते हैं भागभदा के गेट
भोपाल में तेज बारिश हो रही है। कई इलाकों की सड़कें पानी में डूब गई हैं। बड़े तालाब के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। भदभदा डैम के गेट भी कभी भी खुल सकते हैं। कैचमेंट एरिया में तेज बारिश और कोलास नदी के लेवल से ऊपर बहने से बड़ा तालाब में तेजी से पानी बढ़ रहा है। रविवार की सुबह लेवल 1665.00 फीट पहुंच गया है। यानी, तालाब 1.80 फीट ही खाली है। पानी की अच्छी आवक होने के चलते पल-पल की नजर रखी जा रही है। बड़ा तालाब का फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है। रविवार सुबह तक इसमें 1665.00 फीट पानी आ चुका है।

इन क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट
अशोकनगर, सागर, दमोह, रायसेन, नरसिंहपुर, भिंड, श्योपुरकलां, मुरैना, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, पांढुर्ना पेंच, दक्षिण छिंदवाड़ा, दक्षिण सिवनी, नीमच, मंदसौर, गुना, निवाड़ी में बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, उत्तरी छतरपुर के साथ-साथ उत्तरी छिंदवाड़ा, उत्तरी सिवनी, टीकमगढ़, दक्षिणी छतरपुर, अनुपपुर अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, शिवपुरी, दतिया, मैहर, रतलाम, नर्मदापुरम पचमढ़ी, हरदा, बैतूल, देवास में बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, धार, इंदौर के साथ सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा, मऊगंज, भोपाल, जबलपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, पन्ना, अलीराजपुर, बड़वानी, झाबुआ में बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है।

ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अब बीकानेर, चूरू, आगरा, प्रयागराज, रांची से होकर समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है। पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के ऊपर बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल के तटों तक पश्चिमी तट पर समुद्र तल से अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। वहीं, विरूपक हवाओं का क्षेत्र (शियर जोन) ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ बना हुआ है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हल्की से मध्यम वर्षा का यह दौर अगले दो-तीन जारी रह सकता है।

बुंदेलखंड एक बार फिर मेघराज के नाराज होने से परेशान
मध्यप्रदेश में अधिकांश जिलों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में तो बारिश से हालात बिगड़े हुए हैं। लेकिन हमेशा की तरह पानी की कमी को झेलता बुंदेलखंड एक बार फिर मेघराज के नाराज होने से परेशान है और यही वो वजह है कि बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों में पानी के लिए लोग अब पूजा पाठ से लेकर टोने टोटके का भी सहारा ले रहे हैं। छतरपुर में कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई हैं, जहां एक ओर छतरपुर शहर में मेघदेवता को मनाने के लिए टोटके के तौर पर गधा-गधी की शादी करवाई गई है, तो वहीं जिले के गलान गांव में ग्रामीणों ने गांव की अधिष्ठात्री देवी करीला माता को प्रसन्न करने के लिए उनके स्थान पर राई नृत्य का आयोजन कराया है।

टोटके के तौर पर कराए गए इस आयोजन में ग्रामीणों ने लगभग हर घर से थोड़ा-थोड़ा पैसा इकट्ठा किया और इसके बाद गांव की देवी करीला माता के स्थान पर नृत्यांगनाओं के द्वारा बुंदेलखंड के पारंपरिक नृत्य राई का आयोजन कराया गया, जिसका पूरे ग्रामीणों ने जमकर लुत्फ उठाया। करीला माता के स्थान पर पूजा पाठ के बाद राई नृत्य का आयोजन हुआ और इसके बाद राई नृत्य की मंडली पूरे गांव में घूमते हुए अच्छी बारिश की कामना को लेकर राई नृत्य करती रही। इतना ही नहीं नृत्य के दौरान जमकर रंग-गुलाल भी उड़ाया गया। ग्रामीणों का मानना है कि टोटके के तौर पर करीला माता को प्रसन्न करने और अच्छी बारिश की कामना को लेकर किए गए इस आयोजन से मेघदेवता जरूर प्रसन्न होंगे और बारिश के बचे हुए दिनों में अच्छी बारिश होगी, जिससे किसानो की सूखती हुई फसलों में एक बार फिर से हरियाली आएगी।

टोटके के तौर पर गलान गांव के ग्रामीणों के द्वारा पारंपरिक राई नृत्य के इस आयोजन के बाद मेघदेवता प्रसन्न होते हैं या नहीं यह फिलहाल मालूम नहीं है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है की, सूखती फसलों को देखकर किसानों के मुरझाए चेहरों में मुस्कान जरूर लौटी है और एक उम्मीद की किरण भी कि शायद बदरा जमकर बरसेंगे।

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