mp-weather:-प्रदेश-में-लगातार-हो-रही-बारिश,-कई-जिलों-में-बढ़ी-मुसीबत,-17-जिलों-में-भारी-बारिश-का-अलर्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: दिनेश शर्मा Updated Sat, 05 Aug 2023 08: 22 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें दो वेदर सिस्टम के प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। कम दबाव का क्षेत्र कुछ कमजोर पड़ने के बाद बिहार की तरफ बढ़ने लगा है। इस वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी।  मप्र में बारिश से कई नदियां उफान पर हैं। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। कई इलाकों में बारिश अब मुसीबत बढ़ा रही है। मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, चंबल, रीवा, जबलपुर, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, इंदौर, नर्मदापुरम व उज्जैन संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान मिहौना, रौन में 160, लहार में 130, नौगांव में 120, मंगवा, छतरपुर में 100, पलेरा में 90, गौरिहर, करैरा, कन्हैयादाना 80 मिलीमीटर बारिश हुई है। दो दिन बाद मौसम साफ होने की भी संभावना है। इससे दिन के तापमान में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगेगी। शनिवार शाम सतना जिले में बकिया बैराज के 13 गेट खोल दिए गए। इससे रीवा के तराई अंचल में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर ऐहतियातन होमगार्ड और एसडीईआरएफ की टीम भेजी गई हैं। जबलपुर में बरगी डैम से पानी छोड़े जाने पर नर्मदा में जलस्तर बढ़ गया है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर शनिवार सुबह जलस्तर 956 फीट के पार पहुंच गया। नदी का अलार्म लेवल 964 फीट और खतरे का लेवल 967 फीट है। नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक, नर्मदा किनारे के गांवों में टीम तैनात कर लोगों को नदी से दूर रहने की हिदायत दी गई है। बैतूल में सतपुड़ा डैम के 7 और छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के 4 गेट खोलना पड़े हैं।  उमरिया में बीते 72 घंटे से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले में बीते मंगलवार की रात से बारिश का दौर शुरू हुआ था जो अभी तक जारी है। आलम यह है कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया है। पुल-पुलियाओं में अत्यधिक जलभराव होने के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित है। लगातार बारिश के कारण शिवपुरी जिले के पिछोर थाना क्षेत्र के बदरवास गांव में दो मंजिला मकान देखते ही देखते धराशायी हो गया। पूरा मकान गिरने में बमुश्किल 6-7 सेकंड का समय लगा होगा। कटनी जिले में बारिश से दतला नदी अपने रौद्र रूप में है। इससे ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम सगमा और लालपुर के बीच बने पुल को अपने तेज बहाव से क्षतिग्रस्त कर दिया है। कई इलाकों में मदद के लिए प्रशासन को नाव तक चलानी पड़ी।  अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान बता रहा है कि प्रदेश के कई जिलों में रविवार को भी बारिश होगी। रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश हो सकती है। वहीं सीधी, उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, निवाड़ी, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन जिलों के लिए विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा सिंगरौली, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, गुना, ग्वालियर व विदिशा जिलों में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।  मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश से दक्षिण-उत्तर प्रदेश पर है। इसके बिहार की तरफ बढ़ने की संभावना है। मानसून द्रोणिका भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इन दो वेदर सिस्टम के प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। कम दबाव का क्षेत्र कुछ कमजोर पड़ने के बाद बिहार की तरफ बढ़ने लगा है। इस वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी। दो दिन बाद मौसम साफ होने की भी संभावना है। इससे दिन के तापमान में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगेगी।

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: दिनेश शर्मा Updated Sat, 05 Aug 2023 08: 22 PM IST

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दो वेदर सिस्टम के प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। कम दबाव का क्षेत्र कुछ कमजोर पड़ने के बाद बिहार की तरफ बढ़ने लगा है। इस वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी।  मप्र में बारिश से कई नदियां उफान पर हैं। – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्यप्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। कई इलाकों में बारिश अब मुसीबत बढ़ा रही है। मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, चंबल, रीवा, जबलपुर, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, इंदौर, नर्मदापुरम व उज्जैन संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान मिहौना, रौन में 160, लहार में 130, नौगांव में 120, मंगवा, छतरपुर में 100, पलेरा में 90, गौरिहर, करैरा, कन्हैयादाना 80 मिलीमीटर बारिश हुई है। दो दिन बाद मौसम साफ होने की भी संभावना है। इससे दिन के तापमान में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगेगी।

शनिवार शाम सतना जिले में बकिया बैराज के 13 गेट खोल दिए गए। इससे रीवा के तराई अंचल में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर ऐहतियातन होमगार्ड और एसडीईआरएफ की टीम भेजी गई हैं। जबलपुर में बरगी डैम से पानी छोड़े जाने पर नर्मदा में जलस्तर बढ़ गया है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर शनिवार सुबह जलस्तर 956 फीट के पार पहुंच गया। नदी का अलार्म लेवल 964 फीट और खतरे का लेवल 967 फीट है। नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक, नर्मदा किनारे के गांवों में टीम तैनात कर लोगों को नदी से दूर रहने की हिदायत दी गई है। बैतूल में सतपुड़ा डैम के 7 और छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के 4 गेट खोलना पड़े हैं। 

उमरिया में बीते 72 घंटे से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले में बीते मंगलवार की रात से बारिश का दौर शुरू हुआ था जो अभी तक जारी है। आलम यह है कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया है। पुल-पुलियाओं में अत्यधिक जलभराव होने के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित है। लगातार बारिश के कारण शिवपुरी जिले के पिछोर थाना क्षेत्र के बदरवास गांव में दो मंजिला मकान देखते ही देखते धराशायी हो गया। पूरा मकान गिरने में बमुश्किल 6-7 सेकंड का समय लगा होगा। कटनी जिले में बारिश से दतला नदी अपने रौद्र रूप में है। इससे ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम सगमा और लालपुर के बीच बने पुल को अपने तेज बहाव से क्षतिग्रस्त कर दिया है। कई इलाकों में मदद के लिए प्रशासन को नाव तक चलानी पड़ी। 

अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान बता रहा है कि प्रदेश के कई जिलों में रविवार को भी बारिश होगी। रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश हो सकती है। वहीं सीधी, उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, निवाड़ी, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन जिलों के लिए विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा सिंगरौली, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, गुना, ग्वालियर व विदिशा जिलों में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। 

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश से दक्षिण-उत्तर प्रदेश पर है। इसके बिहार की तरफ बढ़ने की संभावना है। मानसून द्रोणिका भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इन दो वेदर सिस्टम के प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। कम दबाव का क्षेत्र कुछ कमजोर पड़ने के बाद बिहार की तरफ बढ़ने लगा है। इस वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी। दो दिन बाद मौसम साफ होने की भी संभावना है। इससे दिन के तापमान में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगेगी।

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