mp-politics:-एमपी-की-आदिवासी-बाहुल-सीटों-को-लेकर-क्यों-परेशान-bjp-कांग्रेस,-यहीं-से-निकलता-है-सत्ता-का-रास्ता
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें MP Politics: भाजपा ने फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा फोकस आदिवासियों क्षेत्रों पर शिफ्ट कर दिया है। सीएम शिवराज एक के बाद एक घोषणाएं करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी बात को भांपते हुए अब कांग्रेस ने भी अपना फोकस जनजातियों क्षेत्रों पर केंद्रित कर दिया है... MP Politics - फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में प्रदेश के आदिवासी सूबे की राजनीति का सेंटर पाइंट बन गए है। भाजपा ने फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा फोकस आदिवासियों क्षेत्रों पर शिफ्ट कर दिया है। सीएम शिवराज एक के बाद एक घोषणाएं करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी बात को भांपते हुए अब कांग्रेस ने भी अपना फोकस जनजातियों क्षेत्रों पर केंद्रित कर दिया है। आदिवासियों को रिझाने के लिए भाजपा-कांग्रेस के अपने वादे सरकार में बरकरार रहने का भाजपा का लक्ष्य हो या फिर सत्ता में वापसी का कांग्रेस की कोशिश, दोनों ही पार्टी की उम्मीदें आदिवासी क्षेत्रों से होकर निकलती हैं। जिस तरफ आदिवासी वोट बैंक का पलड़ा झुकेगा, सत्ता उसी के करीब होगी। इसलिए इन दिनों प्रदेश की राजनीति और चुनावी तैयारियों में आदिवासियों का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है। दोनों ही दल इस समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटे हुए हैं। मध्यप्रदेश के एक प्रदेश पदाधिकारी का कहना है कि आदिवासी मतदाताओं पर पकड़ मजबूत करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच सियासी खींचतान तेज हो गई है। भाजपा सरकार ने आदिवासियों को साधने के लिए योजनाओं और घोषणाओं की बौछार कर दी है। भाजपा बैठकों के जरिए कार्यकर्ताओं को आदिवासियों के बीच पार्टी की बात रखने की ट्रेनिंग दे रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी आदिवासियों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मिशन 2023 को ध्यान में रखते हुए संघ बीते एक साल से आदिवासी इलाकों में विशेष अभियान चला रहा है। सूबे के आठ आदिवासी बहुल जिलों में संघ की शाखाओं को दोगुना करने का टारगेट रखा है। धर्मांतरण रोकने के लिए इन क्षेत्रों में जन जागरूकता, और संस्कारशालाएं भी बढ़ाई गई हैं। संघ ने आने वाले दिनों कई छोटे-बड़े कार्यक्रम और सभाएं इन्हीं जिलों में आयोजित करने की योजना बना रहा है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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MP Politics: भाजपा ने फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा फोकस आदिवासियों क्षेत्रों पर शिफ्ट कर दिया है। सीएम शिवराज एक के बाद एक घोषणाएं करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी बात को भांपते हुए अब कांग्रेस ने भी अपना फोकस जनजातियों क्षेत्रों पर केंद्रित कर दिया है… MP Politics – फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar

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मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में प्रदेश के आदिवासी सूबे की राजनीति का सेंटर पाइंट बन गए है। भाजपा ने फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा फोकस आदिवासियों क्षेत्रों पर शिफ्ट कर दिया है। सीएम शिवराज एक के बाद एक घोषणाएं करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी बात को भांपते हुए अब कांग्रेस ने भी अपना फोकस जनजातियों क्षेत्रों पर केंद्रित कर दिया है।

आदिवासियों को रिझाने के लिए भाजपा-कांग्रेस के अपने वादे

सरकार में बरकरार रहने का भाजपा का लक्ष्य हो या फिर सत्ता में वापसी का कांग्रेस की कोशिश, दोनों ही पार्टी की उम्मीदें आदिवासी क्षेत्रों से होकर निकलती हैं। जिस तरफ आदिवासी वोट बैंक का पलड़ा झुकेगा, सत्ता उसी के करीब होगी। इसलिए इन दिनों प्रदेश की राजनीति और चुनावी तैयारियों में आदिवासियों का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है। दोनों ही दल इस समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटे हुए हैं। मध्यप्रदेश के एक प्रदेश पदाधिकारी का कहना है कि आदिवासी मतदाताओं पर पकड़ मजबूत करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच सियासी खींचतान तेज हो गई है। भाजपा सरकार ने आदिवासियों को साधने के लिए योजनाओं और घोषणाओं की बौछार कर दी है। भाजपा बैठकों के जरिए कार्यकर्ताओं को आदिवासियों के बीच पार्टी की बात रखने की ट्रेनिंग दे रही है।

इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी आदिवासियों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मिशन 2023 को ध्यान में रखते हुए संघ बीते एक साल से आदिवासी इलाकों में विशेष अभियान चला रहा है। सूबे के आठ आदिवासी बहुल जिलों में संघ की शाखाओं को दोगुना करने का टारगेट रखा है। धर्मांतरण रोकने के लिए इन क्षेत्रों में जन जागरूकता, और संस्कारशालाएं भी बढ़ाई गई हैं। संघ ने आने वाले दिनों कई छोटे-बड़े कार्यक्रम और सभाएं इन्हीं जिलों में आयोजित करने की योजना बना रहा है।

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