पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। इससे पहले मध्य प्रदेश में 50% कमीशन के वायरल पत्र को लेकर सियासत खत्म होती नहीं दिख रही है। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को परिवहन विभाग के चेक पोस्ट पर रिश्वतखोरी को लेकर लिखे एक साल पुराना पत्र शेयर किया है। साथ ही सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि कमीशनखोरों हिम्मत है तो अब एफआईआर करके दिखाओ।
मध्य प्रदेश में 50% कमीशन के वायरल पत्र पर भाजपा ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रदेश के कई जिलों में एफआईआर कराई है। इस पर कांग्रेस के नेताओं ने जांच करने के बजाए एफआईआर कर सरकार पर कार्यकर्ताओं को डराने का आरोप लगाया था। इसके बाद से भाजपा और कांग्रेस दोनों के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप का पारा चढ़ा हुआ है। अब मामले में अरुण यादव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का प्रदेश सरकार को लिखा एक पत्र शेयर किया है। यह पत्र करीब एक साल पुराना है। इसमें परिवहन विभाग के चेक पोस्टों पर हो रही रिश्वतखोरी का उल्लेख किया गया। जिस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई। इस पत्र को शेयर कर अरुण यादव ने लिखा कि केंद्र सरकार द्वारा रिश्वतखोरी का सर्टिफिकेट। उन्होंने लिखा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे अपने पत्र में परिवहन विभाग के चेक पोस्टों पर हो रही भारी भरकम रिश्वतखोरी का प्रमाण पत्र जारी किया था, कमीशनखोरों/ रिश्वतखोरों हिम्मत है तो इनके खिलाफ भी एफआईआर करके दिखाओ। यादव ने आगे लिखा mr भ्रष्टाचार क्या यह आरोप ‘घर’ से जुड़ा हुआ है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी “रिश्वतखोरी का सर्टिफिकेट”
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे अपने पत्र में परिवहन विभाग के चेक पोस्टों पर हो रहे भारी भरकम रिश्वतखोरी का प्रमाण पत्र जारी किया था,
कमीशनखोरों / रिश्वतखोरों हिम्मत है तो इनके खिलाफ भी FIR करके… pic.twitter.com/WZuPaXspTC
— Arun Subhash Yadav (@MPArunYadav) August 17, 2023
बता दें अरुण यादव ने एक ठेकेदारों के संगठन की तरफ से ग्वालियर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया था। अगले दिन इस पत्र को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासिचव प्रियंका गांधी, मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश, पूर्व सीएम कमलनाथ ने शेयर किया था। इस वायरल पत्र को भाजपा ने फर्जी और कांग्रेस नेताओं पर छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए 42 थानों में एफआईआर दर्ज कराई थी।
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