mp-news:-15-दिन-की-बच्ची-की-जान-बचाने-108-के-चालक-ने-दिखाई-हिम्मत,-20-मिनट-में-तय-कर-लिया-60-किमी-का-सफर
दमोह में बच्ची की जान बचाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 60 किमी की दूरी 20 मिनट में तय कर ली। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के 108 एंबुलेंस चालक की तारीफ हो रही है, उसने 15 दिन की बच्ची की जान बचाने के लिए जान हथेली पर रख ली। जबलपुर तक का 60 किलोमीटर का सफर मात्र 20 मिनट में तय कर लिया। बच्ची को समय पर इलाज मिल गया और अब बच्ची सुरक्षित है।  मामला रविवार की रात तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां सहजपुर गांव से 15 दिन की बच्ची को बेहोशी की हालत में लाया गया था और डॉक्टरों ने बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर किया था। तत्काल 108 वाहन को बुलाया गया और पायलट विवेक कटारिया को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद पायलट ने बच्ची को उसकी मां के साथ एंबुलेंस वाहन में बिठाया और 60 किमी की दूरी महज 20 मिनट में तय करा दी और जबलपुर मेडीकल कालेज पहुंचा दिया, जहां मासूम अब खतरे से बाहर है। बता दें कि तेंदूखेड़ा से जबलपुर की दूरी 60 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने और मेडीकल कालेज तक पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है, लेकिन 108 के पायलट ने यह दूरी मात्र 20 मिनट में तय की है जबकि इतने कम समय में जबलपुर की यह दूरी तय करना काफी मुश्किल है, लेकिन 108 के पायलट ने यह कमाल किया है। बच्ची आईसीयू में इलाजरत है। मासूम महज 15 दिन की है और बंसल परिवार से है। बच्ची के माता- पिता ग्राम सहजपुर निवासी हैं और रविवार की रात अचानक वह बेहोश हो गई और उसकी हालत बिगड़ गई। बच्ची की मां जमना बंसल ने बताया कि 20 मिनट में वह अपनी बेटी को लेकर जबलपुर पहुंच गई थी। इसके लिए एंबुलेंस चालक का आभार भी माना। 120 की स्पीड से दौड़ाया वाहन रविवार की रात बेहोशी की हालत में मासूम को लेकर 108 वाहन 7 बजकर 45 मिनट पर तेंदूखेड़ा से निकला था और जबलपुर 8 बजकर 5 मिनट पर पहुंच गया था। पायलट के साथ डॉक्टर विजय सिंह भी मौजूद थे। पूरे मामले में पायलट विवेक कटारिया ने बताया कि बच्च्ची मात्र 15 दिन की थी और उसे जब तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र से रेफर किया गया, उस समय 7 बजकर 45 मिनट का समय था। मैने बच्ची के जीवन के महत्व को समझा और 20 मिनट में उसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर पहुंचा दिया। बच्च्ची मेडिकल कालेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती है और सुरक्षित है। उनसे जब पूछा कि 60 किलोमीटर की दूरी 20 मिनट में कैसे तय की गई तो उन्होंने बताया कि सात से आठ मिनट में वह 27 मील पहुंचे और 27 मील से जबलपुर मेडिकल कालेज पहुंचने में उनको पूरे 12 मिनट लगे इस दौरान उनके वाहन की स्पीड 100 से 120 के बीच थी।  

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

दमोह में बच्ची की जान बचाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 60 किमी की दूरी 20 मिनट में तय कर ली। – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के 108 एंबुलेंस चालक की तारीफ हो रही है, उसने 15 दिन की बच्ची की जान बचाने के लिए जान हथेली पर रख ली। जबलपुर तक का 60 किलोमीटर का सफर मात्र 20 मिनट में तय कर लिया। बच्ची को समय पर इलाज मिल गया और अब बच्ची सुरक्षित है। 

मामला रविवार की रात तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां सहजपुर गांव से 15 दिन की बच्ची को बेहोशी की हालत में लाया गया था और डॉक्टरों ने बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर किया था। तत्काल 108 वाहन को बुलाया गया और पायलट विवेक कटारिया को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद पायलट ने बच्ची को उसकी मां के साथ एंबुलेंस वाहन में बिठाया और 60 किमी की दूरी महज 20 मिनट में तय करा दी और जबलपुर मेडीकल कालेज पहुंचा दिया, जहां मासूम अब खतरे से बाहर है।

बता दें कि तेंदूखेड़ा से जबलपुर की दूरी 60 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने और मेडीकल कालेज तक पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है, लेकिन 108 के पायलट ने यह दूरी मात्र 20 मिनट में तय की है जबकि इतने कम समय में जबलपुर की यह दूरी तय करना काफी मुश्किल है, लेकिन 108 के पायलट ने यह कमाल किया है। बच्ची आईसीयू में इलाजरत है।

मासूम महज 15 दिन की है और बंसल परिवार से है। बच्ची के माता- पिता ग्राम सहजपुर निवासी हैं और रविवार की रात अचानक वह बेहोश हो गई और उसकी हालत बिगड़ गई। बच्ची की मां जमना बंसल ने बताया कि 20 मिनट में वह अपनी बेटी को लेकर जबलपुर पहुंच गई थी। इसके लिए एंबुलेंस चालक का आभार भी माना।

120 की स्पीड से दौड़ाया वाहन
रविवार की रात बेहोशी की हालत में मासूम को लेकर 108 वाहन 7 बजकर 45 मिनट पर तेंदूखेड़ा से निकला था और जबलपुर 8 बजकर 5 मिनट पर पहुंच गया था। पायलट के साथ डॉक्टर विजय सिंह भी मौजूद थे। पूरे मामले में पायलट विवेक कटारिया ने बताया कि बच्च्ची मात्र 15 दिन की थी और उसे जब तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र से रेफर किया गया, उस समय 7 बजकर 45 मिनट का समय था। मैने बच्ची के जीवन के महत्व को समझा और 20 मिनट में उसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर पहुंचा दिया। बच्च्ची मेडिकल कालेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती है और सुरक्षित है। उनसे जब पूछा कि 60 किलोमीटर की दूरी 20 मिनट में कैसे तय की गई तो उन्होंने बताया कि सात से आठ मिनट में वह 27 मील पहुंचे और 27 मील से जबलपुर मेडिकल कालेज पहुंचने में उनको पूरे 12 मिनट लगे इस दौरान उनके वाहन की स्पीड 100 से 120 के बीच थी।
 

Posted in MP