अनुपम शर्मा, जिसकी हत्या हुई। इसका खुलासा पुलिस ने कर दिया है। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार दोस्त पर चरित्र संदेह तथा उधारी होने के कारण किरायेदार के साथ मिलकर एक युवक ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने हैंडकटर से शव के टुकडे किए और प्लास्टिक की तीन बोरियों में भरकर उन्हें नाले में फेंक दिया। घटना के एक पखवाड़े बाद मुख्य आरोपी ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने 50 दिन बाद सह-आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके बताए स्थान से शव के टुकड़े बरामद किए हैं। हालांकि, अब भी कुछ टुकड़ों की तलाश की जा रही है।
एसपी टीके विद्यार्थी का कहना है कि संजीवनी नगर जसूजा सिटी निवासी अनुपम शर्मा, उम्र 45 साल, मूलतः नरसिंहपुर का रहने वाला था। पारिवारिक विवाद के बाद वह पत्नी-बच्चों को छोड़ जबलपुर में अकेला रहता था। वह अपने दोस्त विनोद वर्मा उर्फ टोनी के साथ प्रॉपर्टी और शेयर का काम करता था। युवक 16 फरवरी से लापता था। गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके परिजनों ने 23 फरवरी को संजीवनी नगर थाने में दर्ज करवाई थी। जांच में पाया गया कि अंतिम बार वह टोनी वर्मा के घर में दिखा था। पुलिस ने टोनी वर्मा से पूछताछ की तो उसने बताया कि दोपहर को अनुपम आया था। सीसीटीवी फुटेज में अनुपम जैसे कपड़े पहना युवक स्कूटर ले जाते दिखा। अनुपम के मोबाइल से पिता को मैसेज आ रहे थे कि जीवन की गलती सुधारने अध्यात्म के रास्ते पर जा रहा हूं। मौन व्रत धारण कर रहा हूं। अंतिम मैसेज 25 फरवरी को नासिक से भेजा गया था। टोनी वर्मा ने एक मार्च को आत्महत्या कर ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि बहुत बड़ी गलती होना आत्महत्या का कारण है।
पुलिस ने जांच में पाया कि टोनी ने अपने करीबियों से कहा था कि करीबी दोस्त ने दगाबाजी की है। उसे मारना है। पुलिस ने टोनी के किरायेदार रामप्रकाश पुनिया से पूछताछ की। उसने बताया कि वह मुंबई में छोटे आर्टिस्ट के रूप में काम करता था। वह 24 फरवरी को मुंबई जा रहा था तो टोनी ने उसे मोबाइल फोन देकर कहा था कि उसे नासिक में कुछ देर चालू करने के बाद बंद कर ट्रेन में छोड़ देना। एक दोस्त की लोकेशन नासिक में दिखाना है। किरायेदार ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वह 16 फरवरी को मुंबई से आया था और थका होने के कारण उस दिन घर पर आराम कर रहा था।
पुलिस ने जांच में पाया कि किरायेदार 15 फरवरी को मुम्बई से आया था। 16 फरवरी की दोपहर तीन से शाम सात बजे तक टोनी के घर पर था। पुलिस ने हिरासत में लेकर फिर से पुछताछ की तो उसने टोनी के साथ मिलकर अनुपम की हत्या करना स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि टोनी की अनुपस्थिति में अनुपम उसके घर जाता था। इसके कारण टोनी को उसके चरित्र पर संदेह था। इसके अलावा टोनी ने उससे रुपये भी उधार लिए थे। टोनी ने 16 फरवरी को हिसाब करने अनुपम को घर बुलाया था।
टोनी उसे लेकर अपने भाई के लकडी टाल में लेकर आया, जहां वह पहले से मौजूद था। दोनों लैपटॉप में हिसाब कर रहे थे तो उसने रस्सी का फंदा डालकर उसका गला घोंट दिया। इस दौरान टोनी ने अनुपम के हाथ-पैर पकड़ रखे थे। इसके बाद उन्होंने हैंडकटर से उसकी लाश के टुकड़े किए। प्लास्टिक की तीन बोरियों में उन्हें भरा। किरायेदार अनुपम के कपड़े पहनकर स्कूटर लेकर गया था। ताकि लगे कि अनुपम लौट गया था। लौटने के बाद दोनों बोरियां लेकर स्टेशन के पास नाले में फेंकने गये थे। बोरियां पानी में डूब नहीं रही थी। इस वजह से दोनों उन्हें वापस ले आए। उनमें लोहा भरा और फिर कछपुरा स्टेशन के पास के नाले में फेंक दिया। परिजनों को गुमराह करने के लिए वह उन्हें मैसेज कर रहे थे। जिससे उन्हें लगे कि अनुपम अध्यात्म के रास्ते पर चला गया है। पुलिस ने सह-आरोपी की निशानदेही पर रविवार को शव के टुकड़े से भरी बोरियों को बारामद किया। शरीर के टुकड़े प्लास्टिक बोरी में भरकर फेंका था, जिससे वह पूरी तरफ से नष्ट नहीं हुए। लाश के कुछ हिस्से नहीं मिल सके हैं। सह-आरोपी आर्थिक तंगी तथा उधार होने के कारण हत्या की साजिश में शामिल हुआ था।
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