mp-news:-हाईकोर्ट-ने-किया-कटनी-नगर-निगम-का-आदेश-निरस्त,-अंजुमन-इस्लामिया-ट्रस्ट-पर-संपत्ति-कर-लगाने-का-मामला
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मप्र हाईकोर्ट ने कटनी नगर निगम के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके तहत अंजुमन इस्लामिया ट्रस्ट कटनी के ऊपर संपत्ति कर अधिरोपित किया गया था। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कटनी का वह आदेश भी निरस्त कर दिया जिसके द्वारा उन्होंने ट्रस्ट की अपील को खारिज किया था।  बता दें कि यह मामला अंजुमन इस्लामिया ट्रस्ट कटनी ने हाईकोर्ट में दायर किया था। इसमें कहा गया कि ट्रस्ट एक शैक्षणिक एवं धार्मिक संस्था है, बावजूद उसके ऊपर संपत्ति कर अधिरोपित किया गया। संपत्ति कर आरोपित करने से पहले नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन भी नहीं किया गया। आपत्तियों की रजिस्टर में एंट्री, उचित आकलन और सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने प्रकरण को वापस रिमांड करके कहा कि जिस संपत्ति का शैक्षणिक अथवा धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग हो रहा है, उस संपत्ति पर कर नहीं लग सकता। पहले नियमानुसार जांच की जाए और उसके बाद ही कोई संपत्ति कर लगाया जा सकता है। उक्त मत के साथ न्यायालय ने कटनी ननि व एडीजे कटनी का आदेश निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा।

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मप्र हाईकोर्ट ने कटनी नगर निगम के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके तहत अंजुमन इस्लामिया ट्रस्ट कटनी के ऊपर संपत्ति कर अधिरोपित किया गया था। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कटनी का वह आदेश भी निरस्त कर दिया जिसके द्वारा उन्होंने ट्रस्ट की अपील को खारिज किया था। 

बता दें कि यह मामला अंजुमन इस्लामिया ट्रस्ट कटनी ने हाईकोर्ट में दायर किया था। इसमें कहा गया कि ट्रस्ट एक शैक्षणिक एवं धार्मिक संस्था है, बावजूद उसके ऊपर संपत्ति कर अधिरोपित किया गया। संपत्ति कर आरोपित करने से पहले नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन भी नहीं किया गया। आपत्तियों की रजिस्टर में एंट्री, उचित आकलन और सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने प्रकरण को वापस रिमांड करके कहा कि जिस संपत्ति का शैक्षणिक अथवा धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग हो रहा है, उस संपत्ति पर कर नहीं लग सकता। पहले नियमानुसार जांच की जाए और उसके बाद ही कोई संपत्ति कर लगाया जा सकता है। उक्त मत के साथ न्यायालय ने कटनी ननि व एडीजे कटनी का आदेश निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा।

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