महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग की करीब 95 हजार आंगनवाड़ियों में 50 हजार स्व सहायता समूह पोषण आहार उपलब्ध करा रहे हैं। इन स्व सहायता समूह को अप्रैल, मई और जून 2024 का अब तक भुगतान नहीं हो पाया है। इसका कारण बजट नहीं होना है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरक पोषण आहार के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर बजट उपलब्ध कराते हैं, लेकिन पूरक पोषण आहार में अब तक बजट नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि तीन माह का भुगतान स्व सहायता समूह का लंबित है।
कुछ स्व सहायता समूह ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि उनकी तरफ से जिलों से लेकर मुख्यालय स्तर तक शिकायत की गई, लेकिन अभी तक उनको भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में उनको अपना काम उधार के पैसे लेकर करना पड़ रहा है। इस मामले में अमर उजाला ने महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया से बात कि तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। यदि कोई विशेष जगह में भुगतान नहीं हो रहा हो तो मुझे बताएं। भुगतान नहीं होने के कारण पता करके ही कुछ बता सकूंगी।
पूरक पोषण आहार में नाश्ता और भोजन
प्रदेश की आंगनवाड़ियों में सोमवार से शनिवार तक तीन से छह साल के बच्चों को स्व सहायता समूह नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराते हैं। साथ ही मंगलवार को गर्भवती महिलाओं को भोजन उपलब्ध कराते हैं। इसमें एक बच्चे पर सरकार तीन रुपए नाश्ते और पांच रुपए भोजन का भुगतान करती है। इसमें 20 से 25 ग्राम प्रोटीन और 500 कैलोरी युक्त आहार दिया जाता है। वहीं, गर्भवती महिलाओं को 9.50 रुपए में 18-20 ग्राम प्रोटीन एवं 600 कैलोरी युक्त पूरक पोषण आहार आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से दिया जाता है।
वाहनों के टेंडर नहीं होने से निरीक्षण ठप
आंगनवाड़ियों का निरीक्षण का काम भी प्रदेश में करीब-करीब ठप्प पड़ा है। इसका कारण परियोजना अधिकारियों के पास वाहन नहीं होना है। दरअसल 1 अप्रैल 2023 को सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों का उपयोग बंद कर दिया है। वहीं, कई जगह अनुबंधित वाहनों के लिए दोबारा अनुबंधित नहीं किया गया है। वाहनों को अनुबंध पर लेने के लिए टेंडर प्रक्रिया नहीं होने से आंगनवाड़ियों का निरीक्षण ही नहीं पा रहा है।
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