mp-news:-स्वास्थ्य-विभाग-में-होगी-46-हजार-491-पदों-पर-भर्ती,-आईपीएचएस-की-मंजूरी-से-खुला-रास्ता
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Sat, 29 Jun 2024 08: 32 PM IST स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए संशोधित मानव संसाधन मानदंडों (आईपीएचएस) को मंजूरी दी है। 46 हज़ार 491 पदों पर भर्ती की जाएगी। सांकेतिक तस्वीर - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सबसे बड़ी परेशानी स्टॉफ की कमी है। अस्पतालों में स्टॉफ की कमी पूरी करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार तैयारियों में जुट गई है। इसी क्रम में कैबिनेट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए संशोधित मानव संसाधन मानदंडों (आईपीएचएस) को मंजूरी दी है, जिसमें राज्य स्तरीय मानक अनुसार स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हज़ार 491 नवीन पदों (नियमित, संविदा, आउटसोर्स) के सृजन की स्वीकृति दी गयी है। इनमें 27 हज़ार 838 पदों की पूर्ति एनएचएम अंतर्गत तथा शेष 18 हज़ार 653 पदों की पूर्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगामी दो वित्तीय वर्षों में की जायेगी। विभाग द्वारा अलग-अलग पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इनमें 518 चिकित्सा अधिकारी, 854 विशेषज्ञ, चार हज़ार 423 नर्सिंग अधिकारी, 894 लैब तकनीशियन, 85 फिजियोथेरेपिस्ट, 626 ओटी तकनीशियन, 51 काउंसलर, 33 अस्पताल प्रबंधक, 45 अस्पताल अधीक्षक, 16 हज़ार 985 बहु-कुशल समूह डी कार्यकर्ता, 9 हज़ार 366 एएनएम, 165 एलएचवी, 10 हज़ार 179 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, 336 कंप्यूटर ऑपरेटर, 114 अस्पताल सहायक, 1 हज़ार 705 कोल्ड चेन और वैक्सीन लॉजिस्टिक सहायक और 112 वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद शामिल हैं। लगभग 39 प्रतिशत की हुई वृद्धि स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्व में स्वीकृत 47 हज़ार 949 नियमित पद स्वीकृत थे। कैबिनेट ने स्वास्थ्य संस्थानों के लिए नवीन 18 हज़ार 653 (जो लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि है) से कुल 66 हज़ार 602 नियमित पद हो जाएंगे। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 7 हज़ार 182, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 हज़ार 346, सिविल अस्पतालों में 2 हज़ार 712 और जिला चिकित्सालयों में 3 हज़ार 458 नवीन पद की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गयी है। 24 घंटे क्रियाशील होंगे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आईपीएचएस की अनुसंशा अनुसार मानव संसाधन की उपलब्धता से मध्यप्रदेश में समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 24 घंटे क्रियाशील रखा जा सकेगा। समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे प्रसव सुविधाएं उपलब्ध की जा सकेंगी। समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक औषधियां एवं आवश्यक पैथोलॉजी जांचे और आवश्यक प्राथमिक उपचार एवं रेफ़रल सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी। सभी विकास खंडों में क्रियाशील होंगे ब्लड बैंक समस्त सिविल अस्पताल एवं जिला चिकित्सालयों में आवश्यक नैदानिक जांच जैसे एक्स रे, सोनोग्राफी एवं सीटी स्कैन प्रदान की जा सकेंगी। समस्त विकास खंड में क्रियाशील ब्लड बैंक संचालित किये जा सकेंगे। समस्त शासकीय चिकित्सालयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुसार तैयार किया जा सकेगा, जिससे केंद्र सरकार से अतिरिक्त इंसेंटिव राशि प्राप्त हो सकेगी। बीमारियों का समय से की जाएगी पहचान मरीज के स्वास्थ्य पर प्रभाव होने से पहले इलाज करने में सहायता होगी एवं बीमारियों की पहचान करने के लिए स्क्रीनिंग तथा निदान के बाद बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रबंध करना संभव हो सकेगा। संचारी एवं असंचारी रोग तथा अन्य गंभीर बीमारी जैसे मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, हार्ट अटैक, पैरालिसिस आदि का गुणवत्तापूर्ण इलाज संभव हो सकेगा। नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, टीकाकरण, हाईरिस्क प्रेगनेंसी की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन, सुरक्षित प्रसव एवं परिवार कल्याण संबंधी परामर्श, पीपीआईयूसीडी की सुविधा सुलभ होगी। इससे लंबे समय में मातृ मृत्यु दर में गिरावट लाने में सफलता हासिल होगी। आवश्यक नवजात शिशु देखभाल, शीघ्र स्तनपान, टीकाकरण, कमजोर, बीमार शिशु की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन समुदाय के समीप उपलब्ध होगा। प्रदेश में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर तथा सकल प्रजनन दर में कमी लाई जा सकेगी। मेडिकल रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में डेटा डिजिटाइजेशन की दिशा में ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर संचालित किया जाने में नवीन पद सहायक होंगे। रोगियों को ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्राप्त हो सकेगी तथा मरीजों का रिकॉर्ड (डिस्क्रिपशन, जांच तथा अन्य) का भी डिजिटल संग्रहण किया जा सकेगा। रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन का कार्य किया जा सकेगा। समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में ई-फाइलिंग सिस्टम, सीसीटीवी, पीएस सिस्टम इत्यादि जैसे आईटी टूल्स का उपयोग किया जा सकेगा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Sat, 29 Jun 2024 08: 32 PM IST

स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए संशोधित मानव संसाधन मानदंडों (आईपीएचएस) को मंजूरी दी है। 46 हज़ार 491 पदों पर भर्ती की जाएगी। सांकेतिक तस्वीर – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सबसे बड़ी परेशानी स्टॉफ की कमी है। अस्पतालों में स्टॉफ की कमी पूरी करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार तैयारियों में जुट गई है। इसी क्रम में कैबिनेट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए संशोधित मानव संसाधन मानदंडों (आईपीएचएस) को मंजूरी दी है, जिसमें राज्य स्तरीय मानक अनुसार स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हज़ार 491 नवीन पदों (नियमित, संविदा, आउटसोर्स) के सृजन की स्वीकृति दी गयी है। इनमें 27 हज़ार 838 पदों की पूर्ति एनएचएम अंतर्गत तथा शेष 18 हज़ार 653 पदों की पूर्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगामी दो वित्तीय वर्षों में की जायेगी।

विभाग द्वारा अलग-अलग पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इनमें 518 चिकित्सा अधिकारी, 854 विशेषज्ञ, चार हज़ार 423 नर्सिंग अधिकारी, 894 लैब तकनीशियन, 85 फिजियोथेरेपिस्ट, 626 ओटी तकनीशियन, 51 काउंसलर, 33 अस्पताल प्रबंधक, 45 अस्पताल अधीक्षक, 16 हज़ार 985 बहु-कुशल समूह डी कार्यकर्ता, 9 हज़ार 366 एएनएम, 165 एलएचवी, 10 हज़ार 179 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, 336 कंप्यूटर ऑपरेटर, 114 अस्पताल सहायक, 1 हज़ार 705 कोल्ड चेन और वैक्सीन लॉजिस्टिक सहायक और 112 वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद शामिल हैं।

लगभग 39 प्रतिशत की हुई वृद्धि
स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्व में स्वीकृत 47 हज़ार 949 नियमित पद स्वीकृत थे। कैबिनेट ने स्वास्थ्य संस्थानों के लिए नवीन 18 हज़ार 653 (जो लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि है) से कुल 66 हज़ार 602 नियमित पद हो जाएंगे। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 7 हज़ार 182, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 हज़ार 346, सिविल अस्पतालों में 2 हज़ार 712 और जिला चिकित्सालयों में 3 हज़ार 458 नवीन पद की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गयी है।

24 घंटे क्रियाशील होंगे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
आईपीएचएस की अनुसंशा अनुसार मानव संसाधन की उपलब्धता से मध्यप्रदेश में समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 24 घंटे क्रियाशील रखा जा सकेगा। समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे प्रसव सुविधाएं उपलब्ध की जा सकेंगी। समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक औषधियां एवं आवश्यक पैथोलॉजी जांचे और आवश्यक प्राथमिक उपचार एवं रेफ़रल सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।

सभी विकास खंडों में क्रियाशील होंगे ब्लड बैंक
समस्त सिविल अस्पताल एवं जिला चिकित्सालयों में आवश्यक नैदानिक जांच जैसे एक्स रे, सोनोग्राफी एवं सीटी स्कैन प्रदान की जा सकेंगी। समस्त विकास खंड में क्रियाशील ब्लड बैंक संचालित किये जा सकेंगे। समस्त शासकीय चिकित्सालयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुसार तैयार किया जा सकेगा, जिससे केंद्र सरकार से अतिरिक्त इंसेंटिव राशि प्राप्त हो सकेगी।

बीमारियों का समय से की जाएगी पहचान
मरीज के स्वास्थ्य पर प्रभाव होने से पहले इलाज करने में सहायता होगी एवं बीमारियों की पहचान करने के लिए स्क्रीनिंग तथा निदान के बाद बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रबंध करना संभव हो सकेगा। संचारी एवं असंचारी रोग तथा अन्य गंभीर बीमारी जैसे मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, हार्ट अटैक, पैरालिसिस आदि का गुणवत्तापूर्ण इलाज संभव हो सकेगा।

नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, टीकाकरण, हाईरिस्क प्रेगनेंसी की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन, सुरक्षित प्रसव एवं परिवार कल्याण संबंधी परामर्श, पीपीआईयूसीडी की सुविधा सुलभ होगी। इससे लंबे समय में मातृ मृत्यु दर में गिरावट लाने में सफलता हासिल होगी। आवश्यक नवजात शिशु देखभाल, शीघ्र स्तनपान, टीकाकरण, कमजोर, बीमार शिशु की शीघ्र पहचान एवं प्रबंधन समुदाय के समीप उपलब्ध होगा। प्रदेश में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर तथा सकल प्रजनन दर में कमी लाई जा सकेगी।

मेडिकल रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन
समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में डेटा डिजिटाइजेशन की दिशा में ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर संचालित किया जाने में नवीन पद सहायक होंगे। रोगियों को ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्राप्त हो सकेगी तथा मरीजों का रिकॉर्ड (डिस्क्रिपशन, जांच तथा अन्य) का भी डिजिटल संग्रहण किया जा सकेगा। रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन का कार्य किया जा सकेगा। समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में ई-फाइलिंग सिस्टम, सीसीटीवी, पीएस सिस्टम इत्यादि जैसे आईटी टूल्स का उपयोग किया जा सकेगा।

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