कोर्ट फैसला – फोटो : अमर उजाला
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नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर में पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या केस में कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया है। ढाई साल पुराने इस केस में बुधवार को सोहागपुर कोर्ट में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एडीजे सुरेश कुमार चौबे ने फैसला सुनाया।
बता दें कि 125 साल के इतिहास में पहली बार सोहागपुर न्यायालय ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। दोषी को पॉक्सो एक्ट और हत्या की धारा में फांसी की सजा सुनाई गई है। मृत्युदंड के लिए डीएनए रिपोर्ट और बच्ची के नाबालिग भाई के बयान आधार बने। दोषी बच्ची का मामा लगता है। अभियोजन की ओर से पैरवी बाबूलाल काकोड़िया, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सोहागपुर एवं शंकरलाल मालवीय अपरलोक अभियोजक ने की।
स्वयं ही विरलतम से विरलतम घटना है और दुष्कर्म सहित हत्या का मामला जो किसी भी दृष्टि से सामान्य नहीं माना जा सकता। न्यायालय द्वारा रामचरित मानस के माध्मय से भी बताने का प्रयास किया गया, जिसमें बताया गया कि अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनू सठ कन्या सम ए चारी। इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधें कछु पाप न होई।
ढाई साल पुराना है मामला
सोहागपुर के एक गांव में 25 दिसंबर 2021 को दोपहर तीन बजे एक पांच साल की मासूम गुम हो गई थी। खोजबीन की गई तो मिली नहीं। बच्ची के माता-पिता ने शाम को शोभापुर पुलिस चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच की तो बच्ची का शव छत पर मिला, जिसे कपड़े से ढंक रखा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने और दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस को शक था कि आरोपी कोई नजदीकी व्यक्ति है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों से पूछताछ के बाद किशन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ था।
घटना से आक्रोशित थे ग्रामीण
दुष्कर्म और हत्या की इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने 26 दिसंबर 2021 को शोभापुर पुलिस चौकी का घेराव किया था। आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। सख्त से सख्त सजा की मांग की जा रही थी। द्वितीय सत्र न्यायाधीश एडीजे सुरेश कुमार चौबे की कोर्ट ने बच्ची के नाबालिग भाई के बयान को महत्वपूर्ण साक्ष्य के तौर पर दर्ज किया। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर किशन के आरोपी होने की पुष्टि हुई।
जिले में फांसी का दूसरा मामला
इससे पहले भी नर्मदापुरम जिले में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। केसला के सुखतवा में सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में उसके फूफा ने ही जंगल में उसके साथ दुष्कर्म किया था। फिर उसकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया था। इटारसी की कोर्ट ने सिर्फ 90 दिन में ही सुनवाई पूरी कर आरोपी फूफा को फांसी की सजा सुनाई थी।
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