न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 16 Aug 2023 03: 50 PM IST
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल के स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव 2023 कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम शिवराज सिंह चौहान – फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री ने शासकीय हमीदिया महाविद्यालय का अत्याधुनिक विशाल सर्व सुविधायुक्त भवन बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कॉलेज में नए विषय भी शुरु किए जाएंगे। इसमें पूर्व विद्यार्थियों और वर्तमान विद्यार्थियों के सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर भोपाल, उच्च शिक्षा विभाग और संबंधित विभागों से संपर्क एवं समन्वय कर इन कार्यों को पूर्ण करवाएंगे। मुख्यमंत्री स्वयं इस महाविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल के स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव 2023 कार्यक्रम में शामिल हुए। महाविद्यालय परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी के समक्ष यह विकल्प होता है कि वह या तो सामान्य जीवन जिए और मौज-मस्ती की जिन्दगी गुजारे या फिर कुछ देश और समाज के लिए बेहतर कार्य कर महान बनने का प्रयास करे। मानव जीवन को व्यर्थ नहीं गंवाना, औरों के लिए जीना उपयोगी जीवन का प्रतीक है। दरअसल जीता वही है जो देश और समाज के लिए जीता है। स्वामी विवेकानंद ने ऐसी ही प्रेरणा दी है। आज सीनियर होने के नाते अपने जूनियर्स को यही संदेश देना चाहता हूँ कि जीवन में कुछ बड़ा और बेहतर करने की सोचें। मुख्यमंत्री चौहान ने महाविद्यालय की कंप्यूटर लैब का शुभारंभ किया। उन्होंने परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया। पुस्तकालय भवन का भी लोकार्पण किया।
पुरानी यादों में खो गए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेज में सभी स्वाभाविक प्रेम और स्नेह से मिलते हैं। स्वार्थ से नहीं। ऐसा लगता है दौड़ कर जाएं और दोस्तों से गले लग जाएं। मुख्यमंत्री ने बताया वे साइकिल से कॉलेज जाते थे। पहले सेफिया कॉलेज जाते थे बाद में हमीदिया। इस महाविद्यालय से अनेक हस्तियां निकली हैं। इनमें भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ. शंकर दयाल शर्मा भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने डॉ. शर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय से बाबूलाल गौर, कैलाश सारंग, लक्ष्मीनारायण शर्मा, नजमा हेपतुल्ला, के.एन. प्रधान, ओ.एन. श्रीवास्तव, जस्टिस फैजानुद्दीन, हसनात सिद्दीकी जैसी हस्तियां पढ़कर निकलीं। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति, उद्योग व्यापार का क्षेत्र। अपना महाविद्यालय अपना ही होता है। आज इस महाविद्यालय के परिसर में आकर अनेक यादें ताजा हो रही हैं।
साथियों की फरमाइश पर सुनाया गीत
मुख्यमंत्री ने अमृत महोत्सव में संबोधन के प्रारंभ में गीत भी सुनाया “अहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तो, ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो…। मुख्यमंत्री ने पूर्व विद्यार्थियों और साथियों की फरमाइश पर एक अन्य गीत सुनाया – “नदिया चले, चले रे धारा, तुझको चलना होगा…।” इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उन्हें भेंट किया गया वर्ष 1978 का फोटो भी देखा और यादें ताजा कीं। मुख्यमंत्री ने रमेश शर्मा “गुट्टू भैया” को भी याद किया। अक्सर “गुट्टू भैया” के भोजनालय पर भोजन भी करते थे। न्यू मार्केट में समता चौक और लिटिल काफी हाउस में मित्रों के साथ मिलने-जुलने और चर्चा के दौर चलते थे।
विवेकाननंद जी मेरे आदर्श, जीवन को उपयोगी बना सकते हैं सभी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जीवन देश और समाज के लिए उपयोगी होना चाहिए। विवेकानंद जी की ये पंक्तियां विद्यार्थियों को याद रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि मनुष्य सिर्फ साढ़े तीन हाथ का हाड़ मांस का पुतला नहीं, वह असीमित शक्तियों का स्वामी है। मनुष्य के लिए कोई कार्य असंभव नहीं। वह सब कार्य कर सकता है जो ठान लेता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह कहना प्रासंगिक होगा क्योंकि आप मेरा ही उदाहरण देखें। मैं छोटे से गांव में साधारण परिवार में पैदा हुआ। मन में लगन थी, कुछ करने की। जिद थी, जुनून था, इसलिए बेहतर कर पाया। इसलिए कहता हूँ आप सभी ऐसा जीवन बना सकते हैं। यह आपके ऊपर है कि आप कैसा सोचते हैं। एक साधारण जीवन जीना है मौज मस्ती की जिंदगी गुजारना है। यह सोचें आज ऐसे जीवन जीना है जो अन्य लोगों के लिए भी उपयोगी हो।
विद्यार्थियों का अनौपचारिक कार्यक्रम भी होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाविद्यालय के साथियों का बार-बार स्मरण किया। इनमें छात्र संघ अध्यक्ष रहे प्रेम ढींगरा, महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के वर्तमान अध्यक्ष देवेन्द्र रावत, महेन्द्र सिंह बुंदेला, छोटा बाबू राय, सुरजीत चौहान और अनेक साथियों का उल्लेख शामिल है। इनमें से अनेक विद्यार्थी आज के महोत्सव में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज के महोत्सव के अलावा महाविद्यालय के पूर्व और वर्तमान विद्यार्थियों के साथ शीघ्र एक अनौपचारिक कार्यक्रम भी करेंगे। यह इस माह या फिर सितंबर में होगी। अतिथि विद्वानों के संबंध में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अतिथि विद्वानों के संबंध में चर्चा के उपरांत निर्णय लिया जाएगा।
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