mp-news:-सीएम-मोहन-यादव-का-बड़ा-फैसला-निगम,-मंडल,-प्राधिकरण-के-अध्यक्ष-पद-मंत्रियों-को-सौंपे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 10 Sep 2024 10: 27 PM IST कैबिनेट बैठक के बाद जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिन उपक्रमों के अध्यक्ष का कार्यभार विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिवों के पास था, उनका कार्यभार अब मंत्रियों को सौंपा जाएगा। यह निर्णय राज्य में प्रशासनिक सुधार और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से लिया गया है। मंत्रालय - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश के सभी निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर मुख्य सचिव (एसीएस) और अन्य आईएएस अधिकारियों को इन पदों से हटा दिया गया है। अब यह जिम्मेदारी अस्थाई तौर पर मंत्रियों को सौंप दी गई है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों में मंत्रियों की सीधी भागीदारी बढ़ेगी। कैबिनेट बैठक के बाद जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिन उपक्रमों के अध्यक्ष का कार्यभार विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिवों के पास था, उनका कार्यभार अब मंत्रियों को सौंपा जाएगा। यह निर्णय राज्य में प्रशासनिक सुधार और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से लिया गया है। ऐसे उपक्रम जहां नियमों में अध्यक्ष की नियुक्ति या मनोनयन के लिए विशेष व्यवस्था है, वहां अध्यक्ष पद का प्रभार उसी प्राधिकारी के पास रहेगा, जिसका उल्लेख नियमों में है। अन्य उपक्रमों में मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। इस फैसले से राज्य की प्रशासनिक और राजनीतिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारियों से निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है, और साथ ही राज्य के विकास कार्यों में गति लाई जा सकेगी। राजनीतिक नियुक्तियां टली बता दें, प्रदेश के विभिन्न निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों का लंबे से इंतजार किया जा रहा था। इस फैसले से इनमें नियुक्तियों का रास्ता ताक रहे भाजपा नेताओं को निराशा हो सकती है। जानकार सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों को प्रभार सौंपने का फैसला अभी अस्थाई तौर पर किया गया है। राजनीतिक नियुक्तियों के बाद मंत्रियों से निगम मंडलों का प्रभार वापस लिया जा सकता है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 10 Sep 2024 10: 27 PM IST

कैबिनेट बैठक के बाद जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिन उपक्रमों के अध्यक्ष का कार्यभार विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिवों के पास था, उनका कार्यभार अब मंत्रियों को सौंपा जाएगा। यह निर्णय राज्य में प्रशासनिक सुधार और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से लिया गया है। मंत्रालय – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश के सभी निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर मुख्य सचिव (एसीएस) और अन्य आईएएस अधिकारियों को इन पदों से हटा दिया गया है। अब यह जिम्मेदारी अस्थाई तौर पर मंत्रियों को सौंप दी गई है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों में मंत्रियों की सीधी भागीदारी बढ़ेगी।

कैबिनेट बैठक के बाद जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिन उपक्रमों के अध्यक्ष का कार्यभार विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिवों के पास था, उनका कार्यभार अब मंत्रियों को सौंपा जाएगा। यह निर्णय राज्य में प्रशासनिक सुधार और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से लिया गया है।

ऐसे उपक्रम जहां नियमों में अध्यक्ष की नियुक्ति या मनोनयन के लिए विशेष व्यवस्था है, वहां अध्यक्ष पद का प्रभार उसी प्राधिकारी के पास रहेगा, जिसका उल्लेख नियमों में है। अन्य उपक्रमों में मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। इस फैसले से राज्य की प्रशासनिक और राजनीतिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारियों से निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है, और साथ ही राज्य के विकास कार्यों में गति लाई जा सकेगी।

राजनीतिक नियुक्तियां टली
बता दें, प्रदेश के विभिन्न निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों का लंबे से इंतजार किया जा रहा था। इस फैसले से इनमें नियुक्तियों का रास्ता ताक रहे भाजपा नेताओं को निराशा हो सकती है। जानकार सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों को प्रभार सौंपने का फैसला अभी अस्थाई तौर पर किया गया है। राजनीतिक नियुक्तियों के बाद मंत्रियों से निगम मंडलों का प्रभार वापस लिया जा सकता है।

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